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हरीश रावत ने रखा मौन व्रत, कलाकारों और पत्रकारों को आर्थिक मदद देने की मांग - harda kept silent fast for artists and journalist

देहरादून में पूर्व सीएम हरीश रावत ने लोक कलाकारों, पत्रकारों और वाद्य यंत्र वादकों को सरकार की तरफ से आर्थिक मदद करने की मांग को लेकर मौन उपवास रखा.

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हरीश रावत ने रखा मौन उपवास
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Published : Jan 31, 2021, 3:52 PM IST

देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लोक कलाकार, पत्रकार और वाद्य यंत्र वादकों की समस्याओं को लेकर अपने आवास पर सांकेतिक मौन उपवास रखा. हरदा ने मौन उपवास के माध्यम से अपने सुझाव राज्य सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की.

हरीश रावत ने रखा मौन उपवास

हरीश रावत ने कहा कि मेरा यह मौन उपवास सृजन कार्यों में लगे हुए हमारे प्रदेश के लोक कलाकार, पत्रकार और वाद्य यंत्र वादकों के लिए हैं. ये लोग कोरोना काल में बहुत ज्यादा पीड़ित हुए हैं. इनके आय के सारे स्रोत सूख गए हैं. उन्होंने कहा कि इस समय सरकार लोगों से बजट के लिए सुझाव मांग रही है, जो बहुत अच्छा प्रयास है. उनका राज्य सरकार को यह सुझाव है कि इन सब सृजन कार्यों में लगे हुए कलाकारों, पत्रकारों आदि को आप एक मुश्त आर्थिक सहायता इस बजट में दिलाएं.

ये भी पढ़ें: हरदा ने किसानों संग चाय पर की चर्चा, दिल्ली हिंसा के लिए केंद्र को ठहराया जिम्मेदार

दरअसल हरीश रावत ने सांकेतिक उपवास रखकर यह जताया है कि राज्य के सृजनात्मक कार्य में लगे हुए लोगों के ऊपर कोरोना का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ा है. इससे उनकी आर्थिक स्थिति बदहाल हो गई है. उनका कहा कि मैंने सांकेतिक मौन के माध्यम से अपनी भावना को राज्य सरकार तक शुभकामनाओं के साथ संप्रेषित करूंगा, ताकि सरकार समाज के इन वर्गों के लोगों के लिए कुछ व्यवस्था कर सके.

देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लोक कलाकार, पत्रकार और वाद्य यंत्र वादकों की समस्याओं को लेकर अपने आवास पर सांकेतिक मौन उपवास रखा. हरदा ने मौन उपवास के माध्यम से अपने सुझाव राज्य सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की.

हरीश रावत ने रखा मौन उपवास

हरीश रावत ने कहा कि मेरा यह मौन उपवास सृजन कार्यों में लगे हुए हमारे प्रदेश के लोक कलाकार, पत्रकार और वाद्य यंत्र वादकों के लिए हैं. ये लोग कोरोना काल में बहुत ज्यादा पीड़ित हुए हैं. इनके आय के सारे स्रोत सूख गए हैं. उन्होंने कहा कि इस समय सरकार लोगों से बजट के लिए सुझाव मांग रही है, जो बहुत अच्छा प्रयास है. उनका राज्य सरकार को यह सुझाव है कि इन सब सृजन कार्यों में लगे हुए कलाकारों, पत्रकारों आदि को आप एक मुश्त आर्थिक सहायता इस बजट में दिलाएं.

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दरअसल हरीश रावत ने सांकेतिक उपवास रखकर यह जताया है कि राज्य के सृजनात्मक कार्य में लगे हुए लोगों के ऊपर कोरोना का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ा है. इससे उनकी आर्थिक स्थिति बदहाल हो गई है. उनका कहा कि मैंने सांकेतिक मौन के माध्यम से अपनी भावना को राज्य सरकार तक शुभकामनाओं के साथ संप्रेषित करूंगा, ताकि सरकार समाज के इन वर्गों के लोगों के लिए कुछ व्यवस्था कर सके.

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