देहरादून: उत्तराखंड में भू कानून को लेकर समय-समय पर तमाम आंदोलन होते रहे हैं. राज्य के कई बुद्धिजीवी भू कानून में बड़े बदलाव की भी जरूरत बताते रहे हैं. शायद यही कारण है कि सरकार ने इस मामले में निष्कर्ष पर निकलने के लिए भू कानून समिति का भी गठन किया. जिससे राज्य में जमीनों की खरीद फरोख्त को लेकर एक स्पष्ट कानून लागू किया जा सके. समिति की तरफ से भू कानून के संदर्भ में अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को भी प्रेषित कर दी, लेकिन मामले में रिपोर्ट आने के बाद भी भू कानून पर स्पष्टता नहीं आ पाई. ऐसे में अब सरकार ने भू कानून को लेकर शासन को प्रेषित रिपोर्ट का परीक्षण करने के लिए एक प्रारूप समिति का गठन कर दिया है.
राज्य में भू कानून को लागू करने से पहले इसके अध्ययन कार्य को बेहतर तरीके से करने के लिए यह प्रारूप समिति अपना काम करेगी. खास बात यह है कि इस स्वरूप समिति को अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है. प्रारूप समिति में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के साथ ही सदस्य के रूप में प्रमुख सचिव न्याय, सचिव राजस्व विभाग, सचिव सामान्य प्रशासन और मुख्यमंत्री के अपर सचिव जगदीश कांडपाल भी रहेंगे.
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दरअसल उत्तराखंड में भू कानून हमेशा से ही एक गर्म मुद्दा रहा है. इस मामले पर राज्य सरकार दबाव में भी दिखाई देती रही है. बड़ी बात यह है कि समय-समय पर कई आंदोलन भी भू कानून को लेकर हुए हैं. राज्य में खंडूरी सरकार से लेकर त्रिवेंद्र सरकार तक में इस पर नए-नए आदेश भी जारी किये. इस प्रकरण पर एक स्पष्ट भू कानून अब तक नहीं आ पाया है. इसके लिए आंदोलन के जरिए लोगों ने अपनी बात भी सरकार के सामने रखी है. बड़ी बात यह है कि राज्य सरकार ने आंदोलन के इसी रूप को देखते हुए राज्य में भू कानून को लेकर एक समिति का गठन भी किया. जिसने अपनी रिपोर्ट शासन को भी प्रेषित की. अब इस रिपोर्ट के अध्यन के लिए एक और कमेटी का गठन कर दिया गया है.