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मुख्यमंत्री सलाहकार समूह की पहली बैठक, उद्यमिता और स्टार्टअप को बढ़ावा देना मकसद

प्रदेश में उद्यमिता और स्टार्टअप को बढ़ावा देना के मकसद से आज सचिवालय में 'मुख्यमंत्री सलाहकार समूह' की पहली बैठक आयोजित की गई.

First meeting of 'Chief Minister Advisory Group' held in Secretariat
‘मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’ की पहली बैठक
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Published : Sep 14, 2020, 6:42 PM IST

देहरादून: आज मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में 'मुख्यमंत्री सलाहकार समूह' की पहली बैठक आयोजित की गई. राज्य में नवाचार और उद्यमिता (innovation and entrepreneurship) को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड सरकार ने 'स्टार्टअप, नवाचार और उद्यमिता पर मुख्यमंत्री सलाहकार समूह' स्थापित किया है. राज्य में स्टार्टअप ईकोसिस्टम विकसित करने के लिए इस समूह द्वारा नवाचार और उद्यमिता के लिए राज्य में एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने, अनुसंधान और नये उत्पादों, सेवाओं, व्यापार मॉडल के विकास को प्रोत्साहित करने, उपयुक्त पॉलिसी योजनाओं और आवश्यक समर्थन प्रणाली को विकसित करने हेतु परामर्श देना है.

उत्तराखंड में उद्यमिता और इन्वेंशन को बढ़ावा देने के लिए पहली बार सलाहकार समूह की स्थापना की गई है. इस समूह में अधिकारियों और निजी क्षेत्र के विभिन्न लोगों को जोड़ा गया है. ताकि इसमें हर तरह के अनुभव को शामिल किया जा सके. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बनाये गये 'मुख्यमंत्री सलाहकार समूह' में 7 सरकारी एवं 6 गैर सरकारी सदस्य शामिल हैं. सरकारी सदस्यों में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव उद्योग, सचिव वित्त, सचिव सूचना प्रौद्योगिकी, सचिव मुख्यमंत्री, महानिदेशक उद्योग, एवं निदेशक उद्योग शामिल हैं.

पढ़ें- हिंदी दिवस 2020: जानिए क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस

इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आत्मनिर्भरता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकल के लिए वोकल बनने की जो बात कही गई है. उस दिशा में यह प्रयास है. उद्यमिता, नवाचार एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य में यह नई पहल की जा रही है. जिसमें सरकारी के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के गैर सरकारी विशेषज्ञों को शामिल किया गया है.

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इन विशेषज्ञों की सलाह से राज्य के औद्योगिक विकास एवं हिमालयी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किये जाएंगे. उन्होंने कहा उत्तराखंड विविध जैव विविधताओं वाला राज्य है. यहां की जैव विविधता का फायदा लेते हुए इस दिशा में अनेक कार्य हो सकते हैं. उत्तराखंड जैसे नवोदित राज्य में औद्योगिक विकास की बहुत संभावनाएं हैं. राज्य में इन्वेस्टर समिट के दौरान सवा लाख करोड़ के एमओयू हस्ताक्षरित किये गये, जिसमें से 25 हजार करोड़ के कार्यों की ग्राउंडिंग हो चुकी है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के जिस दौर से हम गुजर रहे हैं, उससे औद्योगिक गतिविधियां जरूर प्रभावित हुई हैं. इस दौर में दिक्कतें भी आई हैं और नई संभावनाएं भी विकसित हुई हैं. उन्होंने कहा कि इस समूह के विशेषज्ञों द्वारा उत्तराखण्ड में मेडिकल एवं मेंटल हेल्थ को लेकर क्या कार्य हो सकते हैं, इस पर जरूर सुझाव दें. उन्होंने कहा कि ग्रुप के सभी सदस्यों के सुझावों पर गंभीरता से कार्य किया जायेगा.

देहरादून: आज मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में 'मुख्यमंत्री सलाहकार समूह' की पहली बैठक आयोजित की गई. राज्य में नवाचार और उद्यमिता (innovation and entrepreneurship) को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड सरकार ने 'स्टार्टअप, नवाचार और उद्यमिता पर मुख्यमंत्री सलाहकार समूह' स्थापित किया है. राज्य में स्टार्टअप ईकोसिस्टम विकसित करने के लिए इस समूह द्वारा नवाचार और उद्यमिता के लिए राज्य में एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने, अनुसंधान और नये उत्पादों, सेवाओं, व्यापार मॉडल के विकास को प्रोत्साहित करने, उपयुक्त पॉलिसी योजनाओं और आवश्यक समर्थन प्रणाली को विकसित करने हेतु परामर्श देना है.

उत्तराखंड में उद्यमिता और इन्वेंशन को बढ़ावा देने के लिए पहली बार सलाहकार समूह की स्थापना की गई है. इस समूह में अधिकारियों और निजी क्षेत्र के विभिन्न लोगों को जोड़ा गया है. ताकि इसमें हर तरह के अनुभव को शामिल किया जा सके. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बनाये गये 'मुख्यमंत्री सलाहकार समूह' में 7 सरकारी एवं 6 गैर सरकारी सदस्य शामिल हैं. सरकारी सदस्यों में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव उद्योग, सचिव वित्त, सचिव सूचना प्रौद्योगिकी, सचिव मुख्यमंत्री, महानिदेशक उद्योग, एवं निदेशक उद्योग शामिल हैं.

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इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आत्मनिर्भरता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकल के लिए वोकल बनने की जो बात कही गई है. उस दिशा में यह प्रयास है. उद्यमिता, नवाचार एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य में यह नई पहल की जा रही है. जिसमें सरकारी के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के गैर सरकारी विशेषज्ञों को शामिल किया गया है.

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इन विशेषज्ञों की सलाह से राज्य के औद्योगिक विकास एवं हिमालयी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किये जाएंगे. उन्होंने कहा उत्तराखंड विविध जैव विविधताओं वाला राज्य है. यहां की जैव विविधता का फायदा लेते हुए इस दिशा में अनेक कार्य हो सकते हैं. उत्तराखंड जैसे नवोदित राज्य में औद्योगिक विकास की बहुत संभावनाएं हैं. राज्य में इन्वेस्टर समिट के दौरान सवा लाख करोड़ के एमओयू हस्ताक्षरित किये गये, जिसमें से 25 हजार करोड़ के कार्यों की ग्राउंडिंग हो चुकी है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के जिस दौर से हम गुजर रहे हैं, उससे औद्योगिक गतिविधियां जरूर प्रभावित हुई हैं. इस दौर में दिक्कतें भी आई हैं और नई संभावनाएं भी विकसित हुई हैं. उन्होंने कहा कि इस समूह के विशेषज्ञों द्वारा उत्तराखण्ड में मेडिकल एवं मेंटल हेल्थ को लेकर क्या कार्य हो सकते हैं, इस पर जरूर सुझाव दें. उन्होंने कहा कि ग्रुप के सभी सदस्यों के सुझावों पर गंभीरता से कार्य किया जायेगा.

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