देहरादून: कहते हैं शौक बड़ी चीज है, लेकिन इससे बड़ा वो जुनून है जो लक्ष्य को हासिल किए बिना नहीं मानता. भारतीय सेना में अफसर बनने जा रहे जेंटलमैन कैडेट अभिषेक राणा भी अपने एक ऐसे ही शौक को पीछे छोड़, उस जुनून को चुना. जिसकी बदौलत आज वो गौरवशाली इतिहास को समेटे भारतीय सैन्य अकादमी का हिस्सा बने हैं, लेकिन उनके बीते पलों को भी नहीं भुलाया जा सकता, ऐसे ही कुछ क्षणों को अभिषेक आज भी याद करते हैं.
भारतीय सैन्य अकादमी तक का सफर किसी भी जेंटलमैन कैडेट के लिए बेहद खास होता है. इसके पीछे कठिन मेहनत, हिम्मत और जुनून के साथ कई यादें जुड़ी होती हैं. जेंटलमैन कैडेट्स ऐसी कई प्रतिभाओं को खुद में समेटे होते हैं, जिसे साथ लेकर वह अपने हर पल को जीते हैं. भारतीय सैन्य अकादमी के एक ऐसे ही जेंटलमैन कैडेट अभिषेक राणा भी है. अभिषेक देहरादून से ताल्लुक रखते हैं और भारतीय सैन्य अकादमी में आने से पहले वह एक रैपर रह चुके हैं.
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जाहिर है संगीत और रंगीन स्क्रीन से निकले अभिषेक राणा के जहन में आज भी वो यादें हैं, जिनका जिक्र वो आज भी करते हैं. अभिषेक राणा का यूट्यूब पर चैनल है. उन्होंने एक शॉर्ट फिल्म कर्मा समेत कई रैप सॉन्ग किये हैं.
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अभिषेक राणा जब रैप करते हैं तो वे एक प्रोफेशनल की तरह दिखते हैं. उन्हें देखकर कोई भी नहीं कह सकता कि यह युवा भारतीय सेना का भावी अवसर हो सकता है. दरअसल, सैन्य परिवेश के लिहाज से यह एक उलट प्रोफेशन है, लेकिन अभिषेक राणा ने संगीत की बारीकियों से लेकर सेना की मानसिक और शारीरिक मजबूती तक की चुनौती के रूप में कुबूल भी किया. जिसमें उन्होंने खुद को बखूबी साबित भी किया है.
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भारतीय सैन्य अकादमी देश को सैन्य अफसर जरूर देती है लेकिन अकादमी में न केवल शारीरिक और मानसिक मजबूती को तवज्जों दी जाती है, बल्कि उन प्रतिभाओं को भी निखारा जाता है, जो उनमें पहले से होती है.
भारतीय सेना अकादमी के सैन्य अफसर मेजर निकुंज शर्मा बताते हैं कि आईएमए और भारतीय सेना प्रतिभाओं को तरासने का काम करती हैं. जिसके किए कई तरह की एक्टिविटीज करवाई जाती है. इतना ही नहीं यहां ग्रुप बनाकर विभिन्न प्रतिभाओं को सामने लाने का मौका भी दिया जाता है. जिससे वे खुलकर टीम भावना को बनाते हुए एक दूसरे के साथ आगे बढ़ना सीखते हैं.