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सौंग नदी में खनन पट्टे खोले जाने को लेकर जनसुनवाई, किसानों का तीखा विरोध

डोईवाला के कालूवाला में सौंग नदी सेकंड में खनन पट्टे खोले जाने का किसानों ने ऐतराज जताया है. किसानों का साफ कहना है कि खनन की वजह से जल स्तर गिरने का खामियाजा पहले भी भुगत चुके हैं. अगर इस बार भी खनन हुआ तो सिंचाई के अभाव में फसलें सूख जाएगी.

mining leases in Song river
सौंग नदी में खनन पट्टे का विरोध
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Published : May 2, 2022, 10:47 PM IST

Updated : May 2, 2022, 10:58 PM IST

डोईवालाः कालूवाला में सौंग नदी सेकेंड में खनन पट्टे खोले जाने को लेकर जनसुनवाई का कार्यक्रम रखा गया, लेकिन किसानों ने सौंग नदी सेकेंड में खनन पट्टे खोले जाने का विरोध कर दिया. किसानों का कहना है कि सौंग नदी का पानी सैकड़ों किसानों के लिए सिंचाई के रूप में काम आता है, लेकिन खनन पट्टा खोले जाने से पानी का लेवल नीचे चला जाता है. ऐसे में किसानों को पानी के लिए जूझना पड़ेगा.

किसानों का कहना है कि कुछ साल पहले जब नदी में खनन पट्टा खोला गया तो पानी का लेवल बेहद नीचे चला गया था. जिससे किसानों को पानी लाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और फसलें भी सूखने के कगार पर पहुंच गई थी. किसान मनोज नौटियाल ने बताया कि 13 सालों के बाद नदी में पानी का लेवल ऊपर आया है, लेकिन खनन पट्टा खोले जाने के बाद फिर स्थिति पहले जैसी हो जाएगी.

सौंग नदी में खनन पट्टे खोले जाने को लेकर जनसुनवाई.

ये भी पढ़ेंः सुसआ नदी का पानी किसानों के लिए बना आफत, जलीय जीव गंवा रहे जान

सैकड़ों किसानों की खेती सूखने के कगार पर पहुंच जाएगी. ऐसे में सभी किसान जनसुनवाई कार्यक्रम में खनन पट्टे खोले जाने का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर सरकार ने सौंग नदी सेकेंड में खनन पट्टा खोले जाने की तैयारी की तो क्षेत्रवासी धरना प्रदर्शन करने को भी मजबूर हो जाएंगे. कालूवाला ग्राम प्रधान पंकज रावत ने कहा कि इस नदी का पानी एक दर्जन से अधिक गांव के किसानों के लिए खेती खींचने के काम आता है. इसके घातक परिणाम होंगे.

क्या बोले एडीएमः वहीं, एडीएम शिव कुमार बर्नवाल ने कहा कि खुले मंच पर आज जनसुनवाई का कार्यक्रम रखा गया था. जिसमें क्षेत्रीय ग्रामीणों और किसानों ने अपनी बात रखी. सभी ने नदी में खनन पट्टे खोले जाने के दुष्परिणाम के बारे में अपनी बात रखी है. ऐसे में वो रिपोर्ट बनाकर सरकार और शासन के समक्ष पेश करेंगे.

डोईवालाः कालूवाला में सौंग नदी सेकेंड में खनन पट्टे खोले जाने को लेकर जनसुनवाई का कार्यक्रम रखा गया, लेकिन किसानों ने सौंग नदी सेकेंड में खनन पट्टे खोले जाने का विरोध कर दिया. किसानों का कहना है कि सौंग नदी का पानी सैकड़ों किसानों के लिए सिंचाई के रूप में काम आता है, लेकिन खनन पट्टा खोले जाने से पानी का लेवल नीचे चला जाता है. ऐसे में किसानों को पानी के लिए जूझना पड़ेगा.

किसानों का कहना है कि कुछ साल पहले जब नदी में खनन पट्टा खोला गया तो पानी का लेवल बेहद नीचे चला गया था. जिससे किसानों को पानी लाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और फसलें भी सूखने के कगार पर पहुंच गई थी. किसान मनोज नौटियाल ने बताया कि 13 सालों के बाद नदी में पानी का लेवल ऊपर आया है, लेकिन खनन पट्टा खोले जाने के बाद फिर स्थिति पहले जैसी हो जाएगी.

सौंग नदी में खनन पट्टे खोले जाने को लेकर जनसुनवाई.

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सैकड़ों किसानों की खेती सूखने के कगार पर पहुंच जाएगी. ऐसे में सभी किसान जनसुनवाई कार्यक्रम में खनन पट्टे खोले जाने का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर सरकार ने सौंग नदी सेकेंड में खनन पट्टा खोले जाने की तैयारी की तो क्षेत्रवासी धरना प्रदर्शन करने को भी मजबूर हो जाएंगे. कालूवाला ग्राम प्रधान पंकज रावत ने कहा कि इस नदी का पानी एक दर्जन से अधिक गांव के किसानों के लिए खेती खींचने के काम आता है. इसके घातक परिणाम होंगे.

क्या बोले एडीएमः वहीं, एडीएम शिव कुमार बर्नवाल ने कहा कि खुले मंच पर आज जनसुनवाई का कार्यक्रम रखा गया था. जिसमें क्षेत्रीय ग्रामीणों और किसानों ने अपनी बात रखी. सभी ने नदी में खनन पट्टे खोले जाने के दुष्परिणाम के बारे में अपनी बात रखी है. ऐसे में वो रिपोर्ट बनाकर सरकार और शासन के समक्ष पेश करेंगे.

Last Updated : May 2, 2022, 10:58 PM IST
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