देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुक्त व्यापार समझौता यानी RCEP की मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी के भाग लेने पर कटाक्ष किया है. हरदा ने पीएम मोदी की इस मीटिंग को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारत में दुग्ध उद्योग पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से दूध, घी और दही को लेकर आरसेप (RCEP) के तहत समझौता करने जा रहे हैं.
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आरसेप (RCEP) संधी के ड्राफ्ट के जो अंश भारतीय समाचार पत्रों में प्रकाशित हुये हैं, उनके लिये आरसेप (RCEP) एक डरावना सपना बनकर सामने आ रहा है। हमारे देश के जिसको हम दूध-घी-दही का देश कहते हैं, शायद अब दूध-घी-दही सब कुछ आॅस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड से आयेगा।
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) November 1, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">आरसेप (RCEP) संधी के ड्राफ्ट के जो अंश भारतीय समाचार पत्रों में प्रकाशित हुये हैं, उनके लिये आरसेप (RCEP) एक डरावना सपना बनकर सामने आ रहा है। हमारे देश के जिसको हम दूध-घी-दही का देश कहते हैं, शायद अब दूध-घी-दही सब कुछ आॅस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड से आयेगा।
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— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) November 1, 2019
हरीश रावत ने कहा कि पीएम मोदी आशियान के 10 देशों समेत 16 देशों के मध्य आरसेप की मीटिंग में हिस्सा लेने जा रहे हैं. आरसेप संधि के तहत ग्राफ के जो अंश प्रकाशित किए गए हैं, उनके लिए आरसेप एक डरावना सपना बनकर सामने आ रहा है. उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि जिस देश को दूध, दही, घी का देश कहा जाता था, उस देश में अब दूध, घी और दही सब कुछ ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से आएगा, क्योंकि गौ माता यहां की सड़कों पर घूम रही हैं.
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गौ माता, जो अभी सड़कों पर मारी-2 डोल रही हैं, अब लोग गौ वंश पालने से भी परहेज करने लगेंगे, क्योंकि पालने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। क्योंकि न्यूजीलैण्ड और आॅस्ट्रेलिया से आने वाला दुग्ध उत्पाद, भारत के किसानों से उनकी गाय व भैंस को छीन लेगा।
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— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) November 1, 2019गौ माता, जो अभी सड़कों पर मारी-2 डोल रही हैं, अब लोग गौ वंश पालने से भी परहेज करने लगेंगे, क्योंकि पालने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। क्योंकि न्यूजीलैण्ड और आॅस्ट्रेलिया से आने वाला दुग्ध उत्पाद, भारत के किसानों से उनकी गाय व भैंस को छीन लेगा।
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) November 1, 2019
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इससे लगता है कि अब यहां के लोग गोवंश पालने से भी परहेज करेंगे. क्योंकि, गोवंश पालने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. उन्होंने इसका कारण भी बताया है कि किस तरह से न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से आने वाला दुग्ध उत्पाद भारतीय किसानों से उनकी गाय और भैंसों को छीन लेगा. उन्होंने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री किसानों और भारत के दुग्ध जगत की बेबसी को नहीं समझेंगे, तो इस देश का दुग्ध उद्योग खत्म हो जाएगा.