देहरादून: पूरे प्रदेश में हरेला का पर्व (Uttarakhand folk festival Harela) मनाया जा रहा है. हरेला पर्व के अवसर पर लोग पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. पर्यावरण संरक्षण को संस्कृति से जोड़ने वाले इस पर्व को पूरे प्रदेश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी की पत्नी गीता धामी ने आज अपने आवास पर हरेला पर्व मनाया. इस अवसर पर उन्होंने विधायकों की पत्नियों को पौध भेंट किए.
प्राकृतिक सरोकारों से जुड़ा लोक पर्व हरेला पहाड़ के लोक-त्योहारों में से एक है. यह लोक पर्व हर साल 'कर्क संक्रांति' को मनाया जाता है. हरियाली का प्रतीक हरेला लोकपर्व न सिर्फ एक पर्व है, बल्कि लोग संस्कृति और पर्यावरण दोनों इस पर्व के माध्यम से संरक्षित करते आ रहे हैं. हरेला पर्व उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. हरेला लोकपर्व जुलाई के महीने में मनाया जाता है और लोग पौध रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देते हैं.
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प्रदेशभर के लोग, विशेष रूप से कुमाऊं के लोग, हरियाली को समृद्धि से जोड़ने के लिए इस त्योहार को मनाते हैं. कुमाऊं के लोक पर्व हरेला से एक दिन पूर्व डिकर मनाने की परंपरा है. शुक्रवार की संध्या में महिलाओं ने शिव पार्वती परिवार (डिकर) की पूजा की. इस मौके पर गांव की शुद्ध स्थान की मिट्टी और आटे से शिव ,पार्वती, गणेश, नंदी और मूषक आदि की प्रतिमा बनाई जाती हैं.