डोईवालाः लॉकडाउन और बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है. जिससे किसानों के सामने आर्थिकी संकट खड़ा हो गया है. डोईवाला शुगर मिल में गन्ना पेराई सत्र खत्म होने के बाद भी किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं हो पा रहा है. डोईवाला शुगर मिल पर किसानों का 51 करोड़ रुपये बकाया है. जिसे लेकर अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति से जुड़े किसानों ने एसडीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा है और गन्ने के बकाया भुगतान और फसलों के उचित मुआवजे की मांग की है.
किसान याकूब अली ने बताया कि कोविड-19, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की गेहूं की फसल को चौपट कर दी है. डोईवाला शुगर मिल के बंद होने के बाद भी किसानों को गन्ने का बकाया भुगतान नहीं मिल रहा है. जिससे किसानों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. साथ ही कहा कि किसानों को दिए जाने वाले सरकार की आर्थिक पैकेज की घोषणा भी कोरी साबित हुई है. ऐसे में किसानों को झूठे आश्वासन दिए जा रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः बारिश और ओलावृष्टि से आलू में लगा झुलसा रोग, किसान मायूस
वहीं, किसान नेता दलजीत सिंह ने कहा कि किसानों को जल्द गन्ने का बकाया भुगतान और आर्थिक मदद सरकार की ओर से नहीं दी गई तो अन्नदाता के आगे भारी संकट खड़ा हो जाएगा. किसानों ने गन्ने के बकाया भुगतान के साथ खरीफ फसल की बुआई के लिए मुफ्त बीज खाद और कीटनाशक उपलब्ध कराने की मांग की है. साथ ही फसल का उचित मूल्य देने की मांग की है. वहीं, किसानों ने मांग की है कि प्रधानमंत्री सम्मान निधि को बढ़ाकर 18 हजार रुपये किया जाए और हर किसान को 10 हजार मासिक गुजारा भत्ता दिया जाए.