देहरादून: उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू न होने पर पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने ही सवाल खड़े किए हैं. पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा उन्होंने एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के लिए पहल शुरू की थी, लेकिन, अब तक यह लागू नहीं हो पाया है.
सत्ता के गलियारे से दूर हो चुके अरविंद पांडे एक बार फिर से अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं. पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने सोमवार को भाजपा कार्यालय में कहा प्रदेश में अब तक एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू नहीं हो पाया है, जिसकी वह शुरुआत करके गए थे. उन्होंने कहा जल्द ही प्रदेश में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम शुरू होना चाहिए. अरविंद पांडे का कहना है कि उनके द्वारा जो शुरुआत की गई थी उसको अब तक धरातल पर नहीं उतारा गया है.
पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा पिछली सरकार में बतौर शिक्षा मंत्री रहते उनके द्वारा सीबीएसई पाठ्यक्रम में एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू करने का फैसला लिया गया था. जिसके पीछे का मकसद छात्रों और अभिभावकों को राहत देना था.
अरविंद पांडे ने कहा उनका प्रयास था कि प्रदेश में मौजूद सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में एक तरह का पाठ्यक्रम हो. साथ ही छात्रों में समरूपता रहे. इसके साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता भी बढ़े, इसके लिए एनसीईआरटी की पुस्तकें बेहद जरूरी थी. पूर्व शिक्षा मंत्री ने इस बात पर नाराजगी जताई, उन्होंने कहा आज भी कई ऐसे स्कूल हैं जहां पर एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू नहीं हो पाई हैं. जिसका उन्हें दुख है. उन्होंने कहा वह इस संबंध में वर्तमान शिक्षा मंत्री से मुलाकात करेंगे. वे प्रदेश के सभी स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम के साथ एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू करने की प्रमुखता से मांग रखेंगे.