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ऋषिकेश: निराश्रित पशुओं को लेकर नगर निगम पहुंची गौशाला संचालक, जानिए मामला

भानियावाला स्थित अनुबंधित गौशाला की संचालक निराश्रित पशुओं को लेकर नगर निगम पहुंच गई. मिली कौर का आरोप है कि नगर निगम पर उनका 85 लाख का बकाया है लेकिन नगर निगम उनको भुगतान नहीं कर रहा है.

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ऋषिकेश
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Published : Oct 2, 2022, 8:20 AM IST

ऋषिकेश: नगर निगम की भानियावाला स्थित अनुबंधित गौशाला की संचालक ने नगर निगम परिसर में जमकर हंगामा किया. आरोप लगाया कि अनुबंध के मुताबिक उन्हें निराश्रित गोवंश की देखभाल और भरण पोषण के लिए नगर निगम पेमेंट नहीं कर रहा है. मजबूरी में वह निराश्रित गोवंश को लेकर नगर निगम पहुंची हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि गोवंश उतारने पर कर्मचारियों ने उनके साथ बदसलूकी की है.

दरअसल, नगर निगम (Rishikesh Municipal Corporation) ने शहर के निराश्रित गोवंश के लिए ऋषिकेश देहरादून मार्ग स्थित भानियावाला के निकट कृष्णा धाम गौशाला के साथ निराश्रित गोवंश को रखने के लिए अनुबंध किया हुआ है. इस अनुबंध के तहत शहर के निराश्रित गोवंश को पकड़कर भानियावाला स्थित कृष्णा धाम गौशाला में पहुंचाया जाता है, जिनकी देखरेख भरण पोषण के लिए नगर निगम गौशाला की संचालकी को भुगतान करते हैं.

गौशाला संचालक का आरोप है कि उनका 85 लाख रुपए का नगर निगम पर बकाया है. अब नगर निगम भुगतान करने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए वह निराश्रित गोवंशों को नगर निगम छोड़ने के लिए पहुंची हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम के कर्मचारियों ने गोवंश को नगर निगम परिसर में उतारने के दौरान बदसलूकी भी की है. मामला नगर आयुक्त के कार्यालय पहुंचा, तो वहां भी जमकर हंगामा हुआ. कर्मचारी और गौशाला संचालक नगर आयुक्त के सामने अपना अपना पक्ष रखते नजर आए.
पढ़ें- हल्द्वानी: सुशीला तिवारी अस्पताल में जापानी बुखार से दूसरी मौत, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

गौशाला की संचालक मिली कौर ने बताया कि नगर निगम के निराश्रित पशुओं की देखरेख के लिए वह अपनी प्रॉपर्टी और सोना तक बेच चुकी हैं. फिर भी नगर निगम उन्हें भुगतान करने के लिए तैयार नहीं है. नगर आयुक्त राहुल गोयल (Municipal Commissioner Rahul Goyal) ने बताया कि गौशाला में अनियमितताओं के बारे में जानकारी मिली है. बोर्ड बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया है. लगातार भुगतान किया जा रहा है, नए बिल का मामला पता चला है. जल्दी ही मामले को सुलझाया जाएगा.

ऋषिकेश: नगर निगम की भानियावाला स्थित अनुबंधित गौशाला की संचालक ने नगर निगम परिसर में जमकर हंगामा किया. आरोप लगाया कि अनुबंध के मुताबिक उन्हें निराश्रित गोवंश की देखभाल और भरण पोषण के लिए नगर निगम पेमेंट नहीं कर रहा है. मजबूरी में वह निराश्रित गोवंश को लेकर नगर निगम पहुंची हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि गोवंश उतारने पर कर्मचारियों ने उनके साथ बदसलूकी की है.

दरअसल, नगर निगम (Rishikesh Municipal Corporation) ने शहर के निराश्रित गोवंश के लिए ऋषिकेश देहरादून मार्ग स्थित भानियावाला के निकट कृष्णा धाम गौशाला के साथ निराश्रित गोवंश को रखने के लिए अनुबंध किया हुआ है. इस अनुबंध के तहत शहर के निराश्रित गोवंश को पकड़कर भानियावाला स्थित कृष्णा धाम गौशाला में पहुंचाया जाता है, जिनकी देखरेख भरण पोषण के लिए नगर निगम गौशाला की संचालकी को भुगतान करते हैं.

गौशाला संचालक का आरोप है कि उनका 85 लाख रुपए का नगर निगम पर बकाया है. अब नगर निगम भुगतान करने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए वह निराश्रित गोवंशों को नगर निगम छोड़ने के लिए पहुंची हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम के कर्मचारियों ने गोवंश को नगर निगम परिसर में उतारने के दौरान बदसलूकी भी की है. मामला नगर आयुक्त के कार्यालय पहुंचा, तो वहां भी जमकर हंगामा हुआ. कर्मचारी और गौशाला संचालक नगर आयुक्त के सामने अपना अपना पक्ष रखते नजर आए.
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गौशाला की संचालक मिली कौर ने बताया कि नगर निगम के निराश्रित पशुओं की देखरेख के लिए वह अपनी प्रॉपर्टी और सोना तक बेच चुकी हैं. फिर भी नगर निगम उन्हें भुगतान करने के लिए तैयार नहीं है. नगर आयुक्त राहुल गोयल (Municipal Commissioner Rahul Goyal) ने बताया कि गौशाला में अनियमितताओं के बारे में जानकारी मिली है. बोर्ड बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया है. लगातार भुगतान किया जा रहा है, नए बिल का मामला पता चला है. जल्दी ही मामले को सुलझाया जाएगा.

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