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सरकारी अस्पतालों में इलाज हुआ महंगा, पर दून मेडिकल कॉलेज में मिल रही राहत

उत्तराखंड में सरकारी अस्पतालों में इलाज महंगा हो गया है. जिसमें ओपीडी का पर्चा 30 रुपये से 60 रुपये कर दिया गया है. जबकि, आयुष्मान कार्ड धारकों को ओपीडी के पर्चे के लिए 60 रुपये की बजाय 30 रुपये चुकाने होंगे. अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को प्रतिदिन बेड के चार्जेस 50 रुपये और भर्ती शुल्क 240 रुपये चुकाने होंगे.

govt hospital medical treatment expensive
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Published : Sep 25, 2019, 8:22 PM IST

Updated : Sep 25, 2019, 10:54 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवा शुल्क महंगा हो गया है. शासन ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवा की नई दरें लागू कर दी हैं. जिसके बाद अब ओपीडी, बेड चार्ज, भर्ती शुल्क पहले से ज्यादा चुकाने होंगे. हालांकि, प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज में पहले की भांति ही चार्जेस लिए जा रहे हैं. वहीं, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि चिकित्सा सेवा शुल्क बढ़ाने के प्रस्ताव को शासन को भेजा गया है. शासन के आदेश के बाद ही शुल्क निर्धारित किया जाएगा.

उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में महंगा हुआ इलाज.

देहरादून जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि बुधवार से प्रदेश में बढाई गई दरें लागू कर दी गई हैं. बढ़ाई गई शुल्क कोरोनेशन, गांधी शताब्दी, एचडीएच, जिला अस्पतालों के साथ ही सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में लागू कर दिए गए हैं. हालांकि, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में शुल्क अन्य अस्पतालों से कम हैं.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में बढ़ रहा डेंगू का मामला हाई कोर्ट पहुंचा, 30 सिंतबर तक जवाब पेश करें राज्य सरकार

चिकित्सा सेवा पहले का शुल्क वर्तमान शुल्क
ओपीडी पर्ची 30 60
ओपीडी पर्ची (आयुष्मान कार्ड धारक) 30 30
जनरल वार्ड बेड चार्ज 50
भर्ती शुल्क 30 240
भर्ती शुल्क (आयुष्मान कार्ड धारक) 30 100
दो बेड प्राइवेट वार्ड 400
दो बेड प्राइवेट वार्ड (आयुष्मान कार्ड धारक) 190
सिंगल बेड 800
सिंगल बेड (आयुष्मान कार्ड धारक) 400
एसी प्राइवेट वार्ड 600
एसी प्राइवेट वार्ड (आयुष्मान कार्ड धारक) 1000
एसी रूम 1200
एसी रूम (आयुष्मान कार्ड धारक) 1600

वहीं, पैथालॉजी की दरों में 30 रुपये से लेकर 300 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. जबकि, ब्लड कल्चर और यूरीन कल्चर की दरों को पहली बार शामिल करते हुए इसे 200 रुपये रखा गया है.

उधर, दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. अनिल खत्री ने बताया कि दून अस्पताल में पुरानी ओपीडी के हिसाब से ही शुल्क लिए जा रहे हैं. कोरोनेशन और गांधी शताब्दी जैसे सरकारी अस्पतालों में चार्जेस बढ़ने से दून अस्पताल में मरीजों का अतिरिक्त भार बढ़ना स्वाभाविक है.

उन्होंने कहा कि शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. वर्तमान में यह शासन में विचाराधीन है. चार्जेस निर्धारित होने के उसे लागू कर दिया जाएगा. वहीं, सीएमओ गुप्ता का कहना है कि अस्पतालों में स्वास्थ सेवाओं को ज्यादा बेहतर किया जाएगा. हालांकि, दून अस्पताल में मरीजों से पुराने शुल्क लिए जाने के बाद वहां मरीजों की संख्या बढ़ गई है.

देहरादूनः उत्तराखंड में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवा शुल्क महंगा हो गया है. शासन ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवा की नई दरें लागू कर दी हैं. जिसके बाद अब ओपीडी, बेड चार्ज, भर्ती शुल्क पहले से ज्यादा चुकाने होंगे. हालांकि, प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज में पहले की भांति ही चार्जेस लिए जा रहे हैं. वहीं, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि चिकित्सा सेवा शुल्क बढ़ाने के प्रस्ताव को शासन को भेजा गया है. शासन के आदेश के बाद ही शुल्क निर्धारित किया जाएगा.

उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में महंगा हुआ इलाज.

देहरादून जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि बुधवार से प्रदेश में बढाई गई दरें लागू कर दी गई हैं. बढ़ाई गई शुल्क कोरोनेशन, गांधी शताब्दी, एचडीएच, जिला अस्पतालों के साथ ही सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में लागू कर दिए गए हैं. हालांकि, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में शुल्क अन्य अस्पतालों से कम हैं.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में बढ़ रहा डेंगू का मामला हाई कोर्ट पहुंचा, 30 सिंतबर तक जवाब पेश करें राज्य सरकार

चिकित्सा सेवा पहले का शुल्क वर्तमान शुल्क
ओपीडी पर्ची 30 60
ओपीडी पर्ची (आयुष्मान कार्ड धारक) 30 30
जनरल वार्ड बेड चार्ज 50
भर्ती शुल्क 30 240
भर्ती शुल्क (आयुष्मान कार्ड धारक) 30 100
दो बेड प्राइवेट वार्ड 400
दो बेड प्राइवेट वार्ड (आयुष्मान कार्ड धारक) 190
सिंगल बेड 800
सिंगल बेड (आयुष्मान कार्ड धारक) 400
एसी प्राइवेट वार्ड 600
एसी प्राइवेट वार्ड (आयुष्मान कार्ड धारक) 1000
एसी रूम 1200
एसी रूम (आयुष्मान कार्ड धारक) 1600

वहीं, पैथालॉजी की दरों में 30 रुपये से लेकर 300 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. जबकि, ब्लड कल्चर और यूरीन कल्चर की दरों को पहली बार शामिल करते हुए इसे 200 रुपये रखा गया है.

उधर, दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. अनिल खत्री ने बताया कि दून अस्पताल में पुरानी ओपीडी के हिसाब से ही शुल्क लिए जा रहे हैं. कोरोनेशन और गांधी शताब्दी जैसे सरकारी अस्पतालों में चार्जेस बढ़ने से दून अस्पताल में मरीजों का अतिरिक्त भार बढ़ना स्वाभाविक है.

उन्होंने कहा कि शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. वर्तमान में यह शासन में विचाराधीन है. चार्जेस निर्धारित होने के उसे लागू कर दिया जाएगा. वहीं, सीएमओ गुप्ता का कहना है कि अस्पतालों में स्वास्थ सेवाओं को ज्यादा बेहतर किया जाएगा. हालांकि, दून अस्पताल में मरीजों से पुराने शुल्क लिए जाने के बाद वहां मरीजों की संख्या बढ़ गई है.

Intro: शासन ने सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवा शुल्क की नई दरें लागू कर दी हैं, हालांकि राहत की बात यह है कि उत्तराखंड के सबसे बड़े दून मेडिकल कॉलेज में मरीजों से पूर्व की भांति ही चार्जेस लिए जा रहे हैं, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि चिकित्सा सेवा शुल्क बढ़ाने के प्रस्ताव को दून मेडिकल कॉलेज में शासन को भेजा है शासन-प्रशासन जो भी चार्जेस मेडिकल कॉलेज के लिए निर्धारित करेगा उसे यहां लागू किया जाएगा


Body: वही देहरादून जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके गुप्ता ने कहा कि आज से बड़ी भी दरें सब जगह लागू कर दी गई हैं जैसे ओपीडी का पर्चा 30 रुपये से 60 रुपये कर दिया गया है जबकि आयुष्मान कार्ड धारको को ओपीडी के पर्चे के लिए 60 रुपये की बजाय 30 रुपये चुकाने होंगे उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को प्रतिदिन बेड के चार्जेस 50 रुपए और भर्ती शुल्क 240 रुपए चुकाने होंगे। बढ़ाई गई शुल्क कोरोनेशन गांधी शताब्दी एचडीएच डिस्टिक अस्पतालों के साथ ही सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में लागू कर दिए गए हैं। हालांकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पड़े हुए शुल्क थोड़ा डिफर करते हैं और अन्य अस्पतालों से कम है।

बाईट-डॉ एस के गुप्ता, सीएमओ, देहरादून

दूसरी और दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुप्रिडेन्डेन्ट डॉ अनिल खत्री ने बताया कि दून अस्पताल में पुरानी ओपीडी के हिसाब से ही शुल्क लिए जा रहे हैं। जिससे कोरोनेशन और गांधी शताब्दी जैसे सरकारी अस्पतालों में चार्जर्स बढ़ने से दून अस्पताल में मरीजों का अतिरिक्तलोड पड़ना स्वाभाविक है, क्योंकि यहां पुराने चार्जेस ही लिए जा रहे हैं हालांकि शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव दून मेडिकल कॉलेज ने शासन को भेजा है और वर्तमान में यह शासन में विचाराधीन है वहां से जो भी चार्जेस निर्धारित किए जाएंगे उसे यहां लागू कर दिया जाएगा।

बाईट-डॉ एनएस खत्री डिप्टी मेडिकल सुपरीटेंडेंट दून मेडिकल कॉलेज


Conclusion: वहीं चिकित्सा सेवा शुल्क बढ़ने के बाद सीएमओ का कहना है कि अस्पतालों में स्वास्थ सेवाओं को और अधिक बेहतर किया जाएगा। हालांकि दून अस्पताल में मरीजों से पुराने शुल्क लिए जाने के बाद वहां मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि यहां भी चिकित्सा सेवा शुल्क पढ़ाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
Last Updated : Sep 25, 2019, 10:54 PM IST
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