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देहरादून वालों के लिए जरूरी खबर, भवनों का सेल्फ असेसमेंट करा लीजिए, नहीं तो भरना होगा चार गुना जुर्माना - देहरादून नगर निगम समाचार

अगर आप देहरादून में रहते हैं और आपका अपना घर है तो ये खबर आपके लिए ही है. अगर आपने अपने भवन का सेल्फ असेसमेंट नहीं कराया है तो देहरादून नगर निगम अब रियायत के मूड में नहीं है. निगम आप पर चार गुना जुर्माना लगाने जा रहा है.

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देहरादून नगर निगम
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Published : May 5, 2023, 2:05 PM IST

देहरादून: नगर निगम क्षेत्र में जिन आवासीय और कमर्शियल भवनों के स्वामियों ने अब तक अपने भवनों का सेल्फ असेसमेंट नहीं करवाया है और जो भवन स्वामी अपने प्रॉपर्टी टैक्स से बच रहे हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ अब नगर निगम प्रशासन 4 गुना जुर्माना लगाने की तैयारी में जुट गया है. नगर निगम प्रशासन द्वारा निगम क्षेत्र के आवासीय और कमर्शियल भवनों जिन्होंने 2016 से अब तक अपने भवनों का सेल्फ असेसमेंट नहीं कराया है, उनके खिलाफ एक महीने का नोटिस भेजा जा रहा है.

अपने मकान का सेल्फ असेसमेंट करवा लें: एक महीने के भीतर अगर भवन स्वामी निगम में अपने भवन का सेल्फ असेसमेंट नहीं करवाता है तो उसका टैक्स शून्य माना कर 4 गुना जुर्माना वसूला जाएगा. नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम के सभी 100 वार्डों के टैक्स इंस्पेक्टर को जिम्मेदारी दी गई है कि वह अपने वार्डों में बिना सेल्फ एसेसमेंट की सूची बनाएंगे और उनको नोटिस भेजेंगे. अगर टैक्स इंस्पेक्टर द्वारा लापरवाही बरती जाती है तो उनको जवाब देना पड़ेगा.

नगर निगम ने वर्ष 2014 में भवन कर की नई दरों के साथ सेल्फ असेसमेंट (स्वकर निर्धारण) प्रणाली की शुरुआत की थी. इसमें आवासीय भवन पर यह प्रणाली पूरी तरह लागू हो गई थी. मगर व्यावसायिक भवनों पर यह प्रणाली पूर्ण रूप से लागू नहीं हो सकी. दरअसल, शासन ने उस दौरान व्यावसायिक टैक्स की दरें बढ़ाने पर रोक लगाई हुई थी. ऐसे में नगर निगम ने सिर्फ उन्हीं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर कर लगाया, जो पहले से कर अदा कर रहे थे.

लापरवाही जेब पर भारी पड़ेगी: उसके बाद साल 2016 में शासन ने व्यावसायिक टैक्स की नई दरें लागू कीं तो निगम ने शहर के सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से टैक्स वसूली शुरू की गई. हालांकि, निगम कर्मचारियों ने कभी सेल्फ असेसमेंट में सत्यापन करने की जहमत नहीं उठाई. लेकिन अब भी कई आवासीय और कमर्शियल भवन ऐसे हैं, जो नोटिस का जवाब नहीं देते. उनका टैक्स शून्य मानकर चार गुना जुर्माना वसूला जाएगा.
ये भी पढ़ें: देहरादून नगर निगम ने वसूला रिकॉर्ड 52 करोड़ का हाउस टैक्स, पुलिस विभाग ने पहली बार चुकाई देनदारी

नगर आयुक्त ने क्या कहा: नगर आयुक्त मनुज गोयल ने बताया कि सरकार के द्वारा सेल्फ असेसमेंट फॉर्म स्वीकरण निर्धारण की प्रक्रिया काफी पहले शुरू की जा चुकी है. इसमें सभी लोगों से अपेक्षा थी कि जो भी अपना भवन का अससमेंट है, जिसमें उनकी प्रॉपर्टी कितने स्क्वायर फीट में है, उसके अनुसार भवन का असेसमेंट करके नगर निगम में टैक्स जमा करना था. लेकिन काफी लोगों के द्वारा सेल्फ असेसमेंट नहीं जमा कराया गया है. यह प्रॉपर्टी टैक्स से बचने का प्रयास है. ऐसे भवनों को चिन्हीकरण कराते हुए उनको नोटिस जारी किए जा रहे हैं. यदि कोई ऐसा पाया जाता है कि नोटिस के बाद भी जिसके द्वारा सेल्फ असेसमेंट नहीं भरा जाता है, तो उसकी तरफ से सेल्फ असेसमेंट को जीरो मानते हुए नगर निगम प्रशासन द्वारा उसका स्वकर निर्धारण किया जाएगा. उसके बाद निगम प्रशासन द्वारा ऐसे लोगों से 4 गुना जुर्माना वसूला जाएगा.

