देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लोक कलाकार, पत्रकार और वाद्य यंत्र वादकों की समस्याओं को लेकर अपने आवास पर सांकेतिक मौन उपवास रखा. हरदा ने मौन उपवास के माध्यम से अपने सुझाव राज्य सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की.
हरीश रावत ने कहा कि मेरा यह मौन उपवास सृजन कार्यों में लगे हुए हमारे प्रदेश के लोक कलाकार, पत्रकार और वाद्य यंत्र वादकों के लिए हैं. ये लोग कोरोना काल में बहुत ज्यादा पीड़ित हुए हैं. इनके आय के सारे स्रोत सूख गए हैं. उन्होंने कहा कि इस समय सरकार लोगों से बजट के लिए सुझाव मांग रही है, जो बहुत अच्छा प्रयास है. उनका राज्य सरकार को यह सुझाव है कि इन सब सृजन कार्यों में लगे हुए कलाकारों, पत्रकारों आदि को आप एक मुश्त आर्थिक सहायता इस बजट में दिलाएं.
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दरअसल हरीश रावत ने सांकेतिक उपवास रखकर यह जताया है कि राज्य के सृजनात्मक कार्य में लगे हुए लोगों के ऊपर कोरोना का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ा है. इससे उनकी आर्थिक स्थिति बदहाल हो गई है. उनका कहा कि मैंने सांकेतिक मौन के माध्यम से अपनी भावना को राज्य सरकार तक शुभकामनाओं के साथ संप्रेषित करूंगा, ताकि सरकार समाज के इन वर्गों के लोगों के लिए कुछ व्यवस्था कर सके.