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आपराधिक मामलों में विदेशी बने पुलिस की परेशानी, आंकड़ों से समझिए हालात

उत्तराखंड में आपराधिक मामलों में विदेशियों की संख्या लगातार (Criminal Cases in Uttarakhand) बढ़ रही है. उत्तराखंड में साल 2021 में कुल इस तरह के 13 मामले(13 cases of foreign criminals in 2021) सामने आए. 2019 में इस तरह के 53 मुकदमे (53 cases filed against foreign criminals in 2019) दर्ज हुए, जो कि अभी तक सबसे ज्यादा है. विदेशी नागरिकों पर आपराधिक मुकदमे को लेकर सबसे आगे बांग्लादेशी (Bangladeshis at the forefront of criminal cases) हैं, इसके बाद नाइजीरिया के नागरिकों पर भी मुकदमों की संख्या काफी ज्यादा है.

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आपराधिक मामलों में विदेशी बने पुलिस की परेशानी
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Published : Dec 3, 2022, 12:27 PM IST

Updated : Dec 3, 2022, 3:39 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में महिलाओं को लेकर बढ़ते अपराध जहां पहले ही पुलिस महकमे के लिए चुनौती बने हुए हैं, तो वहीं पिछले कुछ सालों में विदेशियों की भी आपराधिक मामलों में संलिप्तता (Foreigners in criminal cases in Uttarakhand) ने महकमे को चौकन्ना कर दिया है. राज्य में ऐसे हर साल 10 से ज्यादा मामले रिकॉर्ड किये जा रहे हैं. साल 2019 में इस तरह के 53 मुकदमे (53 cases filed against foreign criminals in 2019) दर्ज हुए, जो कि अभी तक सबसे ज्यादा हैं.

विदेशी यात्रियों को लेकर कुछ सख्त नियमों के साथ संबंधित देश की कुछ जिम्मेदारियां भी तय हैं. यही प्रोटोकॉल तब ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है जब विदेशियों की आपराधिक मामलों में संलिप्तता सामने आने लगते हैं. उत्तराखंड पुलिस भी इन दिनों विदेशी यात्रियों पर आपराधिक मुकदमों से जुड़ी संवेदनशील स्थितियों से जूझ रही है. खबर ये है कि पिछले कुछ सालों में विदेशियों पर अपराधिक मुकदमा की संख्या बढ़ी है. यह आंकड़ा बेहद ज्यादा नहीं है लेकिन उत्तराखंड जैसे राज्य के लिए इन मामलों में सामान्य बढ़ोत्तरी भी चिंता का विषय है.

पढे़ं- इंसानों पर गुलदारों के हमले बढ़ने की सर्दियां है वजह, तीन सालों में 250 से ज्यादा हुए हमले

विदेशी यात्रियों पर आपराधिक मुकदमों को लेकर एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन कहते हैं कि विदेशी नागरिकों को लेकर जो गाइडलाइन और नियम हैं उसके अनुसार पुलिस ऐसे मामलों में कार्रवाई करती है. यह मामले विदेशी नागरिकों से जुड़े होने के चलते बेहद संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ पुलिस हैंडल करती है. पुलिस के साथ ही खुफिया विभाग भी लगातार इन लोगों पर नजर रखता है.

आपराधिक मामलों में विदेशी बने पुलिस की परेशानी

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उत्तराखंड में विदेशी नागरिकों पर मुकदमों की संख्या पिछले 5 सालों में कुछ बढ़ी है, जबकि 2017 से पहले यह आंकड़ा बेहद कम रहता था. विदेशी नागरिकों पर मुकदमे से जुड़े क्या है आंकड़े देखिए...

  1. उत्तराखंड में साल 2021 में कुल 13 मामले आए.
  2. इससे पहले लॉकडाउन के दौरान भी 2020 में 13 ही मुकदमे दर्ज किए गए
  3. इससे पहले 2019 में अब तक के सबसे ज्यादा 53 मुकदमे दर्ज हुए.
  4. 2018 में 12 मामले तो 2017 में 19 मुकदमे दर्ज हुए
  5. इससे पहले विदेशी नागरिकों पर आपराधिक मुकदमों की संख्या बेहद कम रही
  6. 2016 में 01 मामला सामने आया.
  7. 2015 में 5 और 2014 में विदेशी नागरिकों पर एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ.
  8. इससे पूर्व के सालों में भी यही स्थिति रही.

उत्तराखंड में विदेशी नागरिकों को लेकर अधिकतर मामले foreigner रजिस्ट्रेशन एक्ट से जुड़े हैं. इसके अलावा सबसे ज्यादा मामले नशाखोरी यानी नारकोटिक्स एक्ट, धोखाधड़ी और जालसाजी के तहत दर्ज किये गए हैं.

