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उत्तराखंड में कक्षा एक से 12वीं तक के छात्रों को मिलेंगी निशुल्क किताबें, ये है तैयारी - देहरादून न्यूज

उत्तराखंड में अभी तक आठवीं कक्षा तक निशुल्क किताबें मुहैया कराई जाती थीं. अब कक्षा 12वीं तक के छात्रों को भी निशुल्क किताबें दी जाएंगी.

सरकारी स्कूल
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Published : Oct 1, 2021, 5:01 PM IST

देहरादूनः प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों छात्र-छात्राओं के लिए राहत की खबर है. राज्य सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से लेकर 12वीं तक के सभी छात्रों को निशुल्क किताबें मुहैया कराने का निर्णय लिया है. इतना ही नहीं किताबों की छपाई को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि गरीब बच्चों को काफी फायदा मिलेगा.

माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी की ओर से सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखा गया है. जिसमें एक हफ्ते के अंदर छात्र-छात्राओं की संख्या का आकलन करते हुए जल्द से जल्द निदेशालय को अवगत कराने की बात कही गई है. जिसके आधार पर कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12वीं तक की NCERT-SCERT की पाठ्य पुस्तकों की छपाई के लिए जल्द से जल्द टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाए.

ये भी पढ़ेंः फीस जमा नहीं कराने पर छात्रों को थमाई टीसी, नाराज अभिभावकों ने किया प्रदर्शन

गौर हो कि अभी तक पहली से 8वीं कक्षा तक के बच्चों को निशुल्क किताबें दी जाती थी, लेकिन अब कक्षा 12वीं तक के छात्रों को किताबें दी जाएंगी. जबकि, अभी तक सरकार डीबीटी के माध्यम से बच्चों के खातों में किताबों का पैसा डाल रही थी, लेकिन अगले शिक्षण सत्र से सरकार की ओर से खुद ही छात्रों को निशुल्क किताबें मुहैया कराई जाएंगी. ऐसे में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा निदेशालय को कक्षा 1 से कक्षा 8वीं तक के लिए करीब 57 लाख से ज्यादा किताबों की जरूरत होगी. वहीं, कक्षा 9वीं से कक्षा 12वीं तक के लिए 20 लाख से ज्यादा किताबों की व्यवस्था विभाग को करनी होगी.

देहरादूनः प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों छात्र-छात्राओं के लिए राहत की खबर है. राज्य सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से लेकर 12वीं तक के सभी छात्रों को निशुल्क किताबें मुहैया कराने का निर्णय लिया है. इतना ही नहीं किताबों की छपाई को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि गरीब बच्चों को काफी फायदा मिलेगा.

माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी की ओर से सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखा गया है. जिसमें एक हफ्ते के अंदर छात्र-छात्राओं की संख्या का आकलन करते हुए जल्द से जल्द निदेशालय को अवगत कराने की बात कही गई है. जिसके आधार पर कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12वीं तक की NCERT-SCERT की पाठ्य पुस्तकों की छपाई के लिए जल्द से जल्द टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाए.

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गौर हो कि अभी तक पहली से 8वीं कक्षा तक के बच्चों को निशुल्क किताबें दी जाती थी, लेकिन अब कक्षा 12वीं तक के छात्रों को किताबें दी जाएंगी. जबकि, अभी तक सरकार डीबीटी के माध्यम से बच्चों के खातों में किताबों का पैसा डाल रही थी, लेकिन अगले शिक्षण सत्र से सरकार की ओर से खुद ही छात्रों को निशुल्क किताबें मुहैया कराई जाएंगी. ऐसे में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा निदेशालय को कक्षा 1 से कक्षा 8वीं तक के लिए करीब 57 लाख से ज्यादा किताबों की जरूरत होगी. वहीं, कक्षा 9वीं से कक्षा 12वीं तक के लिए 20 लाख से ज्यादा किताबों की व्यवस्था विभाग को करनी होगी.

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