देहरादून: मनहानि केस में गुजरात की सूरत कोर्ट से दो साल की सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता भी चली गई. लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता को रद्द कर दिया है. लोकसभा से राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने पर कांग्रेस ने अपना गुस्सा जाहिर किया. इस मामले पर कांग्रेस के तमाम बड़े नेता बीजेपी पर कटाक्ष करने में लगे हुए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि केंद्र सरकार लोकसभा में राहुल गांधी की उपस्थिति से घबरा गई है.
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"राहुल गांधी जी ने सत्य ही कहा था कि लोकतंत्र खतरे में है"
— Karan Mahara (@KaranMahara_INC) March 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
तानाशाह के इन षड्यंत्रों से कांग्रेस की आवाज को दबाया नहीं जा सकता, अब हम लोकतंत्र की आवाज और मजबूती से उठते हुए जनता के बीच जायेंगे उसी ताकत से 2024 में अहंकार से ग्रसित और डरी हुई इस मोदी सरकार को उखाड़ने का काम करेंगे। pic.twitter.com/7VoK1z2AS8
">"राहुल गांधी जी ने सत्य ही कहा था कि लोकतंत्र खतरे में है"
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तानाशाह के इन षड्यंत्रों से कांग्रेस की आवाज को दबाया नहीं जा सकता, अब हम लोकतंत्र की आवाज और मजबूती से उठते हुए जनता के बीच जायेंगे उसी ताकत से 2024 में अहंकार से ग्रसित और डरी हुई इस मोदी सरकार को उखाड़ने का काम करेंगे। pic.twitter.com/7VoK1z2AS8
हरीश रावत ने कहा कि जिस तरह के हड़बड़ी में सरकार ने राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता समाप्त की है, उससे साफ पता चलता है कि केंद्र सरकार लोकसभा में राहुल गांधी की उपस्थिति से घबरा गई है. वो जानते हैं कि लोकसभा अध्यक्ष को राहुल गांधी को अपनी बात रखने का समय देना पड़ेगा. यदि समय दिया जाएगा वो सब सामने आ जाएगा कि किस तरह के अडाणी को पृष्ठ पोषण हुआ है. अडाणी को दूसरे नंबर का मालदार बनाने के लिए केंद्र सरकार ने किस तरह देश संसाधनों की लुटाया है, वो सब सच सामने आ जाएगा.
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हरीश रावत का कहना है कि लोकसभा में राहुल गांधी इन सब तत्थों को सबके सामने रखकर कुछ लोगों को एक्सपोज कर देंगे. बीजेपी इस तगड़े झटके को संभाल नहीं पाएगी. यही कारण है कि उन्होंने राहुल गांधी की सदस्यता को समाप्त करने के लिए कोर्ट के निर्णय को इतनी हड़बड़ी में लागू किया. जबकि कोर्ट कहता है कि एक महीने में हाईकोर्ट में अपील की जा सकती है, लेकिन राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त करने की हड़बड़ाहट में सरकार दो दिन भी इंतजार नहीं करना चाहती है.
हरीश रावत का मानना है कि सरकार के इस फैसले से साफ पता चलता है कि अडाणी को बचाना है तो राहुल गांधी की सदस्यता को समाप्त करना है. उन्होंने देश के प्रतिपक्ष को धन्यवाद अदा करते हुए कहा कि सब एकजुट होकर खड़े हो रहे हैं और सब ने मिलकर इस पर चिंता जाहिर की है.
वहीं, इस मामले पर उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा का भी बयान आया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि राहुल गांधी ने सत्य कहा था कि लोकतंत्र खतरे में है. तानाशाह के इन पड्यंत्रों से कांग्रेस की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है. कांग्रेस लोकतंत्र की आवाज और मजबूती से उठते हुए जनता के बीच जायेंगी. 2024 में कांग्रेस अहंकार से ग्रसित और डरी हुई इस मोदी सरकार को उखाड़ने का काम करेंगी.
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उन्होंने कहा कि लोकतंत्र बचाने की लड़ाई को कांग्रेस न्यायालय और जनता के दरबार में भी लेकर जाएगी. हरीश रावत ने 1978 का जिक्र करते हुए कहा कि 1978 और 1979 का इतिहास एक बार फिर से दोहराया जाएगा, क्योंकि तब भी गांधी और नेहरू परिवार पर हमले हुए थे. तब भी समूचा देश एकजुट हो गया था. उन्होंने कहा 1980 में इंदिरा लाओ देश बचाओ का नारा भी गूंजा था, अब 2024 में देश को बचाने के लिए एक अभूतपूर्व अवसर प्रदान कर रहा है.
बता दें कि सूरत की एक कोर्ट ने मोदी उपनाम से जुड़े बयान को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ साल 2019 में आपराधिक मानहानि की मुकदमा दर्ज किया था, जिस पर सूरत कोर्ट ने गुरुवार 23 मार्च को अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी मानते दो साल की सजा सुनाई है.