देहरादून: नगर निगम क्षेत्र में जिन आवासीय और कमर्शियल भवनों के स्वामियों ने अब तक अपने भवनों का सेल्फ असेसमेंट नहीं करवाया है और जो भवन स्वामी अपने प्रॉपर्टी टैक्स से बच रहे हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ अब नगर निगम प्रशासन 4 गुना जुर्माना लगाने की तैयारी में जुट गया है. नगर निगम प्रशासन द्वारा निगम क्षेत्र के आवासीय और कमर्शियल भवनों जिन्होंने 2016 से अब तक अपने भवनों का सेल्फ असेसमेंट नहीं कराया है, उनके खिलाफ एक महीने का नोटिस भेजा जा रहा है.

अपने मकान का सेल्फ असेसमेंट करवा लें: एक महीने के भीतर अगर भवन स्वामी निगम में अपने भवन का सेल्फ असेसमेंट नहीं करवाता है तो उसका टैक्स शून्य माना कर 4 गुना जुर्माना वसूला जाएगा. नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम के सभी 100 वार्डों के टैक्स इंस्पेक्टर को जिम्मेदारी दी गई है कि वह अपने वार्डों में बिना सेल्फ एसेसमेंट की सूची बनाएंगे और उनको नोटिस भेजेंगे. अगर टैक्स इंस्पेक्टर द्वारा लापरवाही बरती जाती है तो उनको जवाब देना पड़ेगा.

नगर निगम ने वर्ष 2014 में भवन कर की नई दरों के साथ सेल्फ असेसमेंट (स्वकर निर्धारण) प्रणाली की शुरुआत की थी. इसमें आवासीय भवन पर यह प्रणाली पूरी तरह लागू हो गई थी. मगर व्यावसायिक भवनों पर यह प्रणाली पूर्ण रूप से लागू नहीं हो सकी. दरअसल, शासन ने उस दौरान व्यावसायिक टैक्स की दरें बढ़ाने पर रोक लगाई हुई थी. ऐसे में नगर निगम ने सिर्फ उन्हीं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर कर लगाया, जो पहले से कर अदा कर रहे थे.

लापरवाही जेब पर भारी पड़ेगी: उसके बाद साल 2016 में शासन ने व्यावसायिक टैक्स की नई दरें लागू कीं तो निगम ने शहर के सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से टैक्स वसूली शुरू की गई. हालांकि, निगम कर्मचारियों ने कभी सेल्फ असेसमेंट में सत्यापन करने की जहमत नहीं उठाई. लेकिन अब भी कई आवासीय और कमर्शियल भवन ऐसे हैं, जो नोटिस का जवाब नहीं देते. उनका टैक्स शून्य मानकर चार गुना जुर्माना वसूला जाएगा.
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नगर आयुक्त ने क्या कहा: नगर आयुक्त मनुज गोयल ने बताया कि सरकार के द्वारा सेल्फ असेसमेंट फॉर्म स्वीकरण निर्धारण की प्रक्रिया काफी पहले शुरू की जा चुकी है. इसमें सभी लोगों से अपेक्षा थी कि जो भी अपना भवन का अससमेंट है, जिसमें उनकी प्रॉपर्टी कितने स्क्वायर फीट में है, उसके अनुसार भवन का असेसमेंट करके नगर निगम में टैक्स जमा करना था. लेकिन काफी लोगों के द्वारा सेल्फ असेसमेंट नहीं जमा कराया गया है. यह प्रॉपर्टी टैक्स से बचने का प्रयास है. ऐसे भवनों को चिन्हीकरण कराते हुए उनको नोटिस जारी किए जा रहे हैं. यदि कोई ऐसा पाया जाता है कि नोटिस के बाद भी जिसके द्वारा सेल्फ असेसमेंट नहीं भरा जाता है, तो उसकी तरफ से सेल्फ असेसमेंट को जीरो मानते हुए नगर निगम प्रशासन द्वारा उसका स्वकर निर्धारण किया जाएगा. उसके बाद निगम प्रशासन द्वारा ऐसे लोगों से 4 गुना जुर्माना वसूला जाएगा.

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