देहरादूनः उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा टनल से मजदूरों को बाहर निकालने के बाद विपक्ष ने सरकार पर सवालों की बौछार शुरू कर दी है. उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राजस्थान स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य गणेश गोदियाल ने लापरवाही बरतने वाली कंपनी पर यथोचित कार्रवाई की मांग की है. साथ ही सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं.
गणेश गोदियाल ने कहा कि आखिरकार 17वें दिन सिलक्यारा से सुखद खबर आई. 41 श्रमिकों को सकुशल टनल से बाहर निकाल लिया गया है. वह उन तमाम श्रमिकों, टेक्नीशियनों और एजेंसियों को धन्यवाद अदा करते हैं, जिनके श्रम और राज्यवासियों की तपस्या की बदौलत 41 मजदूर सुरंग से बाहर आ गए. लेकिन शुरुआती दौर से ही सरकार की इच्छा शक्ति में कमजोरी रही. ऐसी परिस्थिति में सरकार की इच्छा शक्ति को ही परखा जाता है. किंतु सरकार यहां पर विफल साबित हुई. इसलिए सरकार के प्रयासों पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है.
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उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या राज्य की सरकार टनल बनाने वाली कंपनी पर यथोचित कार्रवाई करेगी. लेकिन इस बात की उम्मीद कम है कि सरकार लापरवाही बरतने वाली कंपनी पर कोई कार्रवाई करेगी. गोदियाल ने चमोली में एसटीपी प्लांट में हुए हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि एसटीपी प्लांट में करंट दौड़ने से एक दर्जन से अधिक लोगों की जान चली गई थी. लेकिन मुख्यमंत्री ने संबंधित कंपनी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की. उसी तरह सिलक्यारा टनल में सेफ्टी मेजर का ध्यान नहीं रखा गया. इसके परिणाम स्वरूप 41 जिंदगियां 17 दिन तक सुरंग में फंसी रही. उन्होंने मुख्यमंत्री धामी से लापरवाही बरतने वाली कंपनियों पर तत्काल कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है.