देहरादूनः कोरोना संकट के बीच त्योहारों के चलते बाजारों में लगातार भीड़ बढ़ रही है. ऐसे में कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने से इनकार नहीं किया जा सकता है. जबकि, सर्दियों में कोरोना संक्रमण के बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. क्योंकि, तापमान में गिरावट और मौसम में बदलाव से सर्दी-जुकाम की समस्या देखने को मिलती है. लिहाजा, बदलते मौसम के बीच अपने स्वास्थ्य की देखभाल करना बेहद जरूरी है.
देहरादून के गैस्ट्रो सर्जन डॉ. विपुल कंडवाल का कहना है कि जिस तरह दशहरे के बाद से ही तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, ऐसे में एलर्जी के चलते सर्दी-खांसी होना एक आम बात है, लेकिन यदि किसी व्यक्ति को हल्की सर्दी-खांसी के साथ ही बुखार और सांस लेने में दिक्कतें पेश आएं तो उस व्यक्ति को तुरंत चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए.
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उन्होंने कहा कि अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें. इस बात का पूरा ख्याल रखने की जरूरत है कि कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच वो मास्क और हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने में बिल्कुल कोताही न बरतें.
बदलते मौसम के बीच इन बातों का जरूर रखें ख्याल
- सुबह और शाम गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करें.
- जहां तक हो सके हल्के गुनगुने पानी का सेवन करें.
- घर से बाहर निकलने पर खुद को धूल मिट्टी से जरूर बचाएं.
- अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखने के लिए घर का बना पौष्टिक आहार ही लें.
गौर हो कि मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के पूर्वानुमान के तहत प्रदेश में अगले एक हफ्ते के भीतर तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी. दरअसल, अफगानिस्तान और कश्मीर से पश्चिमी विक्षोभ उत्तराखंड की ओर बढ़ चुका है. साथ ही राजस्थान से भी चक्रवाती प्रभाव का रुख भी उत्तराखंड की ओर है. ऐसे में शीतलहर का प्रभाव बढ़ने से अगले कुछ दिनों में तापमान में भारी गिरावट देखने को मिलेगा. वर्तमान में प्रदेश में न्यूनतम तापमान लुढ़क कर 9.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है.
सूबे में बीते कई दिनों से कोरोना संक्रमण के मामले कम आ रहे हैं. जिससे शासन-प्रशासन को राहत मिली है, लेकिन त्योहारी सीजन में कोरोना के तेजी से फैलने की आशंका है. ऐसे में कोरोना को लेकर भी विशेष एहतियात बरतने होंगे. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बेहद जरूरी है.
कोरोना के लक्षण-
- बुखार.
- शरीर के तापमान में वृद्धि.
- खांसी और गले में दर्द.
- गले में खराश.
- सांस लेने में तकलीफ.
- फेफड़ों में समस्या.
कई मरीज ऐसे भी जिनमें कोरोना के प्रारंभिक लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में टेस्ट के बाद ही कोरोना की पुष्टि होती है.
क्या बरतें सावधानी-
- किसी से भी हाथ मिलाने, गले लगने या अन्य तरह के संपर्क से बचें.
- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.
- बिना मास्क के बाहर न निकलें.
- लोगों से करीब 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
- हाथों को एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से साफ करें.
- खाने से पहले हाथ अच्छी तरह साबुन से धो लें.
- खांसते, छींकते समय नाक-मुंह रुमाल से ढक लें.
- अनावश्यक यात्रा से परहेज करें.
- बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवा न लें.
ऐसे में आम लोगों को कोरोना को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. सावधानी और सतर्कता से इससे बचा जा सकता है. चार से पांच दिन में इसके लक्षण दिखने लग जाते हैं. उस समय जांच करा ली जाए तो यह ठीक हो जाता है. लेकिन, देरी होने पर यह काफी खतरनाक हो जाता है.