देहरादून: 2016 के हॉर्स ट्रेडिंग केस में सीबीआई के केस दर्ज करने के बाद से पूर्व सीएम हरीश रावत लगातार सोशल मीडिया के जरिये बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. अपने ताजा ट्वीट में रावत ने मानव बम का जिक्र किया है जो बीजेपी पर ही फट सकता है.
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कभी-कभी आपकी टिप्पणी सटीक बैठ जाती है।CBI द्वारा माननीय नैनीताल हाईकोर्ट नैनीताल में अरजैन्सी एप्लिकेशन फाईल करने को लेकर, मैंने अपनी त्वरित टिप्पणी में श्री त्रिवेन्द्र सरकार में विद्यमान मानव बम का उल्लेख किया था,बम तो डिटैक्ट हो चुका है, जीरो टाॅरलेन्स का मुखौटा भी दरक रहा है।
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">कभी-कभी आपकी टिप्पणी सटीक बैठ जाती है।CBI द्वारा माननीय नैनीताल हाईकोर्ट नैनीताल में अरजैन्सी एप्लिकेशन फाईल करने को लेकर, मैंने अपनी त्वरित टिप्पणी में श्री त्रिवेन्द्र सरकार में विद्यमान मानव बम का उल्लेख किया था,बम तो डिटैक्ट हो चुका है, जीरो टाॅरलेन्स का मुखौटा भी दरक रहा है।
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— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) October 28, 2019
रावत ने अपने ट्वीट में लिखा है, 'कभी-कभी आपकी टिप्पणी सटीक बैठ जाती है. CBI द्वारा माननीय नैनीताल हाईकोर्ट में अरजैन्सी एप्लिकेशन फाइल करने को लेकर, मैंने अपनी त्वरित टिप्पणी में श्री त्रिवेन्द्र सरकार में विद्यमान मानव बम का उल्लेख किया था, बम तो डिडक्ट हो चुका है, जीरो टॉरलेन्स का मुखौटा भी दरक रहा है।'
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माना जा रहा है कि हरीश रावत ने ये ट्वीट बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत (तत्कालीन हरीश रावत सरकार में भी कैबिनेट मंत्री) और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर पर तंज है. दरअसल, इस मुद्दे पर सीबीआई द्वारा हरक सिंह रावत पर भी केस दर्ज किया गया है. हरीश रावत का कहना है कि अगर सीएम की ओर से कुछ किया गया तो वो मानव बम फट पड़ेगा, यही वजह है कि बीजेपी इस समय चुप्पी साधे बैठी है.
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CBI कुछ और मानव बमों से भी परिचित है। दल-बदल के पूरे प्रकरण में, मैं तो महज इंतफाकन उलझ गया हॅू। वास्तविक किरदार तो अभी बाहर हैं, जीरो टाॅरलेन्स के उद्घोषक को गूंगा, बहरा व आंख मूदा होना पडे़गा। वह जानते हैं, कुछ भी हरकत की, तो मानव बम फट पड़ेगा।
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">CBI कुछ और मानव बमों से भी परिचित है। दल-बदल के पूरे प्रकरण में, मैं तो महज इंतफाकन उलझ गया हॅू। वास्तविक किरदार तो अभी बाहर हैं, जीरो टाॅरलेन्स के उद्घोषक को गूंगा, बहरा व आंख मूदा होना पडे़गा। वह जानते हैं, कुछ भी हरकत की, तो मानव बम फट पड़ेगा।
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) October 28, 2019CBI कुछ और मानव बमों से भी परिचित है। दल-बदल के पूरे प्रकरण में, मैं तो महज इंतफाकन उलझ गया हॅू। वास्तविक किरदार तो अभी बाहर हैं, जीरो टाॅरलेन्स के उद्घोषक को गूंगा, बहरा व आंख मूदा होना पडे़गा। वह जानते हैं, कुछ भी हरकत की, तो मानव बम फट पड़ेगा।
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) October 28, 2019
रावत कहते हैं, 'CBI कुछ और मानव बमों से भी परिचित है. दल-बदल के पूरे प्रकरण में, मैं तो महज इतफाकन उलझ गया हूं. वास्तविक किरदार तो अभी बाहर हैं, जीरो टॉरलेन्स के उद्घोषक को गूंगा, बहरा व आंख मूदा होना पडे़गा. वह जानते हैं, कुछ भी हरकत की, तो मानव बम फट फटेगा. भारतीय लोकतंत्र का एक अत्यधिक कलंकपूर्ण, षड्यंत्रपूर्ण सत्य, देश के सम्मुख आ जायेगा. ऐतत भाजपा की चुप्पी तो समझ में आती है, अन्य पक्ष भी संयुक्त परिवार की उस छोटी बहू का आचरण कर रहे हैं, जिसे हर हालत में जेठ के सम्मुख घुंघट निकाल कर चुप रहना है.'
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भारतीय लोकतंत्र का एक अत्यधिक कलंकपूर्ण, षड्यंत्रपूर्ण सत्य, देश के सम्मुख आ जायेगा। ऐतत भा.ज.पा. की चुप्पी तो समझ में आती है, अन्य पक्ष भी संयुक्त परिवार की उस छोटी बहू का आचरण कर रहे हैं, जिसे हर हालत में जेठ के सम्मुख घुंघट निकाल कर चुप रहना है।
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— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) October 28, 2019भारतीय लोकतंत्र का एक अत्यधिक कलंकपूर्ण, षड्यंत्रपूर्ण सत्य, देश के सम्मुख आ जायेगा। ऐतत भा.ज.पा. की चुप्पी तो समझ में आती है, अन्य पक्ष भी संयुक्त परिवार की उस छोटी बहू का आचरण कर रहे हैं, जिसे हर हालत में जेठ के सम्मुख घुंघट निकाल कर चुप रहना है।
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क्या है पूरा मामला?
गौर हो कि मार्च 2016 में कांग्रेस सरकार में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत समेत कांग्रेस के 9 विधायकों ने हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी और सरकार गिर गई थी. तब तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से अपनी सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का एक वीडियो सामने आया था. इसी वीडियो के आधार पर हरक सिंह रावत ने राज्यपाल से हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.
इसके बाद से उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई और 31 मार्च 2016 को राज्यपाल की संस्तुति से हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू हुई. सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिक जांच की एक सीलबंद रिपोर्ट अदालत में पेश की थी जिसपर हाल ही में उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सीबीआई को इस मामले में आगे बढ़ने और रावत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था.
कोर्ट से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और निजी चैनल के पत्रकार उमेश कुमार शर्मा पर केस दर्ज किया. इसके बाद से ही प्रदेश की राजनीति में खींचतान शुरू हो गई है. कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है. पार्टी का कहना है कि हरीश रावत के खिलाफ कुछ भी किया गया तो सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा.