देहरादून: रास डिजिटल मार्ट और एचएनके फिल्म्स मार्ट के बैनर तले डिजिटल भारत का एक वेबिनार आयोजित किया गया, जिसमें पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज और उत्तराखंड की पर्यटन अपर निदेशक पूनम चांद ने प्रतिभाग किया. वेबिनार में दुबई एवं यूके (United Kingdom) से संस्कृति एवं कला को बढ़ावा देने वाले कई लोगों ने भी प्रतिभाग किया. वेबिनार में उत्तराखंड के लोक कलाकारों ने लाइव प्रस्तुति देकर सबका मनोरंजन भी किया.
कार्यक्रम का शुभारंभ लोक कलाकार हेमा नेगी करासी, सौरभ मैथानी और अल्मोड़ा के जय मां धारी ढोल दमाऊ ग्रुप के कलाकारों और लोक कलाकार हरीश चंद्र शर्मा ने अपनी टीम के साथ लाइव प्रस्तुति देकर किया. वेबिनार का संचालन गढ़वाल विश्वविद्यालय के दो पूर्व छात्र महिपाल सिंह रावत और पवन कुमार कोटियाल ने प्रोफेसर एसपी काला के निर्देशन में किया. इसके बाद तमाम बिंदुओं पर चर्चा की गई.
वेबिनार में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार किया जा रहा है, जिससे राज्य की सांस्कृतिक और पर्यटन से जुड़े व्यवसायों को एक तकनीकी और पब्लिसिटी मिल रही है. उत्तराखंड के कलाकार प्रदेश की संस्कृति को संरक्षित करने के साथ देश-दुनिया तक इसका प्रचार-प्रसार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जिससे आने वाली पीढ़ी को उत्तराखंड की लोक संस्कृति से रूबरू कराया जा सकेगा.
महाराज ने कहा कि कोरोना से स्थिति सामान्य होने के बाद प्रदेश के लोक कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए सरकार की ओर से मंच उपलब्ध कराया जाएगा. इसके साथ ही कलाकरों को सम्मानित भी किया जाएगा. प्रदेश की संस्कृति पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देती है. देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों का होटल पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन से ही स्वागत किया जाता है, जो पर्यटकों को आकर्षित करती है.
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ऐसे में पारंपरिक वाद्य यंत्रों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए भी सरकार की ओर से हर संभव प्रयास किए जाएंगे और इस संकट की इस घड़ी में प्रदेश सरकार कलाकारों के साथ खड़ी है. वेबिनार में विदेशों से प्रतिभाग करते हुए उत्तराखंड एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि उत्तराखंड के लोक कलाकार जब भी दुबई, यूएस आदि जगहों पर अपनी प्रस्तुति देने के लिए आयेंगे, तो उन्हें उनके एसोसिएशन की ओर से मानदेय व सहयोग किया जायेगा.
वेबिनार में उत्तराखंड में शिक्षा के लिए अनुकूल व्यवस्था करने पर चर्चा की गई, जिसमें विदेशों से बच्चे पढ़ने आएं. इसके साथ ही स्थानीय लोक कलाकारों को आगे कैसे बढ़ाया जाए, इस पर भी चर्चा की गई. ग्रामीण स्तर पर प्रशिक्षण और कौशल विकास केंद्र खोले जाएं, जिससे कम उम्र में ही प्रतिभाओं को निखारा जा सके.
वेबिनार में उद्यमियों और स्टार्टअप के लिए सही प्लेटफॉर्म चुनने के लिए ग्रामीणों को मेंटरिंग सपोर्ट पर भी चर्चा की गई. इसके साथ ही युवाओं के लिए अवसर पैदा करने के लिए डिजिटल माध्यम का लाभ उठाने को लेकर भी चर्चा की गई.