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लॉकडाउन ने तोड़ दी किसानों की कमर, हरदा ने भी गन्ना किसानों को लेकर जताई चिंता

किसानों की सबसे बड़ी समस्या ये है कि खेत में फसल तैयार खड़ी हुई है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से फसल काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं.

देहरादून
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Published : Apr 8, 2020, 1:43 PM IST

देहरादून: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन घोषित किया गया है. ऐसे में हर किसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से गरीबों और किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. खेत से लेकर मंडी तक किसानों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. वहीं, पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी किसानों की समस्याओं को देखते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है.

हरीश रावत ने टिट्वर पर लिखा है कि 'इस समय उत्तराखंड में किसानों के बीच से चिंताजनक समाचार आ रहे है. हजारों टन गन्ना या तो खेतों में खड़ा या फिर छिला हुआ खेतों में पड़ा है. कुछ जगहों पर गन्न केंद्र खरीद बंद करने के नोटिस चिपक गए हैं.

पढ़ें- कोरोना को स्वच्छता से मात दे रहे 'कर्म योद्धाओं' का फूल मालाओं से किया स्वागत

हरीश रावत ने राज्य सरकार पर टिप्पणी करते हुए लिखा कि उधम सिंह नगर में कभी सात चीनी मिल थी. मझोल से भी मदद मिलती है. लेकिन आज काशीपुर, गदरपुर और सितारगंज बंद हो गई है. बाजपुर और किच्छा की मशीनरी पुरानी हो चुकी है.

हरीश रावत ने कहा कि उनकी सरकार में मॉडर्नाइजेशन प्लॉन स्वीकृत कर डाईवाला, सितारगंज और बाजपुर शुगर मिल में कुछ काम शुरू करवाया था. लेकिन अब राज्य सरकार सरकारी चीनी को एक-एक करके बंद करने जा रही है और उन्हें इकबालपुर शुगर मिल को समर्पित करने जा रही है. हरीश रावत में ऐसे में चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें डर है कि अगला साल गन्ना किसानों से लिए और भी परेशानियों भरा होगा.

देहरादून: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन घोषित किया गया है. ऐसे में हर किसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से गरीबों और किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. खेत से लेकर मंडी तक किसानों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. वहीं, पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी किसानों की समस्याओं को देखते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है.

हरीश रावत ने टिट्वर पर लिखा है कि 'इस समय उत्तराखंड में किसानों के बीच से चिंताजनक समाचार आ रहे है. हजारों टन गन्ना या तो खेतों में खड़ा या फिर छिला हुआ खेतों में पड़ा है. कुछ जगहों पर गन्न केंद्र खरीद बंद करने के नोटिस चिपक गए हैं.

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हरीश रावत ने राज्य सरकार पर टिप्पणी करते हुए लिखा कि उधम सिंह नगर में कभी सात चीनी मिल थी. मझोल से भी मदद मिलती है. लेकिन आज काशीपुर, गदरपुर और सितारगंज बंद हो गई है. बाजपुर और किच्छा की मशीनरी पुरानी हो चुकी है.

हरीश रावत ने कहा कि उनकी सरकार में मॉडर्नाइजेशन प्लॉन स्वीकृत कर डाईवाला, सितारगंज और बाजपुर शुगर मिल में कुछ काम शुरू करवाया था. लेकिन अब राज्य सरकार सरकारी चीनी को एक-एक करके बंद करने जा रही है और उन्हें इकबालपुर शुगर मिल को समर्पित करने जा रही है. हरीश रावत में ऐसे में चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें डर है कि अगला साल गन्ना किसानों से लिए और भी परेशानियों भरा होगा.

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