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बेटे की शहादत के बाद बहू ने सेना में संभाली कमान, गर्व से फूला परिवार का सीना

शहीद जवान दीपक की पत्नी ज्योति नैनवाल के सेना में लेफ्टिनेंट बनने से परिवार में हर्ष का माहौल है.

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बेटे की शहादत के बाद बहू ने सेना में संभाली कमान
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Published : Nov 20, 2021, 8:28 PM IST

Updated : Nov 20, 2021, 10:39 PM IST

देहरादून: शहीद नायक दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति नैनवाल आज चेन्‍नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से पास आउट हो गई हैं. ज्योति के पास आउट होने के बाद उनके परिवार में खुशी की माहौल है. शहीद दीपक के परिजनों के लिए ये वाकई में गौरवान्नित करने वाला पल है. ज्योति की जिंदादिली और उपलब्धि पर परिजन फूले नहीं समा रहे हैं. हर कोई इस मौके पर शहीद दीपक को याद कर रहा है. ज्योति भी जीवन के इस खास मौके पर परिवार को याद करती दिखी. पासिंग आउट परेड के दौरान उनके दोनों बच्‍चे भी उनके साथ मौजूद रहे.

ओटीए चेन्नई से पास आउट हुई ज्योति नैनवाल: 10 अप्रैल 2018 को कश्मीर के कुलगाम में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए उत्तराखंड के लाल जवान दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति नैनवाल ने भी पति के सपना पूरा करते हुए देश सेवा परंपरा को आगे बढ़ा शनिवार सेना में बतौर लेफ्टिनेंट ऑफिसर का पद प्राप्त किया. शनिवार 20 नवंबर 2021 को ओटीए चेन्नई में हुए पास आउट होकर सेना में डायरेक्ट कमीशन के रूप में शहीद की पत्नी ज्योति नैनवाल के लेफ्टिनेंट बनते ही परिवार में खुशियां छा गई.

बेटे की शहादत के बाद बहू ने सेना में संभाली कमान

पढ़ें-जम्मू-कश्मीर में शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी बनीं सेना में अफसर, बेटे को मां पर गर्व

पति से ली देश सेवा की प्रेरणा: 1st महार रेजीमेंट के शहीद दीपक की पत्नी ज्योति नैनवाल रविवार को देहरादून हर्रावाला स्थित अपने घर पहुंच रही हैं. जहां उनके स्वागत में भव्य आयोजन किया जाएगा. शहीद दीपक नैनवाल के परिवार के मुताबिक उनकी बहू ज्योति नैनवाल ने पति के आतंकी हमले में घायल होने के 40 दिन तक अस्पताल में रहने के दौरान ही देश सेवा और परिवार का नाम रोशन करने के प्रेरणा ली. उसी का नतीजा रहा है कि अपने बच्चों को छोड़ एक साल पहले ज्योति ने ओटीए चेन्नई में आर्मी ज्वाइन की. जिसके बाद वह शनिवार पास आउट हुई.

पढ़ें- उत्तराखंड में केजरीवाल ने की वादों की बौछार, 6 महीने में 1 लाख नौकरी और 5 हजार का भत्ता

दीपक के देश सेवा के जुनून को आगे बढ़ा रही ज्योति: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शहीद दीपक नैनवाल के भाई प्रदीप नैनवाल ने बताया कि बेशक भाई के जाने से उनकी पूरी दुनिया बेरंग हो गई है लेकिन जिस तरह से भाई दीपक को देश सेवा का जुनून था उसी जुनून को भाभी ज्योति ने आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया है. उससे पूरा परिवार आज बेहद गर्व महसूस कर रहा है.

पढ़ें- 'रोजगार के अभाव में उत्तराखंड से पलायन करने को मजबूर युवा'

बेटे को खोने का गम जिंदगी भर रहेगा: शहीद दीपक नैनवाल की मां पार्वती नैनवाल आज भी आंखों में आंसू लेकर बेटे को याद कर करती हैं. वो कहती हैं कि दीपक के जाने से हमारी दुनिया ही उजड़ गई, लेकिन आज इस बात की तसल्ली है कि उसी के देश सेवा के जज्बे को ज्योति आगे बढ़ा रही है. दीपक की मां कहती है हर बार-त्योहार दीपक की याद आती है. उन्होंने बताया दीपक को जब आतंकियों गोली लगने के बाद 40 दिन तक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा था तब भी उसने हिम्मत न हारने की बात कही थी. साथ ही उसने कहा अगर वह चल भी जाये तो तब भी सेना में देश सेवा के भाव को आगे बढ़ाते रहना. शहीद दीपक की मां को इसी बात की तसल्ली है कि आज उनके बेटे ख्वाइसों को उनकी बहू पूरा कर रही है.

