देहरादून: जनरल ओबीसी कर्मचारी संगठन ने संगठन प्रांतीय अध्यक्ष नेता दीपक जोशी के खिलाफ शासन की ओर से बैठायी गई जांच पर आक्रोश व्यक्त किया है. एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री वीरेंद्र गोसाई ने सरकार पर कर्मचारियों की आवाज दबाने का आरोप लगाया.
कर्मचारी नेताओं ने इस बात पर भी नाराजगी व्यक्त की कि संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी के संबंध में शासन द्वारा की जा रही जांच में जांच अधिकारी ने सरकार के इशारे पर प्रतिकूल जांच व्याख्या दी है. जिसमें दर्शाया गया है कि एसोसिएशन को सरकार से मान्यता नहीं है. साथ ही पूर्व में किए गए आंदोलन को असंवैधानिक माना गया है. जबकि, सरकार के ही सोसाइटी रजिस्टर कार्यालय से इस एसोसिएशन को पंजीकृत कराया गया है. जैसे एससी एसटी कर्मचारी संघ विगत कई वर्षों से इस तरह के पंजीकरण के आधार पर संचालित हो रहे हैं.
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उत्तराखंड सामान्य-ओबीसी कर्मचारी संगठन के प्रांतीय महामंत्री वीरेंद्र गोसाई का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब किसी संगठन के पदाधिकारी ने सरकार के खिलाफ बयानबाजी या अपने संगठन और कार्मिकों के हित में बोला हो, लेकिन सरकार मार्च में 18 दिनों की हड़ताल से विचलित होकर एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बदला ले रही है. वीरेंद्र गोसाई का कहना है कि आगामी 26 तारीख को सभी कर्मचारी संगठनों के राज्य स्तरीय पदाधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक आयोजित की जाएगी, जिसके बाद आगे की रणनीति तय होगी.