मसूरी: प्रदेश में इस बार फायर सीजन के शुरुआत में ही उत्तराखंड के जंगल धधकने लगे हैं. फरवरी से शुरू हुए फायर सीजन के बाद से जंगल में आग की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. अब तक कई हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ चुके हैं. वहीं, प्रदेश के वन मंत्रालय द्वारा किए गए सारे दावे फेल होते हुए नजर आ रहे हैं. मसूरी के जंगल में हाल में ही लगी आग के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लाखों की बेशकीमती वन संपदा जलकर राख हो गई.
मसूरी कैम्पटी क्षेत्र के बकारना क्षेत्र के जंगलों में भीषण आग लग गई. आग इतनी भयंकर थी कि जंगली जानवर भी आग की भेंट चढ़ गए. वहीं, स्थानीय निवासी रितेश रावत ने बताया कि बकारना क्षेत्र के आस-पास के कई गांव गांवखेत, घड़ियाल गांव, टोक गांव सहित अन्य गांव जंगल में लगी आग की चपेट में आ गए हैं. कई ग्रामीणों की छानियां (गाय, भैंस, बकरियां बांधने का स्थान) जलकर खाक हो गई हैं. उन्होंने कहा कि वह लगातार वन विभाग से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन वन विभाग का कोई भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.
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वहीं, ग्रामीण रितेश रावत का कहना है कि स्थानीय प्रशासन भी मूकदर्शक बना बैठा है. उन्होंने कहा कि अगर जंगल में लगी आग के कारण लोगों को नुकसान होता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की होगी. वहीं, इस संबंध में कई बार वन विभाग के अधिकारियों से बात की गई लेकिन संपर्क करने के बाद किसी भी अधिकारी ने जवाब नहीं दिया. स्थानीय लोगों ने वन विभाग पर आरोप लगाया कि वन विभाग के लोग जानबूझकर जंगलों में आग लगा रहे हैं.