देहरादून: कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों में जुटी है. इस बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने राज्य सरकार को कई मुद्दों पर घेरा है. उन्होंने पुलिस कर्मियों के ग्रेड पे, उपनल कर्मियों की मांगों और प्रदेश के कर्मचारियों का डीए ओपन करने की मांग की है.
गणेश गोदियाल ने कहा कि बीते साल उत्तराखंड सरकार ने कोरोना के कारण राज्य कर्मचारियों को मिलने वाला डीए फ्रीज कर दिया था. अब केंद्र सरकार और बाकी राज्य डीए ओपन कर रहे हैं, तो उत्तराखंड सरकार नींद में है. यह राज्य के कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात है. कांग्रेस ने सरकार से राज्य कर्मचारियों को कम से कम 25 फीसदी डीए बढ़ाकर देने की मांग की है.
उपनल पर ये बोले: गणेश गोदियाल का कहना है कि जब उपनल कर्मचारी आंदोलनरत थे, तब प्रदेश के 2 मंत्रियों ने धरना स्थल पर जाकर उनकी मांगों पर आश्वासन दिया था. आज तक उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा कि सरकार को उपनल कर्मचारियों की समान कार्य, समान वेतन सहित अन्य न्यायोचित मांगों को अति शीघ्र पूरा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि धरने पर कैबिनेट मिनिस्टर हरक सिंह रावत और गणेश जोशी ने उपनल कर्मचारियों को आश्वासन दिया. इसके बावजूद कई दौर की बातचीत के बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं हुई हैं.
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वेतन विसंगति: गोदियाल ने कहा कि विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के वेतन में विसंगतियां सरकार के विचाराधीन लंबित हैं. सरकार वेतन विसंगति पर भी गंभीर नहीं दिखाई दे रही है. राज्य सरकार ने अभी तक विसंगतियों को ठीक करने की जहमत नहीं उठाई, जबकि संबंधित विभाग के कर्मचारी बार-बार सरकार से वेतन विसंगति दूर करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार इन कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रही है.
अतिथि शिक्षकों का मानदेय: प्रदेश सरकार ने अतिथि शिक्षकों का मानदेय 15,000 से बढ़ाकर 25,000 किए जाने का निर्णय अपनी कैबिनेट की बैठक में लिया था. आज एक माह से अधिक समय हो गया लेकिन इसका कोई शासनादेश जारी नहीं किया गया. उन्होंने कांग्रेस कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि जब हरीश रावत मुख्यमंत्री थे, उस दौरान सरकार ने बहुत सारे शिक्षकों का समायोजन किया था. एक नियम और प्रक्रिया के तहत यह चयनित शिक्षक बने. भाजपा सरकार इन अतिथि शिक्षकों का मानदेय 15,000 से बढ़ाकर 25,000 किए जाने का शासनादेश जारी नहीं कर पाई.
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गणेश गोदियाल ने अतिथि शिक्षकों के खातों में एरियर के साथ उनका वेतन डाले जाने की मांग की. इसके अलावा उन्होंने सरकार से इन शिक्षकों को नियमित किए जाने का मसला उठाया और राज्य सरकार पर हमला किया.
इसी प्रकार उन्होंने एएनएम भर्ती को लेकर भी राज्य सरकार पर हमला किया. उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण काल का दौर होने के बावजूद रिक्त पड़े हुए नर्सिंग सेवा के 2,600 पदों पर तीन बार परीक्षाओं की तिथि घोषित करने के बावजूद सरकार परीक्षाएं नहीं करा पाई है. इसी प्रकार एएनएम के 600 पद रिक्त चल रहे हैं, लेकिन उन पर भी भर्ती की कोई व्यवस्था नहीं है.
ग्रेड पे: उन्होंने कहा कि आजाद भारत में पहली बार ऐसा हुआ है कि पुलिस कर्मियों का ग्रेड पे घटाया गया. उन्होंने भाजपा की सरकार को कर्मचारी विरोधी सरकार करार दिया. गणेश गोदियाल ने कहा कि भाजपा सरकार ने पुलिस कर्मचारियों के ग्रेड पे को 4,600 को घटाकर 2,800 कर दिया. उन्होंने कहा कि देश की रक्षा करने वाले पुलिस कर्मियों के मनोबल को गिराया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह कदम कोरोना संक्रमणकाल और महंगाई के मद्देनजर बेहद संवेदनहीन है.
कांग्रेस का कहना है कि प्रचंड बहुमत वाली डबल इंजन की सरकार से यह अपेक्षा थी कि वह पुलिस कर्मियों की लिस्ट और समर्पण को देखते हुए प्रोत्साहन के रूप में उनका ग्रेड पे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार से ज्यादा करेगी. लेकिन राज्य सरकार ने बीते 8 माह से समितियों पर समितियां गठित कर दी लेकिन समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पाया.