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देवस्थानम बोर्ड के विरोध पर बोले TSR, 'सोने का नाटक करने वाले को कैसे जगाएंगे?' - देवस्थानम बोर्ड

उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड के विरोध पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने सख्त प्रतिक्रिया दी है. त्रिवेंद्र ने कहा कि बोर्ड के खिलाफ तीर्थ पुरोहित जो विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वो सोने का नाटक करने जैसा है.

former CM Trivendra Singh Rawat
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत
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Published : Jul 21, 2021, 6:27 PM IST

श्रीनगर: उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ तीर्थ पुरोहितों का विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है. चारों धामों के तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे हैं. सोमवार को ऊखीमठ में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी तीर्थ पुरोहितों ने काले झंडे दिखाए थे. वहीं बुधवार को पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने इस मामले पर एक और बयान दिया है.

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीर्थ पुरोहितों को लेकर कहा कि सोए हुए व्यक्ति को जगाया जा सकता है, लेकिन जो सोने का नाटक कर रहा हो, उसके लिए कितने भी नगाड़े बजा दो तब भी उसे जगाया नहीं जा सकता है. बता दें कि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में ही हुआ था. त्रिवेंद्र सरकार में ही उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड एक्ट पास हुआ था. देवस्थानम बोर्ड के गठन से लेकर अभीतक तीर्थ पुरोहित इसका विरोध कर रहे हैं. सोमवार को तो तीर्थ पुरोहितों ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र को रुद्रप्रयाग के ऊखीमठ में काले झंडे तक दिखाए थे.

देवस्थानम बोर्ड के विरोध पर त्रिवेंद्र की खरी-खरी

पढ़ें- देवस्थानम बोर्ड बनाने की मंशा, तीर्थ पुरोहितों का विवाद, जानें क्या है कहानी

बुधवार को पूर्व त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत श्रीनगर के दौरे पर थे. इस दौरान देवस्थानम बोर्ड को लेकर उन्होंने कहा कि उनके सुनने में आया था कि सरकार पंडा समाज से नहीं मिल रही है, लेकिन ये सब झूठ है. क्योंकि पंडा समाज कई बार उनसे मिला है. इसके अलावा कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और सतपाल महाराज से भी उनकी मुलाकात हुई है, लेकिन फिर भी वे समझने को तैयार नहीं हैं.

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने तीर्थ पुरोहितों के विरोध पर कहा कि सोए हुए व्यक्ति को जगाया जा सकता है, लेकिन जो सोने का नाटक कर रहा हो, उसके लिए कितने भी नगाड़े बजा दो तब भी उसे जगाया नहीं जा सकता है.

बता दें कि तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार साल 2019 में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड लेकर आई थी. उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड उत्तराखंड के अंतर्गत चारों धाम और उनके अधीन आने वाले 51 मंदिर हैं. देवस्थानम बोर्ड के गठन के बाद से ही चारों धामों के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी इसका विरोध कर रहे हैं

पढ़ें- त्रिवेंद्र बोले फ्री बिजली है केजरीवाल का छलावा, दिल्ली में कर रहे आंकड़ों की बाजीगरी

त्रिवेंद्र के बयान का विरोध: उधर, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस बयान की तीर्थ पुरोहित समाज ने आलोचना करते हुए निंदा की है. तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी, अंकुर शुक्ला, पवन तिवारी ने कहा कि पूर्व सीएम तीर्थ पुरोहित समाज का अपमान कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहित समाज अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है. इस देवस्थानम बोर्ड के गठन से पुरोहित समाज का हक छीना जा रहा है. यह बोर्ड सिर्फ सरकार ने अपने फायदे के लिए बनाया है. तीर्थ पुरोहित समाज देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ है और चारों धामों में आंदोलन कर रहा है. तीर्थ पुरोहित समाज को नये मुख्यमंत्री से काफी उम्मीदें हैं. जो गलतियां तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार में की गईं, उन गलतियों को सुधारा जाएगा. उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन तभी खत्म होगा, जब यह बोर्ड भंग होगा.

श्रीनगर: उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ तीर्थ पुरोहितों का विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है. चारों धामों के तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे हैं. सोमवार को ऊखीमठ में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी तीर्थ पुरोहितों ने काले झंडे दिखाए थे. वहीं बुधवार को पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने इस मामले पर एक और बयान दिया है.

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीर्थ पुरोहितों को लेकर कहा कि सोए हुए व्यक्ति को जगाया जा सकता है, लेकिन जो सोने का नाटक कर रहा हो, उसके लिए कितने भी नगाड़े बजा दो तब भी उसे जगाया नहीं जा सकता है. बता दें कि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में ही हुआ था. त्रिवेंद्र सरकार में ही उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड एक्ट पास हुआ था. देवस्थानम बोर्ड के गठन से लेकर अभीतक तीर्थ पुरोहित इसका विरोध कर रहे हैं. सोमवार को तो तीर्थ पुरोहितों ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र को रुद्रप्रयाग के ऊखीमठ में काले झंडे तक दिखाए थे.

देवस्थानम बोर्ड के विरोध पर त्रिवेंद्र की खरी-खरी

पढ़ें- देवस्थानम बोर्ड बनाने की मंशा, तीर्थ पुरोहितों का विवाद, जानें क्या है कहानी

बुधवार को पूर्व त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत श्रीनगर के दौरे पर थे. इस दौरान देवस्थानम बोर्ड को लेकर उन्होंने कहा कि उनके सुनने में आया था कि सरकार पंडा समाज से नहीं मिल रही है, लेकिन ये सब झूठ है. क्योंकि पंडा समाज कई बार उनसे मिला है. इसके अलावा कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और सतपाल महाराज से भी उनकी मुलाकात हुई है, लेकिन फिर भी वे समझने को तैयार नहीं हैं.

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने तीर्थ पुरोहितों के विरोध पर कहा कि सोए हुए व्यक्ति को जगाया जा सकता है, लेकिन जो सोने का नाटक कर रहा हो, उसके लिए कितने भी नगाड़े बजा दो तब भी उसे जगाया नहीं जा सकता है.

बता दें कि तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार साल 2019 में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड लेकर आई थी. उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड उत्तराखंड के अंतर्गत चारों धाम और उनके अधीन आने वाले 51 मंदिर हैं. देवस्थानम बोर्ड के गठन के बाद से ही चारों धामों के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी इसका विरोध कर रहे हैं

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त्रिवेंद्र के बयान का विरोध: उधर, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस बयान की तीर्थ पुरोहित समाज ने आलोचना करते हुए निंदा की है. तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी, अंकुर शुक्ला, पवन तिवारी ने कहा कि पूर्व सीएम तीर्थ पुरोहित समाज का अपमान कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहित समाज अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है. इस देवस्थानम बोर्ड के गठन से पुरोहित समाज का हक छीना जा रहा है. यह बोर्ड सिर्फ सरकार ने अपने फायदे के लिए बनाया है. तीर्थ पुरोहित समाज देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ है और चारों धामों में आंदोलन कर रहा है. तीर्थ पुरोहित समाज को नये मुख्यमंत्री से काफी उम्मीदें हैं. जो गलतियां तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार में की गईं, उन गलतियों को सुधारा जाएगा. उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन तभी खत्म होगा, जब यह बोर्ड भंग होगा.

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