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शीतकालीन यात्रा के लिए अभी पर्यटकों को आमंत्रित नहीं करेगी सरकार, कई व्यवस्थाएं होनी बाकी

चारधाम यात्रा के बाद प्रदेश में शीतकालीन यात्रा की शुरूआत होगी. इसके लिए प्रशासन की तैयारियां पूरी नहीं हैं. जिस कारण राज्य सरकार शीतकाल यात्रा के लिए आमंत्रित करने की स्थिति में नहीं है.

शीतकालीन यात्रा के लिए तैयार नहीं राज्य सरकार.
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Published : Nov 18, 2019, 11:37 PM IST

देहरादून: देवभूमि के विश्व प्रसिद्ध चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं. चारधाम यात्रा के इस सीजन में देवभूमि आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. प्रदेश की शीतकाल यात्रा को औपचारिक रूप से शुरू करने के लिए दुरुस्त की जाने वाली तमाम व्यवस्थाओं को अभी बेहतर किया जाना बाकी है. इसको लेकर शासन तेजी से कार्य कर रहा है.

मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि शीतकालीन यात्रा को लेकर अलग-अलग स्तरों पर बातें चल रही हैं. लेकिन जब तक शीतकाल यात्रा को लेकर सभी व्यवस्थाएं नहीं हो जाती हैं, तब तक बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं को शीतकाल यात्रा के लिए आमंत्रित करने की स्थिति में राज्य सरकार नहीं है. हालांकि शीतकालीन यात्रा को लेकर कवायद चल रही है और उम्मीद है कि शीतकाल यात्रा के लिए कोई न कोई व्यवस्था हो जाएगी.

शीतकालीन यात्रा के लिए तैयार नहीं राज्य सरकार.

ये भी पढ़ें: पैर फिसलने से उमा भारती चोटिल, गंगोत्री से गंगासागर तक पैदल यात्रा पर लगा ब्रेक

साथ ही बताया कि एक संभावना जरूर रहती है कि जब चारधाम यात्रा चल रही होती है तो उस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु चारधाम के दर्शन करने पहुंचते हैं. इस कारण कुछ श्रद्धालु भीड़ से बचने के लिए शीतकालीन यात्रा करना चाहते हैं क्योंकि उस दौरान कम संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. ऐसे में सरकार का फोकस शीतकालीन यात्रा पर है.

देहरादून: देवभूमि के विश्व प्रसिद्ध चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं. चारधाम यात्रा के इस सीजन में देवभूमि आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. प्रदेश की शीतकाल यात्रा को औपचारिक रूप से शुरू करने के लिए दुरुस्त की जाने वाली तमाम व्यवस्थाओं को अभी बेहतर किया जाना बाकी है. इसको लेकर शासन तेजी से कार्य कर रहा है.

मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि शीतकालीन यात्रा को लेकर अलग-अलग स्तरों पर बातें चल रही हैं. लेकिन जब तक शीतकाल यात्रा को लेकर सभी व्यवस्थाएं नहीं हो जाती हैं, तब तक बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं को शीतकाल यात्रा के लिए आमंत्रित करने की स्थिति में राज्य सरकार नहीं है. हालांकि शीतकालीन यात्रा को लेकर कवायद चल रही है और उम्मीद है कि शीतकाल यात्रा के लिए कोई न कोई व्यवस्था हो जाएगी.

शीतकालीन यात्रा के लिए तैयार नहीं राज्य सरकार.

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साथ ही बताया कि एक संभावना जरूर रहती है कि जब चारधाम यात्रा चल रही होती है तो उस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु चारधाम के दर्शन करने पहुंचते हैं. इस कारण कुछ श्रद्धालु भीड़ से बचने के लिए शीतकालीन यात्रा करना चाहते हैं क्योंकि उस दौरान कम संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. ऐसे में सरकार का फोकस शीतकालीन यात्रा पर है.

Intro:देवभूमि उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए है। हालांकि इस सीजन चारधाम की यात्रा पर देवभूमि आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़, एक नया कीर्तिमान रिकॉर्ड स्थापित किया है। हालांकि प्रदेश की शीतकाल यात्रा को औपचारिक रूप से शुरू करने के लिए दुरुस्त की जाने वाली तमाम व्यवस्थाओं को अभी बेहतर किया जाना  अभी बाकी हैं। शासन स्तर जल्द ही सभी व्यवस्थाओं को अमलीजामा पहनाया जायेगा। सरकारी तंत्र में शीतकाल यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर फिलहाल होमवर्क किए जाने की दरकार हैं। 


Body:मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि शीतकालीन यात्रा को लेकर अलग-अलग स्तरों पर बातें चल रही है। लेकिन जब तक शीतकाल यात्रा को लेकर सभी व्यवस्थाएं नही हो जाती है तब तक बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं को शीतकाल यात्रा के लिए आमंत्रित करने की स्तिथि में राज्य सरकार नही है। हालांकि शीतकालीन यात्रा को लेकर कवायत चल रही है और उम्मीद है कि शीतकाल यात्रा के लिए कोई न कोई व्यवस्था हो जाएगी। 


साथ ही बताया कि एक संभावना जरूर रहती है कि जब चारधाम यात्रा चल रहा होता है। तो उस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु, चारधाम के दर्शन करने पहुचते है। तो उस कुछ लोग किसी कारण वश या फिर उस समय श्रद्धालु की भीड़ से बचने के लिए, वो शीतकालीन यात्रा करना चाहते है। क्योकि उस दौरान कम मात्रा में श्रद्धालु दर्शन करने आते है। 




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