देहरादून/चंपावतः उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने पदोन्नति में आरक्षण हटाने को लेकर अपने तेवर तल्ख कर लिए हैं. जनरल ओबीसी कर्मचारियों का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी रहा. इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. इतना ही नहीं कर्मचारी एस्मा लगाए जाने से भी नहीं डरे और हड़ताल को जारी रखा. वहीं, जिला मुख्यालयों में कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार के साथ पदोन्नति में रोक के आदेश की प्रतियां भी जलाई.
देहरादून
उत्तराखंड ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि सरकार से अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी. जिसके तहत गुरुवार से बेमियादी कार्य बहिष्कार के साथ ही आपातकालीन सेवा भी ठप कर दी जाएगी. साथ ही कहा कि सरकार से बीती शनिवार को ओबीसी जनरल कर्मियों ने वार्ता की थी, सरकार का वार्ता के बाद यू टर्न लेना और अपने हाथ खड़े करना इस बात को साबित करता है कि सरकार सामान्य ओबीसी वर्ग पर कुठाराघात कर रही है.
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वहीं, उन्होंने कहा कि जहां तक नो वर्क नो पे का शासनादेश जारी किया गया है. ऐसे शासनादेश चलते रहते हैं, क्योंकि ये वर्ग अपनी नौकरी तक छोड़ने को तैयार है. राज्य सरकार ने बीते रोज कर्मचारियों के साथ जो दुर्व्यवहार किया है और उन्हें गिरफ्तार किया वो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. वहीं, उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार का रवैया कर्मचारी वर्गों के साथ ऐसा ही रहा तो 2022 में निश्चित रूप से सबक सिखाने का काम करेंगे.
चंपावत
जनरल ओबीसी इंप्लाइज फेडरेशन ने पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने को लेकर चंपावत, लोहाघाट, बाराकोट में धरना प्रदर्शन जारी रखा. अब कर्मचारियों की हड़ताल का असर दिखने लगा है. तहसील में आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र समेत अन्य विभागीय कार्य नहीं हो पा रहे हैं. जिससे जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तब तक उनका अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगा.