डोइवाला: विकासखंड के अंतर्गत देहरादून के मोथरोवाला से निकलने वाली सुसुआ नदी का पानी सीवर के रूप में बदल चुका है. देहरादून की सारी गंदगी और सीवर के नाले इस सुसुआ नदी में डाले जा रहे हैं. वहीं, हॉस्पिटलों का वेस्टेज भी इस नदी में डाला जा रहा है, जिससे ये नदी पूरी तरीके से सीवर के पानी में बदल चुकी है. इस प्रदूषण के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो रही है. वहीं, किसानों ने सीएम से ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की मांग की है.
किसानों का कहना है कि उन्होंने सुसुआ नदी के सीवर के पानी के ट्रीटमेंट के लिए कई बार अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं. खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी सुसुआ नदी में प्रदूषण के समाधान की आवश्यकता जताई थी. लेकिन, अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है.
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इस प्रदूषण से किसानों की खेती चौपट हो रही है. साथ ही ग्रामीणों में बीमारियों का खतरा बना हुआ है और इस दूषित पानी से पशु पक्षियों और जंगली जानवरों जानवरों पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि अगर इस सुसुआ नदी के प्रदूषण का कोई समाधान नहीं निकाला गया तो हजारों किसानों की फसलें बर्बाद हो जाएगी. डोइवाला हॉस्पिटल के प्रभारी कुंवर सिंह भंडारी ने बताया कि सीवर जैसे पानी के प्रयोग से त्वचा रोग हो जाता है. वहीं, पेट की खराबी, उल्टी, दस्त और अन्य गंभीर बीमारियां भी इस पानी के प्रयोग से हो रही है.