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नेपाल के पूर्व राजदूत ऋषिकेश पहुंचे, स्वामी चिदानंद सरस्वती से की मुलाकात

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने नेपाल के भूतपूर्व राजदूत निरंजन मान सिंह बासनीत से कहा कि पूरा विश्व स्थायी शान्ति की तलाश में है. सभी शान्ति चाहते हैं परन्तु शान्ति की स्थापना तभी हो सकती है जब हमारे पास प्राकृतिक साधन बचे हों.

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नेपाल के पूर्व राजदूत
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Published : Feb 18, 2020, 11:17 PM IST

ऋषिकेश : नेपाल के पूर्व राजदूत निरंजन मान सिंह बासनीत लुम्बिनी रिसर्च सेंटर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से भेंटवार्ता की.

बता दें कि लुंबिनी रिसर्च सेंटर, प्रमुख रूप से पूरी दुनिया में कार्यरत शान्ति प्रक्रियाओं का समर्थन करता है. भगवान बुद्ध के शान्ति संदेशों को पूर्ण करने हेतू हर सम्भव प्रयत्यशील है. आंतरिक और बाहरी शान्ति अवधारणाओं के लिये कार्य कर रहा है. साथ ही वहां शान्ति संदेशों पर गहन शोध भी जारी है. यह संगठन शान्तिपूर्ण जीवन जीने हेतू प्रेरित करने वाले सभी संगठनों को एक साथ लाने के लिये प्रयासरत है. चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हो.

ये भी पढ़ें :श्रीनगर: देवप्रयाग तहसील के नए भवन का शिलान्यास, 3.26 करोड़ से बनेगी इमारत

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने नेपाल के भूतपूर्व राजदूत निरंजन मान सिंह बासनीत से कहा कि पूरा विश्व स्थायी शान्ति की तलाश में है. सभी शान्ति चाहते हैं परन्तु शान्ति की स्थापना तभी हो सकती है जब तक हमारे पास प्राकृतिक साधन बचे हुए हैं. उसमें जीवन यापन करना शुरू करें. प्राकृतिक साधनों का उचित उपयोग ही स्थायी शान्ति का स्रोत है.

उन्होंने कहा कि शान्ति संदेशों को प्रचारित करके हम दुनिया के एक वर्ग तक तो शान्ति पहुंचा सकते हैं. परन्तु जो दूसरा वर्ग है, वह मौलिक जरूरतों के अभाव में जीवन यापन कर रहा है. उसकी जब तक मौलिक सुविधाएं यथा स्वच्छ जल, शुद्ध वायु, पर्याप्त भोजन, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवायें जैसी जरूरतें पूरी नहीं हो जाती तब तक शान्ति की कल्पना नहीं की जा सकती.

ऋषिकेश : नेपाल के पूर्व राजदूत निरंजन मान सिंह बासनीत लुम्बिनी रिसर्च सेंटर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से भेंटवार्ता की.

बता दें कि लुंबिनी रिसर्च सेंटर, प्रमुख रूप से पूरी दुनिया में कार्यरत शान्ति प्रक्रियाओं का समर्थन करता है. भगवान बुद्ध के शान्ति संदेशों को पूर्ण करने हेतू हर सम्भव प्रयत्यशील है. आंतरिक और बाहरी शान्ति अवधारणाओं के लिये कार्य कर रहा है. साथ ही वहां शान्ति संदेशों पर गहन शोध भी जारी है. यह संगठन शान्तिपूर्ण जीवन जीने हेतू प्रेरित करने वाले सभी संगठनों को एक साथ लाने के लिये प्रयासरत है. चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हो.

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स्वामी चिदानंद सरस्वती ने नेपाल के भूतपूर्व राजदूत निरंजन मान सिंह बासनीत से कहा कि पूरा विश्व स्थायी शान्ति की तलाश में है. सभी शान्ति चाहते हैं परन्तु शान्ति की स्थापना तभी हो सकती है जब तक हमारे पास प्राकृतिक साधन बचे हुए हैं. उसमें जीवन यापन करना शुरू करें. प्राकृतिक साधनों का उचित उपयोग ही स्थायी शान्ति का स्रोत है.

उन्होंने कहा कि शान्ति संदेशों को प्रचारित करके हम दुनिया के एक वर्ग तक तो शान्ति पहुंचा सकते हैं. परन्तु जो दूसरा वर्ग है, वह मौलिक जरूरतों के अभाव में जीवन यापन कर रहा है. उसकी जब तक मौलिक सुविधाएं यथा स्वच्छ जल, शुद्ध वायु, पर्याप्त भोजन, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवायें जैसी जरूरतें पूरी नहीं हो जाती तब तक शान्ति की कल्पना नहीं की जा सकती.

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