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GROUND REPORT: अन्नदाताओं को मदद की दरकार, कैसे होगी खेतों में खड़ी फसलों की कटाई

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Published : Apr 12, 2020, 3:30 PM IST

ग्राउंड जीरो पर पहुंची ETV Bharat से बातचीत में किसानों ने अपना दर्द बयां किया. अन्नदाताओं ने बताया कि गेहूं की फसल तैयार हो चुकी है, लेकिन फसल काटने के लिए उनके पास ना ही मजदूर हैं और ना ही कोई अन्य व्यवस्था है, जिससे फसल को काटा जा सके. देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट...

etv bharat ground report
etv bharat ground report

देहरादूनः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (COVID 19) से जनता को बचाने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन का असर देश के अन्नदाताओं पर भी पड़ रहा है. जिससे उनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है. इनदिनों खेतों में गेंहू की फसल पूरी तरह से पक कर तैयार हो चुकी है, लेकिन किसानों को फसल काटने के लिए मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. जिसके चलते अब किसान राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. आखिर क्या है? किसानों की वर्तमान स्थिति और क्या कुछ समस्याएं अन्नदाताओं के सामने आ रही हैं. देखिए खास रिपोर्ट

अन्नदाताओं को मदद की दरकार.

अप्रैल महीना शुरू होते ही गेहूं के फसल की कटाई शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस से बचाव के चलते देशव्यापी लागू लॉकडाउन की वजह से मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. जिसका खामियाजा प्रदेश के अन्नदाताओं को भुगतना पड़ रहा है. इतना ही नहीं लॉकडाउन के चलते जरूरी सेवाओं से जुड़े दुकानों को छोड़ बाकी सभी दुकानें बंद है. जिस वजह से किसान गेहूं की कटाई के लिए मशीनें नहीं खरीद पा रहे हैं. ना ही ट्रैक्टर ट्रॉली की व्यवस्था हो पा रही है.

ये भी पढ़ेंः देहरादून IIP बना रहा WHO के स्टैंडर्ड वाला हैंड सैनिटाइजर, जानिए कहां हो रहा सप्लाई

वहीं. ग्राउंड जीरो पर पहुंची ETV Bharat से बातचीत में किसानों ने अपना दर्द बयां किया. अन्नदाताओं ने बताया कि गेहूं की फसल तैयार हो चुकी है, लेकिन फसल काटने के लिए उनके पास ना ही मजदूर हैं और ना ही कोई अन्य व्यवस्था, जिससे फसल को काटा जा सके. ऐसे में अब किसानों को राज्य सरकार से ही उम्मीद है. साथ ही वो राज्य सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि राज्य सरकार उनके लिए कुछ व्यवस्थाएं करें जिससे वह खेतों में खड़ी फसल को काट सके.

हालांकि, देश के कई प्रदेश ऐसे भी हैं, जहां की सरकारों ने किसानों को राहत दी है. जिसमें मशीनों को इस्तेमाल करने से लेकर मजदूरों के काम करने तक की छूट दी गई है. ऐसे में अब प्रदेश के किसानों को भी सरकार से यही उम्मीद है की जल्द से जल्द सरकार उन्हें भी राहत देगी. जिससे खेतों में खड़ी फसल को वो जल्द से जल्द काट सके.

देहरादूनः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (COVID 19) से जनता को बचाने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन का असर देश के अन्नदाताओं पर भी पड़ रहा है. जिससे उनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है. इनदिनों खेतों में गेंहू की फसल पूरी तरह से पक कर तैयार हो चुकी है, लेकिन किसानों को फसल काटने के लिए मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. जिसके चलते अब किसान राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. आखिर क्या है? किसानों की वर्तमान स्थिति और क्या कुछ समस्याएं अन्नदाताओं के सामने आ रही हैं. देखिए खास रिपोर्ट

अन्नदाताओं को मदद की दरकार.

अप्रैल महीना शुरू होते ही गेहूं के फसल की कटाई शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस से बचाव के चलते देशव्यापी लागू लॉकडाउन की वजह से मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. जिसका खामियाजा प्रदेश के अन्नदाताओं को भुगतना पड़ रहा है. इतना ही नहीं लॉकडाउन के चलते जरूरी सेवाओं से जुड़े दुकानों को छोड़ बाकी सभी दुकानें बंद है. जिस वजह से किसान गेहूं की कटाई के लिए मशीनें नहीं खरीद पा रहे हैं. ना ही ट्रैक्टर ट्रॉली की व्यवस्था हो पा रही है.

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वहीं. ग्राउंड जीरो पर पहुंची ETV Bharat से बातचीत में किसानों ने अपना दर्द बयां किया. अन्नदाताओं ने बताया कि गेहूं की फसल तैयार हो चुकी है, लेकिन फसल काटने के लिए उनके पास ना ही मजदूर हैं और ना ही कोई अन्य व्यवस्था, जिससे फसल को काटा जा सके. ऐसे में अब किसानों को राज्य सरकार से ही उम्मीद है. साथ ही वो राज्य सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि राज्य सरकार उनके लिए कुछ व्यवस्थाएं करें जिससे वह खेतों में खड़ी फसल को काट सके.

हालांकि, देश के कई प्रदेश ऐसे भी हैं, जहां की सरकारों ने किसानों को राहत दी है. जिसमें मशीनों को इस्तेमाल करने से लेकर मजदूरों के काम करने तक की छूट दी गई है. ऐसे में अब प्रदेश के किसानों को भी सरकार से यही उम्मीद है की जल्द से जल्द सरकार उन्हें भी राहत देगी. जिससे खेतों में खड़ी फसल को वो जल्द से जल्द काट सके.

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