पढ़ें- उत्तराखंड में केजरीवाल ने की वादों की बौछार, 6 महीने में 1 लाख नौकरी और 5 हजार का भत्ता

शहीद दीपक की तीन पीढ़ियां सेना सेवा में हैं: शहीद दीपक के भाई प्रदीप के अनुसार उनकी तीन पीढ़ियां सेना से जुड़ी रही हैं. उनके दादा सुरेशानंद नैनवाल स्वतंत्रता सेनानी थे. उनके पिता चक्रधर नैनवाल 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध से लेकर कारगिल युद्ध तक देश सेवा करते रहे. तीसरी पीढ़ी के रूप में भाई दीपक फर्स्ट महार रेजीमेंट भर्ती हुआ था. अब शहीद दीपक की पत्नी ज्योति ने देश सेवा का बीड़ा उठाया है. जिससे दीपक का सपना पूरा हो गया है.

पढ़ें- ज्योति नैनवाल में उतर आया शहीद पति दीपक जैसा जुनून, पहनेंगी सैन्य वर्दी

राज्य सरकार से नाराज है शहीद दीपक का परिवार: ईटीवी भारत से बातचीत में प्रदीप नैनवाल बताते हैं कि भाई के शहीद होने के बाद साल 2018 में राज्य सरकार ने तमाम तरह की घोषणाएं परिवार के लिए की थी, मगर ये सारी घोषणाएं कागजों पर ही दम तोड़ कर रह गई है. परिवार को आजतक राज्य सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली है. प्रदीप के मुताबिक उनके घर के आगे की छोटी सी सड़क को भी आज आज तक सरकार और स्थानीय विधायक नहीं बना सके हैं. भाई के शहीद होने के बाद सरकार से नौकरी या किसी तरह की कोई अन्य मदद भी नहीं मिली है. उन्होंने कहा इसका उन्हें कोई अफसोस नहीं है. खुशी बस इस बात की है कि देशसेवा की परंपरा को निभाते हुए आज ज्योति सेना में शामिल हो गई हैं.

बता दें देहरादून के हर्रावाला निवासी नायक दीपक नैनवाल दस अप्रैल 2018 को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकी मुठभेड़ में घायल हुए थे. उन्हें तीन गोलियां लगीं थी. वह एक माह तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ते रहे. 20 मई 2018 को शहीद हो गए थे. जिसके बाद ज्योति ने अपने पति की ही तरह देश सेवा की राह चुनी. जिसका नतीजा है कि आज वे सेना में सैन्य अफसर बन गई हैं.

देहरादून: शहीद नायक दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति नैनवाल आज चेन्‍नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से पास आउट हो गई हैं. ज्योति के पास आउट होने के बाद उनके परिवार में खुशी की माहौल है. शहीद दीपक के परिजनों के लिए ये वाकई में गौरवान्नित करने वाला पल है. ज्योति की जिंदादिली और उपलब्धि पर परिजन फूले नहीं समा रहे हैं. हर कोई इस मौके पर शहीद दीपक को याद कर रहा है. ज्योति भी जीवन के इस खास मौके पर परिवार को याद करती दिखी. पासिंग आउट परेड के दौरान उनके दोनों बच्‍चे भी उनके साथ मौजूद रहे.

ओटीए चेन्नई से पास आउट हुई ज्योति नैनवाल: 10 अप्रैल 2018 को कश्मीर के कुलगाम में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए उत्तराखंड के लाल जवान दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति नैनवाल ने भी पति के सपना पूरा करते हुए देश सेवा परंपरा को आगे बढ़ा शनिवार सेना में बतौर लेफ्टिनेंट ऑफिसर का पद प्राप्त किया. शनिवार 20 नवंबर 2021 को ओटीए चेन्नई में हुए पास आउट होकर सेना में डायरेक्ट कमीशन के रूप में शहीद की पत्नी ज्योति नैनवाल के लेफ्टिनेंट बनते ही परिवार में खुशियां छा गई.

