विकासनगर: कालसी के जौनसार क्षेत्र के अदरक उत्पादक सही दाम नहीं मिलने के कारण मायूस हैं. यही कारण है कि धीरे-धीरे इसका दायरा घटता जा रहा है. किसान महंगे दामों में अदरक का बीज खरीद कर लाते हैं, लेकिन इनको मंडियों में अदरक का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है. इस कारण से किसान मायूस नजर आ रहे हैं.
जौनसार क्षेत्र में किसान अदरक की अच्छी पैदावार करते आ रहे हैं. लेकिन कुछ वर्षों से किसानों ने अदरक की खेती से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है. इसका मुख्य कारण है समय से बारिश ना होना व मंडियों में अदरक का उचित दाम ना मिलना. ऐसे में किसानों ने दूसरी नकदी फसलों की ओर रुख किया है. इनमें खास कर धनिया, हरी मिर्च, शिमला मिर्च और टमाटर शामिल हैं.
कुछ किसानों ने बताया उनको इस साल अदरक के अलावा दूसरी नकदी फसलों का भी उचित दाम नहीं मिल पाया है. इसलिए अब वो अदरक की फसल से मुंह मोड़ रहे हैं. किसानों ने बताया कि उन्होंने खेती के लिए बैंकों से ऋण लिया है. लेकिन फसल के उचित दाम नहीं मिल पाने से उनको भारी परेशानी हो रही है. काश्तकारों कहना है कि महंगे दाम पर बीच खरीदना, फिर खेत में मेहनत करना, उसके बाद फसल को मंडी तक ले जाना उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है.
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महंगे दामों पर अदरक के बीजों को खरीद कर लाना पड़ता है. जब किसान अपने खेतों से अदरक की फसल को मंडियों तक पहुंचाते हैं तो इसका सही दाम नहीं मिलता है जो कि घाटे का सौदा हो गया है. इस कारण से दो-तीन वर्षों की बात की जाए तो किसान धीरे-धीरे अदरक की फसल से मुंह मोड़ते नजर रहे हैं.
इस मामले में सहायक उद्यान अधिकारी खेमा जोशी ने बताया कि कालसी ब्लॉक क्षेत्र में लगभग 1,200 से अधिक किसानों ने 305 हेक्टेयर में अदरक की फसल लगाई है. इसके सापेक्ष इस वर्ष 400 किसानों को उद्यान विभाग कालसी से अदरक के बीज की आपूर्ति की गई है. कुछ किसानों द्वारा बाहर से भी बीज खरीदा गया है. उन्होंने कहा कि किसानों को अदरक की फसल से कितना लाभ होता है, यह मंडियों के रेट पर निर्भर करता है.