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हरीश रावत ने राज्य स्थापना दिवस पर अपने कार्यकाल की गिनाईं उपलब्धियां

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former Chief Minister Harish Rawat) ने राज्य स्थापना दिवस (Uttarakhand State Foundation Day) पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. हरीश रावत ने कहा कि जिन बुनियादी उसूलों के लिए राज्य की स्थापना हुई थी, उसी उसूलों से राज्य का निर्माण करेंगे.

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Published : Nov 9, 2022, 10:25 AM IST

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देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former Chief Minister Harish Rawat) ने राज्य स्थापना दिवस (Uttarakhand State Foundation Day) के अवसर पर कहा कि सभी संकल्प लें कि जिन बुनियादी उसूलों के लिए राज्य की स्थापना हुई थी, उन्हीं उसूलों से राज्य का निर्माण करेंगे. उन्होंने अपने कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि 2014 में चिंताजनक स्थिति में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का पद संभालने का सौभाग्य मिला. मैंने उस अवसर को सौभाग्य के रूप में बदलने के लिए त्रासदी ग्रस्त राज्य को उबारा.

हरीश रावत ने आगे कहा कि इसमें सब का सहयोग और मार्गदर्शन मिला और उन्हें इस बात का फक्र है कि चारधाम यात्रा, राज्य की अर्थव्यवस्था और संचार व्यवस्था जो पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी थी, उन्हें पटरी पर लाया गया. यह काम रिकॉर्ड समय पर पूरा किया गया. उन्होंने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री पद संभालने जा रहे थे तो उनका लक्ष्य था कि राज्य आंदोलन की मूल भावना के अनुरूप राज्य को ढालते हुए उन प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाऊंगा जो प्राथमिकताएं बीते 14 वर्षों में नेपथ्य में चली गई थी.
पढ़ें-उत्तराखंड का स्थापना दिवस आज, CM धामी ने दी बधाई, सामने रखा सरकार का विजन

हरीश रावत का कहना है कि हमने जो अवसर प्रदान किए थे उनका लाभ आगे आने वाले लोगों ने नहीं उठाया. इसलिए आज हम पलायन ग्रस्त, चिंता ग्रस्त और समस्या ग्रस्त राज्य के रूप में खड़े हैं. वहीं उन्होंने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सभी को जिन बुनियादी उसूलों के लिए उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ था उन बुनियादी उसूलों पर इस राज्य को खड़ा करने में अपनी भूमिका निभाएंगे का संकल्प लेने की अपील की.

देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former Chief Minister Harish Rawat) ने राज्य स्थापना दिवस (Uttarakhand State Foundation Day) के अवसर पर कहा कि सभी संकल्प लें कि जिन बुनियादी उसूलों के लिए राज्य की स्थापना हुई थी, उन्हीं उसूलों से राज्य का निर्माण करेंगे. उन्होंने अपने कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि 2014 में चिंताजनक स्थिति में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का पद संभालने का सौभाग्य मिला. मैंने उस अवसर को सौभाग्य के रूप में बदलने के लिए त्रासदी ग्रस्त राज्य को उबारा.

हरीश रावत ने आगे कहा कि इसमें सब का सहयोग और मार्गदर्शन मिला और उन्हें इस बात का फक्र है कि चारधाम यात्रा, राज्य की अर्थव्यवस्था और संचार व्यवस्था जो पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी थी, उन्हें पटरी पर लाया गया. यह काम रिकॉर्ड समय पर पूरा किया गया. उन्होंने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री पद संभालने जा रहे थे तो उनका लक्ष्य था कि राज्य आंदोलन की मूल भावना के अनुरूप राज्य को ढालते हुए उन प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाऊंगा जो प्राथमिकताएं बीते 14 वर्षों में नेपथ्य में चली गई थी.
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हरीश रावत का कहना है कि हमने जो अवसर प्रदान किए थे उनका लाभ आगे आने वाले लोगों ने नहीं उठाया. इसलिए आज हम पलायन ग्रस्त, चिंता ग्रस्त और समस्या ग्रस्त राज्य के रूप में खड़े हैं. वहीं उन्होंने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सभी को जिन बुनियादी उसूलों के लिए उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ था उन बुनियादी उसूलों पर इस राज्य को खड़ा करने में अपनी भूमिका निभाएंगे का संकल्प लेने की अपील की.

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