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देहरादून: राजस्व हासिल करने के लक्ष्य से दूर आबकारी विभाग, डेढ महीने का समय शेष

वित्तीय वर्ष 2019-20 समाप्त होने में महज डेढ महीने का ही वक्त बचा है, लेकिन आबकारी विभाग अपने राजस्व हासिल करने के लक्ष्य से काफी पीछे नज़र आ रहा है. क्योंकि,आबकारी विभाग अभी तक अपने लक्ष्य का मात्र 75.47 फीसदी राजस्व ही हासिल कर पाया है.

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आबकारी विभाग
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Published : Feb 9, 2020, 4:33 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने नई आबकारी नीति में वित्तीय वर्ष 2019-20 में राजस्व का लक्ष्य गत वर्ष से 20 प्रतिशत बढ़ाकर 3,180 करोड़ रखा था, जबकि पिछले वर्ष आबकारी विभाग का राजस्व लक्ष्य 2,640 करोड़ रुपये था. आबकारी विभाग इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 2,400 करोड़ का राजस्व ही प्राप्त कर पायी है. जो पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 के राजस्व लक्ष्य से भी 240 करोड़ कम है. जिसके सीधा असर आबकारी विभाग के राजस्व पर पड़ रहा है. हालांकि, महकमे की कोशिश है कि बचे समय में राजस्व के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त किया जाए.

131 दुकानों का नहीं हो पाया आवंटन

वित्तीय वर्ष समाप्त होने को है. लेकिन विभाग अभी तक मात्र 2,400 करोड़ का राजस्व जुटा पाया है. जिसके पीछे एक बड़ा कारण मौजूदा वित्तीय वर्ष में शराब की 624 दुकानों में से 131 दुकानों का आवंटन ना होना है. जिसकी एक मुख्य वजह ई-टेंडरिंग प्रक्रिया भी रही है. क्योंकि इसी वित्तीय वर्ष में शराब की दुकानों का लगभग पूरा आवंटन ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के तहत किया गया है. वहीं, विभागीय प्रमुख सचिव का मानना है कि शराब के दुकानों का रेट अधिक होने के चलते दुकानों का आवंटन नहीं हो पाया है.

आबकारी विभाग

ये भी पढ़े: बीजेपी विधायक बोले- गैरसैंण में होना चाहिए विधानसभा सत्र

पिछले 3 सालों का हासिल राजस्व का आंकड़ा

2017-18 में 2310 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इस वित्तीय वर्ष लगभग 2100 करोड़ का ही राजस्व प्राप्त हुआ.
2018-19 में 2640 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इस वित्तीय वर्ष लगभग 2350 करोड़ का ही राजस्व प्राप्त हुआ.
2019-20 में 3180 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अभी तक 2400 करोड़ का ही राजस्व प्राप्त हुआ.

आगामी वित्तीय वर्ष की कवायद में जुटा आबकारी महकमा

आगामी वित्तीय वर्ष 2020-21 में आबकारी महकमा राजस्व को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है. लिहाजा, आगामी वित्तीय वर्ष में विभाग की मंशा सभी दुकानों को नीलाम करने की है. ताकि, आगामी वित्तीय वर्ष तय किये जाने वाले राजस्व के लक्ष्य को पूरा कर सके. इसके लिए आबकारी नीति में संशोधन को लेकर आबकारी मंथन में जुटे हुए हैं. नए वित्तीय वर्ष के लिए बनायी जा रही आबकारी नीति के लिए विभाग पुरानी खामियों को दुरुस्त करने में जुट गया है. इसके लिए लगातार विभागीय अधिकारियों संग बैठक कर सुझाव लिए जा रहे हैं. ताकि, इस वित्तीय वर्ष जिन दुकानों का आवंटन नहीं हो पाया है. उन दुकानों के आवंटन पर जोर दिया जा सके.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने नई आबकारी नीति में वित्तीय वर्ष 2019-20 में राजस्व का लक्ष्य गत वर्ष से 20 प्रतिशत बढ़ाकर 3,180 करोड़ रखा था, जबकि पिछले वर्ष आबकारी विभाग का राजस्व लक्ष्य 2,640 करोड़ रुपये था. आबकारी विभाग इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 2,400 करोड़ का राजस्व ही प्राप्त कर पायी है. जो पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 के राजस्व लक्ष्य से भी 240 करोड़ कम है. जिसके सीधा असर आबकारी विभाग के राजस्व पर पड़ रहा है. हालांकि, महकमे की कोशिश है कि बचे समय में राजस्व के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त किया जाए.

