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एक साथ जलती तीन चिता देख रो पड़े वन मंत्री हरक सिंह रावत, इतने रुपये मुआवजा देने का किया एलान

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Published : Jul 2, 2019, 11:55 PM IST

कोटद्वार में बारिश का पानी घर में घुसने के बाद फैले करंट से तीन लोगों की मौत को सरकार दैवीय आपदा घोषित किया है. साथ ही मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की है.

एक साथ जलती तीन चिता देख रो पड़े वन मंत्री हरक सिंह रावत

कोटद्वारः कौड़िया गब्बर सिंह कैंप इलाके में एक घर में घुसे बारिश के पानी में करंट फैलने से तीन युवकों की मौत हो गई. इस घटना को दैविक आपदा मानते हुए सरकार ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये देने की घोषणा की है. वहीं, मृतकों के अंतिम संस्कार में पहुंचे वन मंत्री हरक सिंह रावत काफी भावुक नजर आए. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना दोबारा ना हो इसके लिए पनियाली गधेरे के किनारे मौजूद सभी अतिक्रमण को हर हालत में हटाया जाएगा.

एक साथ जलती तीन चिता देख रो पड़े वन मंत्री हरक सिंह रावत.

कोटद्वार के गाड़ी घाट स्थित मुक्तिधाम में मृतकों के अंतिम संस्कार में पहुंचे वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने कहा कि बारिश के पानी में करंट फैलने के कारण तीन युवकों की मौत हुई है. पिछली बार भी पनियाली गधेरे में बनी पुलिया के पास पेड़ फंसने से लोगों के घरों में पानी घुस गया था. इस बार भी पुलिया पर एक टेंकर और मिक्सर मशीन फंसने के कारण रिहायसी इलाकों में पानी घुसा है.

ये भी पढ़ेंः न्याय के लिए मंत्री हरक सिंह रावत के सामने गिड़गिड़ाता रहा युवक, राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु

उन्होंने कहा कि रविवार को ही घटनास्थल से बिजली का पोल शिफ्ट किया गया था. बिजली विभाग के कर्मचारियों ने पोल को सही तरीके से चेक नहीं किया था. जिसकी वजह से ये हादसा हुआ है. साथ ही कहा कि शहर से गुजरने वाले सभी गधेरों और नदियों का प्रशासन की ओर से निरीक्षण किया जाएगा. पानी के बहाव में रुकावट आने वाले सभी अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने इसे दैवीय आपदा घोषित किया है. मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की दी जाएगी.

कोटद्वारः कौड़िया गब्बर सिंह कैंप इलाके में एक घर में घुसे बारिश के पानी में करंट फैलने से तीन युवकों की मौत हो गई. इस घटना को दैविक आपदा मानते हुए सरकार ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये देने की घोषणा की है. वहीं, मृतकों के अंतिम संस्कार में पहुंचे वन मंत्री हरक सिंह रावत काफी भावुक नजर आए. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना दोबारा ना हो इसके लिए पनियाली गधेरे के किनारे मौजूद सभी अतिक्रमण को हर हालत में हटाया जाएगा.

एक साथ जलती तीन चिता देख रो पड़े वन मंत्री हरक सिंह रावत.

कोटद्वार के गाड़ी घाट स्थित मुक्तिधाम में मृतकों के अंतिम संस्कार में पहुंचे वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने कहा कि बारिश के पानी में करंट फैलने के कारण तीन युवकों की मौत हुई है. पिछली बार भी पनियाली गधेरे में बनी पुलिया के पास पेड़ फंसने से लोगों के घरों में पानी घुस गया था. इस बार भी पुलिया पर एक टेंकर और मिक्सर मशीन फंसने के कारण रिहायसी इलाकों में पानी घुसा है.

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उन्होंने कहा कि रविवार को ही घटनास्थल से बिजली का पोल शिफ्ट किया गया था. बिजली विभाग के कर्मचारियों ने पोल को सही तरीके से चेक नहीं किया था. जिसकी वजह से ये हादसा हुआ है. साथ ही कहा कि शहर से गुजरने वाले सभी गधेरों और नदियों का प्रशासन की ओर से निरीक्षण किया जाएगा. पानी के बहाव में रुकावट आने वाले सभी अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने इसे दैवीय आपदा घोषित किया है. मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की दी जाएगी.

Intro:भारत सरकार की उड़ान योजना के अंतर्गत टिहरी झील में सी-प्लेन उतारने की अंतिम कार्यवाही बुधवार को पूरी हो जाएगी। इसके लिए बुधवार को सचिवालय में भारत सरकार का सिविल एविएशन डिपार्टमेंट, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और उत्तराखंड राज्य का सिविल एविएशन डिपार्टमेंट के बीच करार होना है। और इस योजना में तीनों डिपार्टमेंट की भागीदार को भी सुनिश्चित किया जाएगा। और आगे इसके अनुसार अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। 



Body:आपको बता दे कि पिछले साल भारत सरकार ने राज्य सरकार को सी-प्लेन चलाने के लिए प्रस्ताव भेजा था। जिसके बाद उत्तराखंड सरकार ने टिहरी झील में सी-प्लेन उतारने के संबंध में पिछले साल दिसंबर महीने में हुई कैबिनेट की बैठक में इजाजत दे दी थी। साथ ही टिहरी में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा देने के मकसद से राज्य सरकार ने जल्द से जल्द टिहरी झील में सी-प्लेन उतारने के काम में जुट गई थी।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि टिहरी झील में सी- प्लेन चलना, भारत सरकार की उड़ान योजना का ही एक पहलू है। और पहले ही भारत सरकार के विशेषज्ञों द्वारा टिहरी झील का निरीक्षण किया जा चुका है और विशेषज्ञों ने उत्तराखंड सरकार को निरीक्षण का रिपोर्ट पहले ही सौप चुकी थी। कि टिहरी झील में सी-प्लेन चलाने की जगह उचित है। और इस योजना को आगे बढ़ाते हुए तीनो पार्टियों के बीच बुधवार को समझोता किया जाएगा। और तीनों पार्टियों को उनकी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। 

साथ ही बताया कि भारत सरकार की सिविल एबीसी डिपार्टमेंट, टेंडर की प्रक्रिया करेगी और जो भी कंपनी उचित पार्टी, टिहरी झील में काम करने के लिए तैयार होगी वह यहां पर सेवाएं प्रदान करेगी। इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार का काम होगा कि इस योजना को शुरू करने के लिए जो भी फैसिलिटी की जरूरत होगी उसकी व्यवस्था राज्य सरकार करेगा।


Conclusion:
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