देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने युवाओं को आश्वस्त किया कि वे उनकी परेशानियों को बखूबी समझते हैं. इसलिए सरकारी भर्तियों में हो रही देरी के विरोध में वह एक दिन का उपवास रखेंगे.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि नौजवान दोस्तों की परेशानी बखूबी समझता हूं. इसलिए मैंने फैसला लिया है कि सरकारी भर्तियों में जानबूझकर बरती जा रही सुस्ती और देरी के विरोध में वह एक दिन का उपवास रखेंगे. मैं उपवास चाहे गवर्नर हाउस के सामने रखूं या किसी मंदिर के सामने. नौजवान दोस्तों से मेरी प्रार्थना है कि जीवन के फैसले भावुकता में नहीं लिए जाते हैं.
हरीश रावत ने कांग्रेस कार्यकाल का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 2017 में जब कांग्रेस उत्तराखंड में हारी थी, उस दौरान उनकी सरकार बेरोजगारी की वार्षिक वृद्धि दर को 2013 के 11 प्रतिशत के मुकाबले घटाकर 2.5 प्रतिशत पर ले आई थी. पुर्व सीएम हरीश रावत ने अपने कार्यकाल में राजस्व वृद्धि दर का भी जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि उस दौरान राजस्व वृद्धि दर को बढ़ाकर हमने 19.5 प्रतिशत कर दिया था, जो देश के भीतर कर्नाटक के बाद सर्वाधिक थी.
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हरीश रावत ने कहा कि उस समय नौजवानों के भविष्य का रास्ता बना रही थी, क्योंकि हम शिक्षित बेरोजगारी की वृद्धि दर को शून्य प्रतिशत में लाना चाहते थे. जो श्रमिक वर्ग में बेरोजगारी है, वह तो पहले से ही हमने वाइप्ड आउट कर दी थी. उन्होंने कहा कि ऐसे में अगले दो-तीन सालों के लिए चुनौतियां काफी बढ़ गई है.