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संविधान दिवसः जानिए क्या कहा राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने

आज देश भर में संविधान दिवस मनाया जा रहा है. बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया था. 26 नवंबर 1949 को इसे भारतीय संविधान सभा के समक्ष लाया गया. इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपना लिया. यही वजह है कि देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है.

70th constitution day
उत्तराखंड राजभवन में 70वां संविधान दिवस का आयोजन
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Published : Nov 26, 2019, 5:35 PM IST

Updated : Nov 26, 2019, 7:32 PM IST

देहरादून: आज देश भर में संविधान दिवस मनाया जा रहा है. संविधान दिवस के इस अवसर पर राजभवन देहरादून में 70वां संविधान दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को याद कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया.

इस मौके पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने आम जनमानस को संविधान दिवस की बधाई दी. वहीं, राज्यपाल बेबी रानी मौर्या ने कहा कि आज जिस तरह से लोग अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते हैं, ठीक उसी तरह लोगों को अपने कर्तव्यों के पालन की लड़ाई भी लड़नी चाहिए.

जानिए क्या कहा राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने

ये भी पढ़ें:7 दिसंबर को IMA के पासिंग आउट परेड में शिरकत कर सकते हैं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

गौरतलब है कि 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था. जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को देश में सबसे पहले संविधान लागू हुआ था. बता दें कि संविधान को अपनाने से पहले साल 1949 में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने अपने भाषण में कहा था ' नागरिक अवज्ञा, असहयोग और सत्याग्रह के तरीकों को छोड़ना चाहिए '.

देहरादून: आज देश भर में संविधान दिवस मनाया जा रहा है. संविधान दिवस के इस अवसर पर राजभवन देहरादून में 70वां संविधान दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को याद कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया.

इस मौके पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने आम जनमानस को संविधान दिवस की बधाई दी. वहीं, राज्यपाल बेबी रानी मौर्या ने कहा कि आज जिस तरह से लोग अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते हैं, ठीक उसी तरह लोगों को अपने कर्तव्यों के पालन की लड़ाई भी लड़नी चाहिए.

जानिए क्या कहा राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने

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गौरतलब है कि 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था. जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को देश में सबसे पहले संविधान लागू हुआ था. बता दें कि संविधान को अपनाने से पहले साल 1949 में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने अपने भाषण में कहा था ' नागरिक अवज्ञा, असहयोग और सत्याग्रह के तरीकों को छोड़ना चाहिए '.

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देहरादून-आज संविधान दिवस के अवसर पर राजभवन देहरादून में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया । बता दें कि भारत में संविधान दिवस को राष्ट्रीय विधि दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

राजभवन में आयोजित हुए कार्यक्रम में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को याद कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए ।

इस मौके पर महामहिम राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने आम जनमानस को संविधान दिवस की बधाई दी । साथ ही उनका कहना था कि आज जिस तरह से लोग अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते हैं । ठीक उसी तरह लोगों को अपने कर्तव्यों की के पालन की लड़ाई भी लड़नी चाहिए ।




Body:गौरतलब है कि 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था । जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को देश में सबसे पहले संविधान लागू हुआ था ।

बता दें कि संविधान को अपनाने से पहले साल 1949 में बी0आर अंबेडकर ने अपने भाषण में कहा था ' नागरिक अवज्ञा , असहयोग और सत्याग्रह के तरीकों को छोड़ना चाहिए ' । इसी के तहत भारत सरकार द्वारा 19 नवंबर साल 2015 को हर साल 19 नवंबर के दिन संविधान दिवस मनाए जाने की घोषणा की गई थी ।


Conclusion:
Last Updated : Nov 26, 2019, 7:32 PM IST
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