131 दुकानों का नहीं हो पाया आवंटन

वित्तीय वर्ष समाप्त होने को है. लेकिन विभाग अभी तक मात्र 2,400 करोड़ का राजस्व जुटा पाया है. जिसके पीछे एक बड़ा कारण मौजूदा वित्तीय वर्ष में शराब की 624 दुकानों में से 131 दुकानों का आवंटन ना होना है. जिसकी एक मुख्य वजह ई-टेंडरिंग प्रक्रिया भी रही है. क्योंकि इसी वित्तीय वर्ष में शराब की दुकानों का लगभग पूरा आवंटन ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के तहत किया गया है. वहीं, विभागीय प्रमुख सचिव का मानना है कि शराब के दुकानों का रेट अधिक होने के चलते दुकानों का आवंटन नहीं हो पाया है.

आबकारी विभाग

ये भी पढ़े: बीजेपी विधायक बोले- गैरसैंण में होना चाहिए विधानसभा सत्र

पिछले 3 सालों का हासिल राजस्व का आंकड़ा

2017-18 में 2310 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इस वित्तीय वर्ष लगभग 2100 करोड़ का ही राजस्व प्राप्त हुआ.
2018-19 में 2640 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इस वित्तीय वर्ष लगभग 2350 करोड़ का ही राजस्व प्राप्त हुआ.
2019-20 में 3180 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अभी तक 2400 करोड़ का ही राजस्व प्राप्त हुआ.

आगामी वित्तीय वर्ष की कवायद में जुटा आबकारी महकमा

आगामी वित्तीय वर्ष 2020-21 में आबकारी महकमा राजस्व को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है. लिहाजा, आगामी वित्तीय वर्ष में विभाग की मंशा सभी दुकानों को नीलाम करने की है. ताकि, आगामी वित्तीय वर्ष तय किये जाने वाले राजस्व के लक्ष्य को पूरा कर सके. इसके लिए आबकारी नीति में संशोधन को लेकर आबकारी मंथन में जुटे हुए हैं. नए वित्तीय वर्ष के लिए बनायी जा रही आबकारी नीति के लिए विभाग पुरानी खामियों को दुरुस्त करने में जुट गया है. इसके लिए लगातार विभागीय अधिकारियों संग बैठक कर सुझाव लिए जा रहे हैं. ताकि, इस वित्तीय वर्ष जिन दुकानों का आवंटन नहीं हो पाया है. उन दुकानों के आवंटन पर जोर दिया जा सके.

Intro:Special Story.....
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वित्तीय वर्ष 2019-20 समाप्त होने में महज डेढ़ महीने का ही वक्त बचा है लेकिन आबकारी विभाग, अपने राजस्व लक्ष्य से काफी पीछे नज़र आ रहा है। क्योकि आबकारी विभाग अपने लक्ष्य का मात्र 75.47 फीसदी राजस्व ही इकठ्ठा करने में कामियाब हो पायी है, लेकिन बचे डेढ़ महीने का समय देखे, तो यही लगता है कि इस वित्तीय वर्ष भी आबकारी विभाग, राजस्व लक्ष्य पूरा नहीं कर पायेगा। तो वही अब आबकारी विभाग नए वित्तीय वर्ष में नई आबकारी निति की कवायत में जुट गया है। आखिर क्या है राजस्व की स्थिति? देखिये ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट....... 




