देहरादूनः उत्तराखंड में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवा शुल्क महंगा हो गया है. शासन ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवा की नई दरें लागू कर दी हैं. जिसके बाद अब ओपीडी, बेड चार्ज, भर्ती शुल्क पहले से ज्यादा चुकाने होंगे. हालांकि, प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज में पहले की भांति ही चार्जेस लिए जा रहे हैं. वहीं, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि चिकित्सा सेवा शुल्क बढ़ाने के प्रस्ताव को शासन को भेजा गया है. शासन के आदेश के बाद ही शुल्क निर्धारित किया जाएगा.
देहरादून जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि बुधवार से प्रदेश में बढाई गई दरें लागू कर दी गई हैं. बढ़ाई गई शुल्क कोरोनेशन, गांधी शताब्दी, एचडीएच, जिला अस्पतालों के साथ ही सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में लागू कर दिए गए हैं. हालांकि, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में शुल्क अन्य अस्पतालों से कम हैं.
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चिकित्सा सेवा | पहले का शुल्क | वर्तमान शुल्क |
ओपीडी पर्ची | 30 | 60 |
ओपीडी पर्ची (आयुष्मान कार्ड धारक) | 30 | 30 |
जनरल वार्ड बेड चार्ज | 50 | |
भर्ती शुल्क | 30 | 240 |
भर्ती शुल्क (आयुष्मान कार्ड धारक) | 30 | 100 |
दो बेड प्राइवेट वार्ड | 400 | |
दो बेड प्राइवेट वार्ड (आयुष्मान कार्ड धारक) | 190 | |
सिंगल बेड | 800 | |
सिंगल बेड (आयुष्मान कार्ड धारक) | 400 | |
एसी प्राइवेट वार्ड | 600 | |
एसी प्राइवेट वार्ड (आयुष्मान कार्ड धारक) | 1000 | |
एसी रूम | 1200 | |
एसी रूम (आयुष्मान कार्ड धारक) | 1600 |
वहीं, पैथालॉजी की दरों में 30 रुपये से लेकर 300 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. जबकि, ब्लड कल्चर और यूरीन कल्चर की दरों को पहली बार शामिल करते हुए इसे 200 रुपये रखा गया है.
उधर, दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. अनिल खत्री ने बताया कि दून अस्पताल में पुरानी ओपीडी के हिसाब से ही शुल्क लिए जा रहे हैं. कोरोनेशन और गांधी शताब्दी जैसे सरकारी अस्पतालों में चार्जेस बढ़ने से दून अस्पताल में मरीजों का अतिरिक्त भार बढ़ना स्वाभाविक है.
उन्होंने कहा कि शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. वर्तमान में यह शासन में विचाराधीन है. चार्जेस निर्धारित होने के उसे लागू कर दिया जाएगा. वहीं, सीएमओ गुप्ता का कहना है कि अस्पतालों में स्वास्थ सेवाओं को ज्यादा बेहतर किया जाएगा. हालांकि, दून अस्पताल में मरीजों से पुराने शुल्क लिए जाने के बाद वहां मरीजों की संख्या बढ़ गई है.