देहरादूनः उत्तराखंड में नशे की दवाइयों का व्यापार तेजी से फल फूल रहा है. वर्तमान हालात ये हैं कि औषधि नियंत्रण विभाग जब भी अपनी नींद से जागता है, तब छापेमारी के दौरान हजारों की संख्या में नशे की दवाइयां और इंजेक्शन बरामद होता है. हालांकि, औषधि नियंत्रण विभाग के आयुक्त आर राजेश कुमार के निर्देश पर तमाम जगहों पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है. साथ ही प्रतिबंधित दवाइयों के अवैध बिक्री पर लगाम लगाए जाने को लेकर भी स्टोरों को दिशा निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा चारधाम यात्रा मार्गों पर भी संयुक्त रूप से मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है.
उत्तराखंड में 13 मेडिकल स्टोर संचालकों पर मुकदमा दर्जः प्रदेश में तेजी से फैल रही नशीली दवाइयों के कारोबार पर लगाम लगाने को लेकर ड्रग्स इंस्पेक्टर लगातार छापेमारी की कार्रवाई कर रहे हैं. औषधि नियंत्रण विभाग के मुताबिक, जनवरी 2022 से वर्तमान समय तक प्रदेश भर में 900 मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया है. जिसमें से 22 स्टोरों पर संयुक्त रूप से छापेमारी की कार्रवाई की गई है. इस निरीक्षण और छापेमारी की कार्रवाई के दौरान न सिर्फ 13 मेडिकल स्टोर संचालकों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. बल्कि, 3 मेडिकल स्टोरों का लाइसेंस भी रद्द किया गया है.
चारधाम यात्रा मार्गों पर संचालित 5 मेडिकल स्टोर के लाइसेंस निरस्तः चारधाम यात्रा मार्गों पर दवाइयों की उपलब्धता और दवाइयों की गुणवत्ता को लेकर औषधि नियंत्रण विभाग ने एक विशेष अभियान चलाया. इस अभियान के तहत यात्रा मार्गों पर मौजूद 50 मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान 5 मेडिकल स्टोरों पर नशीली दवाइयों के साथ ही खराब क्वालिटी की दवाइयां पाई गई. जिसके चलते विभाग ने इन मेडिकल स्टोर को बंद करने के लिए इनका लाइसेंस निरस्त कर दिया है. ताकि भविष्य में ये मेडिकल स्टोर संचालित न हो सके.
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मेडिकल स्टोरों में एप्रन पहनकर बैठेंगे फार्मासिस्टः देहरादून समेत प्रदेश के तमाम हिस्सों से प्रतिबंधित दवाइयों की बड़ी खेप पकड़ी जा रही है. हाल ही में सुद्धोवाला में प्रतिबंधित दवाइयों की बड़ी खेप पकड़े जाने के बाद ही औषधि नियंत्रण विभाग पूरी तरह से सक्रिय हो गया है. इसके साथ ही औषधि नियंत्रण विभाग ने सभी मेडिकल स्टोर के लिए फरमान जारी करते हुए इस बात पर जोर दिया कि सभी मेडिकल स्टोरों पर एप्रन पहन कर फार्मासिस्ट बैठेंगे.
इसके अलावा सभी फार्मासिस्टों को बायोमेट्रिक हाजिरी भी लगाना होगा. इसके लिए मेडिकल स्टोर में अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक मशीन लगाना होगा. जिसकी रिपोर्ट औषधि नियंत्रण विभाग में पहुंचती रहेगी. इसके साथ ही प्रतिबंधित दवाइयों को बिना किसी डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के नहीं दे सकेंगे. अगर प्रिस्क्रिप्शन पर देते भी हैं तो उसका पूरा रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा.
ड्रग कंट्रोलर की अध्यक्षता में 17 अप्रैल को होगी बैठकः बीते दिन सेलाकुई स्थित औद्योगिक क्षेत्र के पास मौजूद स्वारना नदी से भारी संख्या में एक्सपायर दवाइयां और दवाइयां बनने वाली कच्चा माल के पैकेट बरामद किया गया. ये सभी दवाइयां सेलाकुई स्थित फार्मा कंपनियों के थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए औषधि नियंत्रण विभाग सक्रिय हो गया है. सहायक औषधि नियंत्रक सुधीर कुमार ने बताया कि इस मामले को लेकर 17 मई को ड्रग्स कंट्रोलर की अध्यक्षता में फार्मा उद्योगों के साथ बैठक बुलाई गई है. जिसमें फार्मा उद्योगों को नदी में दवाइयां फेंकने के मामले में दिशा निर्देश देंगे.