देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना का असर सभी वर्गों के लोगों में देखने को मिल रहा है. लोगों के सामने रोजी-रोटी, आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. इसी कड़ी में उत्तराखंड के जंगलों में दुधारू मवेशियों के सहारे अपना गुजर-बसर करने वाले वन गुर्जरों के सामने भी कोरोना के कारण रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में अब वन विभाग इनको आवश्यकतानुसार खाद्य सामग्री वितरित करने जैसी अन्य सुविधाओं के लिए आगे आया है. राजधानी देहरादून के आशारोड़ी वन क्षेत्र में रहने वाले गुर्जर समुदाय के लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही संकटकाल में खाद्य सामग्री क्षेत्रीय वन अधिकारियों द्वारा इन दिनों वितरित की जा रही है.
नियमित रूप से वन गुर्जरों का होगा स्वास्थ्य परीक्षण: डीएफओ
आशारोड़ी क्षेत्राधिकारी राजीव गौड़ के मुताबिक वन गुर्जर अपने रोजगार के मुताबिक पालतू मवेशी जानवरों का दूध लेकर शहर की ओर विक्रय करने जाते हैं. ऐसे में उनके परिवारों के ऊपर भी कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. इसी के चलते देहरादून प्रभागीय वन अधिकारी राजीव धीमान के निर्देश अनुसार-कड़वापानी, लालढांग व चंद्रमणि जैसे वन क्षेत्र में रहने वाले दर्जनों गुर्जर परिवारों की थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीजन स्तर, पल्स रेट चेक कर कोरोना टेस्टिंग करायी जा रही है. डीएफओ राजीव धीमान के मुताबिक कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते अब जिले के वन क्षेत्र में रहने वाले गुर्जर परिवारों का नियमित रूप से कोरोना परीक्षण कराया जाएगा.
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गुर्जर समुदाय ने वन विभाग का आभार जताया
वहीं दूसरी ओर कोरोना कर्फ्यू के दृष्टिगत खाद्य सामग्री की समस्या सामने आने के चलते वन क्षेत्र में रहने वाले गुर्जर परिवारों को सूखा राशन, खाद्य सामग्री वितरित की जा रही है. ऐसे में कोरोना में वन विभाग की ओर से स्वास्थ्य सुविधा और रसद सामग्री मदद को लेकर वन गुर्जर समुदाय ने फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को धन्यवाद किया.