देहरादून: राजधानी में OLX से ठगी का एक और नया मामला सामने आया है. इस बार 4 आरोपियों ने मिलकर लगभग 300 लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया था, जिसके बाद पुलिस ने एक्शन लेते हुए चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों के पास से 45 हजार रुपए नकद, 45 फर्जी आधार कार्ड, 42 पैन कार्ड, 5 मोबाइल फोन व अन्य सामान बरामद किए गए हैं.
बता दें कि ये आरोपी लंबे समय से ठगी को अंजाम दे रहे थे. शिकायत पर ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को थाना नेहरू कॉलोनी पुलिस और साइबर पुलिस ने भरतपुर राजस्थान से मंगलवार को गिरफ्तार किया. जिसके बाद आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया.
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ऐसे करते थे ठगी
प्रेम सिंह धनाई निवासी नेहरू कॉलोनी ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके द्वारा अपना पुराना सामान बेचने के लिये ओएलएक्स पर एक विज्ञापन डाला गया था. कुछ समय बाद एक व्यक्ति द्वारा फोन कर खुद को आर्मी पर्सन बताते हुए सामान को खरीदने की बात कही गयी. जब सामान का भुगतान उनके खाते में डालने की बात कहकर उनके मोबाइल में आये हुए एक नम्बर के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी, तो उनके द्वारा नम्बर को व्यक्ति को बताया गया. कुछ समय बाद उनके खाते से 34 हजार रुपए निकल गये. जिसके बाद पीड़ित ने नेहरू कॉलोनी में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया.
एसपी सिटी ने कही ये बात
एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि थाना नेहरू कॉलोनी और साइबर पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल नम्बरों और उनके द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे पेटीएम एकाउण्ट्स के सम्बन्ध में जानकारी ली. जिसमें मोबाइल नम्बरों और जिन नम्बरों पर पेटीएम एकाउण्ट्स बनाये गये थे, उनकी लोकेशन भरतपुर राजस्थान में पायी गयी. पुलिस टीम को जानकारी हुई कि अरबाज खान नाम का एक व्यक्ति गैंग बनाकर काम कर रहा है. जिसके बाद पुलिस टीम ने अरबाज खान और उसके 3 साथियों को जनपद भरतपुर राजस्थान से गिरफ्तार किया.
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ठगी का तरीका
आरोपियों द्वारा पूछताछ में बताया गया कि ओएलएक्स में आर्मी पर्सन के नाम से गाड़ी बेचने के सम्बन्ध में एड डालते हैं, जिस क्षेत्र में उन्हें ठगी करनी होती है, वह उसी क्षेत्र की गाड़ी का नम्बर व उसी क्षेत्र अथवा उसके आस-पास के क्षेत्र से सम्बन्धित आर्मी पर्सन की आईडी का इस्तेमाल करते हुए आर्मी पर्सन का स्मार्ट कार्ड व आईडीकार्ड व आर्मी ड्रेस की फोटो वाहन के साथ ओएलएक्स पर अपलोड करते हैं. जिससे आम आदमी उन्हें आर्मी वाला समझ कर आसानी से उनके झांसे में आ जाता है. फिर एडवांस के रूप में पेटीएम, गूगल पे या फिर एकाउण्ट के माध्यम से पैसा मंगवा लेते थे. अधिकतर छोटे-छोटे एमाउण्ट के रूप में लोगों से पैसा अपने खातों में मंगाते हैं, जिससे कि उन्हें शक न हो और वह आसानी से पैसों को उनके खातों मे डलवा सकें.
ऐसे बचें फ्रॉड से
- वाहन खरीदने आने वाले किसी भी व्यक्ति का आधार कार्ड पहले ही ले लें.
- यदि ग्राहक OLX पर विज्ञापन देखकर आया है तो उसका फेसबुक आईडी, ईमेल जरूर होगा, टेस्ट ड्राइव कराने से पहले उसका ईमेल आईडी प्राप्त कर लें या फेसबुक पर जाकर स्नेप शॉट चेक कर सकते हैं.
- अपना वाहन ड्राइव के लिए देते समय उसके साथ खुद या परिवार के किसी सदस्य को जरूर भेजें.