Body:उत्तराखंड सरकार ने नई आबकारी नीति में वित्तीय वर्ष 2019-20 में राजस्व का लक्ष्य, गत वर्ष से 20 प्रतिशत बढ़ाकर 3,180 करोड़ रखा था। जबकि पिछले वर्ष आबकारी विभाग का राजस्व लक्ष्य 2,640 करोड़ रुपये था। लेकिन आबकारी विभाग इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 2,400 करोड़ का राजस्व प्राप्त कर पायी है। जो पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 के राजस्व लक्ष्य से भी 240 करोड़ कम है। जिसके सीधा असर आबकारी विभाग के राजस्व पर पड़ रहा है। हालांकि महकमें की कोशिश है कि बचे समय में राजस्व के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त किया जाए। 


131 दुकानों का नहीं हो पाया आवंटन......... 

वित्तीय वर्ष समाप्त होने को है। लेकिन विभाग अभी तक मात्र  2,400 करोड़ का राजस्व जुटा पाया है। जिसके पीछे एक बड़ा कारण मौजूदा वित्तीय वर्ष में शराब की कुल 624 दुकानों में से 131 दुकानों का आवंटन ना हो पाना है। जिसकी एक मुख्य वजह ई-टेंडरिंग प्रक्रिया भी रही है। क्योकि इसी वित्तीय वर्ष में शराब की दुकानों का लगभग पूरा आवंटन ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के तहत किया गया है। तो वही विभागीय प्रमुख सचिव का मानना है कि शराब के दुकानों का रेट अधिक होने के चलते दुकानों का आवंटन नहीं हो पाया है। 


आगामी वित्तीय वर्ष की कवायत में जुटा आबकारी महकमा...........

आगामी वित्तीय वर्ष 2020-21 में आबकारी महकमा, राजस्व को लेकर कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहता है। लिहाजा आगामी वित्तीय वर्ष में विभाग की मंशा सभी दुकानों को नीलाम करने की है। ताकि आगामी वित्तीय वर्ष तय किये जाने वाले राजस्व के लक्ष्य को पूरा कर सके। इसके लिए आबकारी नीति में संशोधन को लेकर आबकारी मंथन में जुटे हुए हैं। नए वित्तीय वर्ष के लिए बनायीं जा रही आबकारी नीति के लिए विभाग, पुरानी खामियों को दुरुस्त करने में जुट गया है। इसके लिए लगातार विभागीय अधिकारियों संग बैठक कर सुझाव लिए जा रहे हैं। ताकि इस वित्तीय वर्ष जिन दुकानों का आवंटन नहीं हो पाया उन दुकानों के आवंटन पर जोर दिया जा सके। 


राजस्व लक्ष्य के आकड़े........... 

- 2017-18 में 2310 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन इस वित्तीय वर्ष लगभग 2100 करोड़ का ही राजस्व प्राप्त कर सकी।

- 2018-19 में 2640 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन इस वित्तीय वर्ष लगभग 2350 करोड़ का ही राजस्व प्राप्त कर सकी। 

- इसके साथ ही 2019-20 में 3180 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन अभी तक 2400 करोड़ का ही राजस्व प्राप्त कर सकी है। 

बाइट- आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव, आबकारी विभाग   

 




Conclusion:आबकारी महकमा का राज्य को राजस्व देने में बडा योगदान है, क्योकि प्रदेश में आबकारी विभाग ही सबसे अधिक राजस्व देने वाले विभागों में से एक है। ऐसे में जरूरी है कि राजस्व जुटाने के लिए आबकारी विभाग के पास बेहतर और सुगम नीतियां हो। ऐसे में अब देखना होगा की आगामी वित्तीय वर्ष के लिए आबकारी विभाग कौन सा नया फार्मूला अपनाता है ताकि राजस्व के लक्ष्य को पूरा किया जा सके। 
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