पढे़ं-छेड़खानी से तंग आकर छात्रा ने छोड़ा स्कूल, दो पड़ोसी युवकों के खिलाफ पुलिस को दी तहरीर

बता दें देशभर में ही विदेशी नागरिकों पर आपराधिक मुकदमे को लेकर सबसे आगे बांग्लादेशी हैं, इसके बाद नाइजीरिया के नागरिकों पर भी मुकदमों की संख्या काफी ज्यादा हैं. पाकिस्तान, सूडान, रूस, अमेरिका, यमन, ईरान और चीन के नागरिक भी सबसे ज्यादा foreigner रजिस्ट्रेशन एक्ट, और नार्कोटिक के साथ जालसाजी और धोखाधड़ी के मामलों में आरोपी हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में महिलाओं को लेकर बढ़ते अपराध जहां पहले ही पुलिस महकमे के लिए चुनौती बने हुए हैं, तो वहीं पिछले कुछ सालों में विदेशियों की भी आपराधिक मामलों में संलिप्तता (Foreigners in criminal cases in Uttarakhand) ने महकमे को चौकन्ना कर दिया है. राज्य में ऐसे हर साल 10 से ज्यादा मामले रिकॉर्ड किये जा रहे हैं. साल 2019 में इस तरह के 53 मुकदमे (53 cases filed against foreign criminals in 2019) दर्ज हुए, जो कि अभी तक सबसे ज्यादा हैं.

विदेशी यात्रियों को लेकर कुछ सख्त नियमों के साथ संबंधित देश की कुछ जिम्मेदारियां भी तय हैं. यही प्रोटोकॉल तब ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है जब विदेशियों की आपराधिक मामलों में संलिप्तता सामने आने लगते हैं. उत्तराखंड पुलिस भी इन दिनों विदेशी यात्रियों पर आपराधिक मुकदमों से जुड़ी संवेदनशील स्थितियों से जूझ रही है. खबर ये है कि पिछले कुछ सालों में विदेशियों पर अपराधिक मुकदमा की संख्या बढ़ी है. यह आंकड़ा बेहद ज्यादा नहीं है लेकिन उत्तराखंड जैसे राज्य के लिए इन मामलों में सामान्य बढ़ोत्तरी भी चिंता का विषय है.

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विदेशी यात्रियों पर आपराधिक मुकदमों को लेकर एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन कहते हैं कि विदेशी नागरिकों को लेकर जो गाइडलाइन और नियम हैं उसके अनुसार पुलिस ऐसे मामलों में कार्रवाई करती है. यह मामले विदेशी नागरिकों से जुड़े होने के चलते बेहद संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ पुलिस हैंडल करती है. पुलिस के साथ ही खुफिया विभाग भी लगातार इन लोगों पर नजर रखता है.

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उत्तराखंड में विदेशी नागरिकों पर मुकदमों की संख्या पिछले 5 सालों में कुछ बढ़ी है, जबकि 2017 से पहले यह आंकड़ा बेहद कम रहता था. विदेशी नागरिकों पर मुकदमे से जुड़े क्या है आंकड़े देखिए...

  1. उत्तराखंड में साल 2021 में कुल 13 मामले आए.
  2. इससे पहले लॉकडाउन के दौरान भी 2020 में 13 ही मुकदमे दर्ज किए गए
  3. इससे पहले 2019 में अब तक के सबसे ज्यादा 53 मुकदमे दर्ज हुए.
  4. 2018 में 12 मामले तो 2017 में 19 मुकदमे दर्ज हुए
  5. इससे पहले विदेशी नागरिकों पर आपराधिक मुकदमों की संख्या बेहद कम रही
  6. 2016 में 01 मामला सामने आया.
  7. 2015 में 5 और 2014 में विदेशी नागरिकों पर एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ.
  8. इससे पूर्व के सालों में भी यही स्थिति रही.

उत्तराखंड में विदेशी नागरिकों को लेकर अधिकतर मामले foreigner रजिस्ट्रेशन एक्ट से जुड़े हैं. इसके अलावा सबसे ज्यादा मामले नशाखोरी यानी नारकोटिक्स एक्ट, धोखाधड़ी और जालसाजी के तहत दर्ज किये गए हैं.

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बता दें देशभर में ही विदेशी नागरिकों पर आपराधिक मुकदमे को लेकर सबसे आगे बांग्लादेशी हैं, इसके बाद नाइजीरिया के नागरिकों पर भी मुकदमों की संख्या काफी ज्यादा हैं. पाकिस्तान, सूडान, रूस, अमेरिका, यमन, ईरान और चीन के नागरिक भी सबसे ज्यादा foreigner रजिस्ट्रेशन एक्ट, और नार्कोटिक के साथ जालसाजी और धोखाधड़ी के मामलों में आरोपी हैं.

Last Updated : Dec 3, 2022, 3:39 PM IST
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