देहरादून: राजधानी में अप्रैल महीने से बरसात का मौसम शुरू हो जाता है. बरसात के मौसम में आशारोड़ी और मालसी रेंज के आसपास क्षेत्रों में सांप, मॉनिटर छिपकली जैसे जानवर निकलने शुरू हो जाते हैं. वन विभाग के टीमों द्वारा कॉल आने के बाद रेस्क्यू का काम किया जाता है. वन विभाग द्वारा बंदर, उल्लू सहित कई जानवरों का रेस्क्यू किया गया है.
डीएफओ राजीव धीमान की मानें तो इस साल अप्रैल महीने से अब तक 750 के करीब जानवरों को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा गया है. साथ ही रेस्क्यू टीम द्वारा लोगों को जागरूक करने का काम भी किया गया.
डीएफओ राजीव धीमान ने बताया कि देहरादून वन प्रभाग के मालसी रेंज और आशारोड़ी रेंज में जो वनों का क्षेत्र शहरों से लगा हुआ है, उन इलाकों से लगातार रेस्क्यू के लिए कॉल आते रहते हैं. उनकी टीम द्वारा अलग-अलग जानवरों का रेस्क्यू किया गया है. अगर डाटा की बात करें तो अप्रैल से अब तक 470 सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं. वहीं, बंदरों को लेकर शिकायत आती है कि बंदर को करंट लग गया या फिर गाड़ी से टकराकर घायल हो गया तो ऐसे 100 बंदरों का रेस्क्यू किया गया है. इसके अलावा मॉनिटर छिपकली की भी काफी शिकायत आती है कि वो घर पर आ गई है. जिसके बाद टीम द्वारा 62 मॉनिटर छिपकलियों का रेस्क्यू किया गया है. वन विभाग की टीम ने 82 उल्लू भी रेस्क्यू किए हैं.
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डीएफओ राजीव धीमान ने बताया की वन विभाग की टीम ने इस वर्ष कुल 750 के करीब जानवरों का अप्रैल महीने से अब तक रेस्क्यू किया है. उनकी टीम द्वारा लोगों को वन्यजीवों को लेकर लगातार जागरूक किया जा रहा है.