बेटे की शहादत के बाद बहू ने सेना में संभाली कमान

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पति से ली देश सेवा की प्रेरणा: 1st महार रेजीमेंट के शहीद दीपक की पत्नी ज्योति नैनवाल रविवार को देहरादून हर्रावाला स्थित अपने घर पहुंच रही हैं. जहां उनके स्वागत में भव्य आयोजन किया जाएगा. शहीद दीपक नैनवाल के परिवार के मुताबिक उनकी बहू ज्योति नैनवाल ने पति के आतंकी हमले में घायल होने के 40 दिन तक अस्पताल में रहने के दौरान ही देश सेवा और परिवार का नाम रोशन करने के प्रेरणा ली. उसी का नतीजा रहा है कि अपने बच्चों को छोड़ एक साल पहले ज्योति ने ओटीए चेन्नई में आर्मी ज्वाइन की. जिसके बाद वह शनिवार पास आउट हुई.

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दीपक के देश सेवा के जुनून को आगे बढ़ा रही ज्योति: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शहीद दीपक नैनवाल के भाई प्रदीप नैनवाल ने बताया कि बेशक भाई के जाने से उनकी पूरी दुनिया बेरंग हो गई है लेकिन जिस तरह से भाई दीपक को देश सेवा का जुनून था उसी जुनून को भाभी ज्योति ने आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया है. उससे पूरा परिवार आज बेहद गर्व महसूस कर रहा है.

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बेटे को खोने का गम जिंदगी भर रहेगा: शहीद दीपक नैनवाल की मां पार्वती नैनवाल आज भी आंखों में आंसू लेकर बेटे को याद कर करती हैं. वो कहती हैं कि दीपक के जाने से हमारी दुनिया ही उजड़ गई, लेकिन आज इस बात की तसल्ली है कि उसी के देश सेवा के जज्बे को ज्योति आगे बढ़ा रही है. दीपक की मां कहती है हर बार-त्योहार दीपक की याद आती है. उन्होंने बताया दीपक को जब आतंकियों गोली लगने के बाद 40 दिन तक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा था तब भी उसने हिम्मत न हारने की बात कही थी. साथ ही उसने कहा अगर वह चल भी जाये तो तब भी सेना में देश सेवा के भाव को आगे बढ़ाते रहना. शहीद दीपक की मां को इसी बात की तसल्ली है कि आज उनके बेटे ख्वाइसों को उनकी बहू पूरा कर रही है.

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शहीद दीपक की तीन पीढ़ियां सेना सेवा में हैं: शहीद दीपक के भाई प्रदीप के अनुसार उनकी तीन पीढ़ियां सेना से जुड़ी रही हैं. उनके दादा सुरेशानंद नैनवाल स्वतंत्रता सेनानी थे. उनके पिता चक्रधर नैनवाल 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध से लेकर कारगिल युद्ध तक देश सेवा करते रहे. तीसरी पीढ़ी के रूप में भाई दीपक फर्स्ट महार रेजीमेंट भर्ती हुआ था. अब शहीद दीपक की पत्नी ज्योति ने देश सेवा का बीड़ा उठाया है. जिससे दीपक का सपना पूरा हो गया है.

पढ़ें- ज्योति नैनवाल में उतर आया शहीद पति दीपक जैसा जुनून, पहनेंगी सैन्य वर्दी

राज्य सरकार से नाराज है शहीद दीपक का परिवार: ईटीवी भारत से बातचीत में प्रदीप नैनवाल बताते हैं कि भाई के शहीद होने के बाद साल 2018 में राज्य सरकार ने तमाम तरह की घोषणाएं परिवार के लिए की थी, मगर ये सारी घोषणाएं कागजों पर ही दम तोड़ कर रह गई है. परिवार को आजतक राज्य सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली है. प्रदीप के मुताबिक उनके घर के आगे की छोटी सी सड़क को भी आज आज तक सरकार और स्थानीय विधायक नहीं बना सके हैं. भाई के शहीद होने के बाद सरकार से नौकरी या किसी तरह की कोई अन्य मदद भी नहीं मिली है. उन्होंने कहा इसका उन्हें कोई अफसोस नहीं है. खुशी बस इस बात की है कि देशसेवा की परंपरा को निभाते हुए आज ज्योति सेना में शामिल हो गई हैं.

बता दें देहरादून के हर्रावाला निवासी नायक दीपक नैनवाल दस अप्रैल 2018 को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकी मुठभेड़ में घायल हुए थे. उन्हें तीन गोलियां लगीं थी. वह एक माह तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ते रहे. 20 मई 2018 को शहीद हो गए थे. जिसके बाद ज्योति ने अपने पति की ही तरह देश सेवा की राह चुनी. जिसका नतीजा है कि आज वे सेना में सैन्य अफसर बन गई हैं.

Last Updated : Nov 20, 2021, 10:39 PM IST

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