ETV Bharat / state

गढ़वाल DIG के पास पहुंची तबादला रद्द करने के लिए 500 से ज्यादा अर्जियां, पुलिसकर्मियों ने बनाए अजीब बहाने

पुलिस ट्रांसफर पॉलिसी के तहत मैदान से पहाड़ी जिलों में ट्रांसफर हुए पुलिसकर्मी अपना ट्रांसफर कैंसिल कराने की कोशिश कर रहे हैं. गढ़वाल डीआईजी रेंज के पास 500 से अधिक पुलिसकर्मियों की अर्जियां पहुंची हैं. जिसमें उन्होंने परिवार और मेडिकल का हवाला देकर ट्रांसफर रद्द करने की गुहार लगाई है.

Police Transfer Policy
पुलिस ट्रांसफर पॉलिसी
author img

By

Published : Apr 29, 2022, 10:37 PM IST

देहरादूनः डीआईजी साहब 'घर पर बुजुर्ग मां बाप बीमार हैं, उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है'. जैसे अजीबो गरीब विषयों का हवाला देकर इन दिनों मैदान से पहाड़ी जिलों में ट्रांसफर हुए पुलिसकर्मी अपना ट्रांसफर कैंसिल कराने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस ट्रांसफर पॉलिसी (Police Transfer Policy) के मुताबिक, मैदान से पहाड़ और पहाड़ से मैदान के लिए कॉन्स्टेबल से इंस्पेक्टर रैंक तक के ट्रांसफर जल्द होने जा रहे हैं. हालांकि, गढ़वाल रेंज डीआईजी (Garhwal Range DIG) को देहरादून, हरिद्वार सहित 7 जिलों से ट्रांसफर के दायरे में आने वाले पुलिसकर्मियों की सूची प्राप्त नहीं हुई है. लेकिन उससे पहले ही अपने ट्रांसफर रुकवाने के लिए तरह-तरह के बहानेबाजी वाली 500 से अधिक अर्जियां डीआईजी गढ़वाल रेंज के पास पहुंच चुकी है.

जानकारी के मुताबिक, डीआईजी गढ़वाल रेंज में ट्रांसफर के लिए जिलों से जो संभावित सूची आनी हैं, उसमें लगातार नियमानुसार चिन्हित कर माथापच्ची चल रही है. इसी बीच 500 से अधिक पुलिसकर्मियों ने डीआईजी गढ़वाल परिक्षेत्र को अपनी तरह-तरह की अद्भुत समस्या संबंधी विषयों को लेकर ट्रांसफर रुकवाने की गुहार लगाई है. इनमें सबसे अधिक पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो कि बीमारी की बात कहकर ट्रांसफर रोकने की गुहार लगा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, सबसे अधिक ट्रांसफर रुकवाने की शिकायतें हरिद्वार जिले से है.

ये भी पढ़ेंः दो सर्किल अफसरों के तबादले, SI विपिन पंत को चंपावत की कमान

ट्रांसफर से बचने का तरीकाः जानकारी के मुताबिक, देहरादून और हरिद्वार जैसे मैदानी जिलों में कई ऐसे पुलिसकर्मी हैं जोकि सालों से डटे हुए हैं. ऐसे में जब भी उनका ट्रांसफर होता है तो पेचीदा बहाना बनाकर खुद को किसी अन्य कार्यालयों में अटैच करवा लेते हैं. जिस कारण वह पहाड़ों में तबादला होने से बच जाते हैं. जानकारी के मुताबिक, काफी ऐसे भी दारोगा और इंस्पेक्टर हैं जिन्होंने पहाड़ की सर्विस का टर्म पूरा किया है. लेकिन काफी संख्या में ऐसे भी कॉन्स्टेबल व हेड कॉन्स्टेबल हैं, जिन्होंने अब तक पहाड़ को सेवा दी ही नहीं है. उसके बावजूद जवान पहाड़ नहीं चढ़ना चाहते.

आदेश के बाद भी जिलों ने नहीं भेजी सूचीः बता दें कि गढ़वाल रेंज डीआईजी करण सिंह नगन्याल (Garhwal Range DIG Karan Singh Naganyal) द्वारा बीते 7 अप्रैल 2022 को देहरादून, हरिद्वार, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी, पौड़ी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग जिलों को पत्र लिखकर पहाड़ और मैदान में ट्रांसफर पॉलिसी अनुसार सेवा पूरी कर चुके पुलिसकर्मियों की सूची मांगी थी. लेकिन विडंबना देखिए आदेश के 22 दिन बावजूद भी 7 जिलों से सूची नहीं भेजी गई है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में प्रशासनिक फेरबदल, 2 IAS और एक PCS अधिकारी को मिली नई जिम्मेदारी

ट्रांसफर पॉलिसीः जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2019-20 में पुलिसकर्मियों के दूसरे जिलों में ट्रांसफर से संबंधी नियमावली बनी थी. इसी के तहत 2021 में कोरोना काल के दौरान कॉन्स्टेबल को छोड़कर कुछ दारोगा व इंस्पेक्टरों का तबादला पहाड़ी जिलों में तो कर दिया था. लेकिन अब ऐसा पहली बार है जब बड़ी संख्या में कॉन्स्टेबल व हेड कॉन्स्टेबलों को पहाड़ी जिलों में ट्रांसफर किया जाना है. लेकिन विडंबना यह है कि वह पहाड़ चढ़ना ही नहीं चाहते हैं.

