ऋषिकेश: चारधाम यात्रा के पौराणिक पैदल मार्ग को पुनर्जीवित करने के प्रयास प्रशासन ने शुरू कर दिए हैं. आज पौराणिक पैदल मार्ग पर गंगा पथ यात्रा निकाली गई. इस अवसर पर शनिवार को परमार्थ निकेतन में एक भव्य और धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें परमार्थ निकेतन के महाराज चिदानंद मुनि और पौड़ी डीएम आशीष चौहान ने मुख्य रूप से प्रतिभाग किया.
स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार: इस दौरान परमार्थ निकेतन में उपस्थित ऋषि मुनियों और श्रद्धालुओं को डीएम आशीष चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि चारधाम यात्रा के पौराणिक मार्ग को जीवित करने के प्रयास प्रशासन ने शुरू कर दिए हैं. इसी मार्ग से पहले ऋषि मुनि, साधु-संत और श्रद्धालु पैदल ही चारधाम यात्रा के लिए जाया करते थे. वर्तमान समय में नए-नए रास्ते और वैकल्पिक मार्ग खुलने की वजह से यह रास्ता अब चारधाम यात्रा के लिए प्रयोग में नहीं आता है. मार्ग के पुनर्जीवित होने से इस मार्ग पर रहने वाले स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.
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गंगा आरती के साथ होगा पथ यात्रा का समापन: स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा प्रशासन की यह पहल काफी सराहनीय है. उम्मीद की जा रही है कि गंगा के किनारे और जंगल से होता हुआ यह रास्ता लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा. चारधाम यात्रियों के साथ पर्यटकों के लिए भी यह रास्ता हमेशा खुला रहेगा. जिससे पर्यटक साहसिक और ट्रैकिंग गतिविधियों का लुत्फ उठा सकेंगे. यात्रा के शुभारंभ से पहले परमार्थ निकेतन में स्वामी चिदानंद मुनि और ऋषि-मुनियों ने विधि विधान से पूजा अर्चना और हवन किया. जिसके बाद गंगा पथयात्रा राम झूला से लक्ष्मण झूला की ओर रवाना हो गई. बता दें कि गंगा पथ यात्रा आज शाम को ही पौराणिक चारधाम पैदल मार्ग पर नंदगांव, बंदर चट्टी, महादेव चट्टी, सीमालू और व्यास घाट होते हुए देवप्रयाग पहुंचकर समाप्त होगी. जिसके समापन पर देवप्रयाग में भव्य गंगा आरती का आयोजन भी किया जा रहा है.