ऋषिकेश: चीला-मोतीचूर वन रेंज (Chilla-Motichoor forest range) में पहली बार बाघों की गतिविधि दर्ज की गई है. राजाजी टाइगर रिजर्व ने इस वन रेंज में बाघों की आवाजाही दर्ज करने के लिए कैमर ट्रैप लगाए थे. ऐसे में पार्क के पश्चिमी किनारे के जंगलों में पहली बार बाघों की आवाजाही दर्ज की गई है.
राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक साकेत बडोला (RTR Director Saket Badola) ने बताया कि पार्क की चीला और मोतीचूर रेंज में कैमरा ट्रैप लगाए गए थे. ऐसे में पार्क के पश्चिमी किनारे पर पहली बार बाघों की आवाजाही रिकॉर्ड की गई है. उन्होंने बताया कि इस रेंज में अक्सर हाथियों की आवाजाही होती रहती है लेकिन पहली बार यह बाघ की मौजूदगी कैमरा ट्रैप में दर्ज की गई है.
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पीटीआई के हवाले से साकेत बडोला ने बताया कि यह बहुत अच्छे संकेत हैं. इससे पता चलता है कि चीला-मोतीचूर रेंज भी बाघों के प्रवास के लिए अनुकूल है. ऐसे में टाइगर रिजर्व आने वाले सैलानियों को बाघों की यह गतिविधियां और भी आकर्षित करेंगी. उन्होंने कहा कि भविष्य में मोतीचूर कांसरो, बेरीवाड़ा, धौलखंड और आसपास के वन संभागों में भी बाघों की आबादी बढ़ सकती है.