अर्जियों की जांचः पहाड़ी जिलों में ट्रांसफर से बचने के लिए पुलिसकर्मियों ने प्रार्थना पत्रों में मेडिकल और परिवार मुश्किल में होने का हवाला दिया है. डीआईजी गढ़वाल ने कहा कि अभी एप्लीकेशन की गहनता से जांच करवाई जाएगी. यदि किसी की समस्या वास्तविक रूप में सही पाई गई तो उसका ट्रांसफर रोका जा सकता है.

देहरादूनः डीआईजी साहब 'घर पर बुजुर्ग मां बाप बीमार हैं, उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है'. जैसे अजीबो गरीब विषयों का हवाला देकर इन दिनों मैदान से पहाड़ी जिलों में ट्रांसफर हुए पुलिसकर्मी अपना ट्रांसफर कैंसिल कराने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस ट्रांसफर पॉलिसी (Police Transfer Policy) के मुताबिक, मैदान से पहाड़ और पहाड़ से मैदान के लिए कॉन्स्टेबल से इंस्पेक्टर रैंक तक के ट्रांसफर जल्द होने जा रहे हैं. हालांकि, गढ़वाल रेंज डीआईजी (Garhwal Range DIG) को देहरादून, हरिद्वार सहित 7 जिलों से ट्रांसफर के दायरे में आने वाले पुलिसकर्मियों की सूची प्राप्त नहीं हुई है. लेकिन उससे पहले ही अपने ट्रांसफर रुकवाने के लिए तरह-तरह के बहानेबाजी वाली 500 से अधिक अर्जियां डीआईजी गढ़वाल रेंज के पास पहुंच चुकी है.

जानकारी के मुताबिक, डीआईजी गढ़वाल रेंज में ट्रांसफर के लिए जिलों से जो संभावित सूची आनी हैं, उसमें लगातार नियमानुसार चिन्हित कर माथापच्ची चल रही है. इसी बीच 500 से अधिक पुलिसकर्मियों ने डीआईजी गढ़वाल परिक्षेत्र को अपनी तरह-तरह की अद्भुत समस्या संबंधी विषयों को लेकर ट्रांसफर रुकवाने की गुहार लगाई है. इनमें सबसे अधिक पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो कि बीमारी की बात कहकर ट्रांसफर रोकने की गुहार लगा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, सबसे अधिक ट्रांसफर रुकवाने की शिकायतें हरिद्वार जिले से है.

ये भी पढ़ेंः दो सर्किल अफसरों के तबादले, SI विपिन पंत को चंपावत की कमान

ट्रांसफर से बचने का तरीकाः जानकारी के मुताबिक, देहरादून और हरिद्वार जैसे मैदानी जिलों में कई ऐसे पुलिसकर्मी हैं जोकि सालों से डटे हुए हैं. ऐसे में जब भी उनका ट्रांसफर होता है तो पेचीदा बहाना बनाकर खुद को किसी अन्य कार्यालयों में अटैच करवा लेते हैं. जिस कारण वह पहाड़ों में तबादला होने से बच जाते हैं. जानकारी के मुताबिक, काफी ऐसे भी दारोगा और इंस्पेक्टर हैं जिन्होंने पहाड़ की सर्विस का टर्म पूरा किया है. लेकिन काफी संख्या में ऐसे भी कॉन्स्टेबल व हेड कॉन्स्टेबल हैं, जिन्होंने अब तक पहाड़ को सेवा दी ही नहीं है. उसके बावजूद जवान पहाड़ नहीं चढ़ना चाहते.

आदेश के बाद भी जिलों ने नहीं भेजी सूचीः बता दें कि गढ़वाल रेंज डीआईजी करण सिंह नगन्याल (Garhwal Range DIG Karan Singh Naganyal) द्वारा बीते 7 अप्रैल 2022 को देहरादून, हरिद्वार, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी, पौड़ी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग जिलों को पत्र लिखकर पहाड़ और मैदान में ट्रांसफर पॉलिसी अनुसार सेवा पूरी कर चुके पुलिसकर्मियों की सूची मांगी थी. लेकिन विडंबना देखिए आदेश के 22 दिन बावजूद भी 7 जिलों से सूची नहीं भेजी गई है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में प्रशासनिक फेरबदल, 2 IAS और एक PCS अधिकारी को मिली नई जिम्मेदारी

ट्रांसफर पॉलिसीः जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2019-20 में पुलिसकर्मियों के दूसरे जिलों में ट्रांसफर से संबंधी नियमावली बनी थी. इसी के तहत 2021 में कोरोना काल के दौरान कॉन्स्टेबल को छोड़कर कुछ दारोगा व इंस्पेक्टरों का तबादला पहाड़ी जिलों में तो कर दिया था. लेकिन अब ऐसा पहली बार है जब बड़ी संख्या में कॉन्स्टेबल व हेड कॉन्स्टेबलों को पहाड़ी जिलों में ट्रांसफर किया जाना है. लेकिन विडंबना यह है कि वह पहाड़ चढ़ना ही नहीं चाहते हैं.

अर्जियों की जांचः पहाड़ी जिलों में ट्रांसफर से बचने के लिए पुलिसकर्मियों ने प्रार्थना पत्रों में मेडिकल और परिवार मुश्किल में होने का हवाला दिया है. डीआईजी गढ़वाल ने कहा कि अभी एप्लीकेशन की गहनता से जांच करवाई जाएगी. यदि किसी की समस्या वास्तविक रूप में सही पाई गई तो उसका ट्रांसफर रोका जा सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.