देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की बात उठाई है. उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से इस बात पर जोर देते हुए कहा कि यदि हम लोकल बनाम लोकल, स्थानीय मुद्दे बनाम स्थानीय मुद्दे की लड़ाई लड़ना चाहते हैं तो हमें भी मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए किसी को आगे करना पड़ेगा.
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि एक मेलोडियस गाना है- ताल्लुक यदि बोझ बन जाए, इसी तर्ज पर अपने दोस्तों से कहना चाहते हैं कि यदि परंपराएं रास्ते में बाधक बन जाएं तो उन्हें तोड़ना ही बेहतर होता है. आज लोग स्पष्ट तौर पर चुनाव में निर्णय करने से पहले बेहतर को देखते हैं. भाजपा इस खांचे में मोदी को डाल देती है. ऐसे में अगर हमें लोकल बनाम लोकल और स्थानीय मुद्दे बनाम स्थानीय मुद्दे करने हैं तो हमें मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए किसी को आगे करना होगा. ऐसे में वो सब के साथ हैं. मुख्यमंत्री का निर्धारण अवश्य जब हमारे सदस्य चुन के आएंगे तभी होगा, लेकिन चुनाव की रणनीति तो हमको तैयार करनी ही होगी.
पढ़ें- कैबिनेट मंत्री और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, कहा- बनाएंगे सपनों का उत्तराखंड
उन्होंने उत्तराखंड का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्रियों को हराने की परंपराएं बहुत गहरी हैं. कुछ लोग तीरथ सिंह रावत का बिस्मिल्लाह खराब करना चाहते हैं. उन लोगों को ध्यान रहे कि पौड़ी में भी हमारे पास मुख्यमंत्री को हराने वाला एक व्यक्तित्व मौजूद है. इतिहास कभी-कभी अपने को दोहराने के लिए बेचैन रहता है.