देहरादून: आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर सभी पार्टियां दमखम से तैयारियों में जुटी हुई हैं. जहां एक ओर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अपनी रणनीतियों को धार देने में जुटी हुई है तो वहीं भाजपा केंद्र सरकार की योजनाओं का बखान कर चुनाव जीतने की रणनीति भी तैयार कर रही है. यही नहीं, सत्ताधारी भाजपा, आगामी चुनाव युवा मुख्यमंत्री के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ने की बात कह रही है. ऐसे में क्या आगामी विधानसभा चुनाव में साल 2017 की तरह ही मोदी फैक्टर का लाभ भाजपा को मिलेगा या फिर मात्र युवा मुख्यमंत्री के बदौलत भाजपा फिर से सत्ता पर काबिज हो पाएगी. चुनाव में युवा मुख्यमंत्री और मोदी फैक्टर को लेकर क्या बन रहे हैं समीकरण ?
किसी भी राजनीतिक दल के लिए परीक्षा की घड़ी चुनाव ही होता है. ऐसे में भाजपा प्रदेश संगठन में यह तय कर दिया है कि आगामी साल 2022 विधानसभा चुनाव युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व और मोदी फैक्टर पर लड़ा जाएगा. वहीं, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सामूहिक नेतृत्व और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कह रही है. साथ ही दोनों पार्टियां आगामी चुनाव में सत्ता पर काबिज होने का दावा कर रही है.
युवा मुख्यमंत्री और मोदी फैक्टर का भाजपा को कितना लाभ मिलेगा. इसके सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार भगीरथ शर्मा ने बताया कि अभी फिलहाल बीजेपी के पास चुनाव में मोदी का चेहरा है. ऐसे में ऐसी उम्मीद की जा रही है कि साल 2017 की तरह ही साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी मुख्य चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही होगा. क्योकि, साल 2022 का विधानसभा चुनाव ऐसी परिस्थिति में होने जा रहा है, जब कोरोना संक्रमण की वजह से हर वर्ग पर असर पड़ा है. ऐसे में सरकार लोगों के घावों पर कितना मरहम लगा पाती है इस पर भी फर्क पड़ेगा.
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कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किसी के भी चेहरे या नेतृत्व की बात कहे, उससे फर्क पड़ने वाला नहीं है, क्योंकि जनता सत्ता परिवर्तन का मन बना चुकी है. बीजेपी सरकार ने प्रदेश की जनता को महंगाई और बेरोजगारी की चक्की में पीसने का काम किया है. यही नहीं, कोरोना काल के दौरान प्रदेश की जनता को दवाई, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया है, जिससे अब जनता ने मन बना लिया है कि वह भाजपा को वोट की चोट से हराने का काम करेगी.
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गरीमा दसौनी ने कहा कि भाजपा के नेता अलग-अलग बयान बाजी करते रहे हैं. जहां धन सिंह रावत, अपने कार्यक्रमों में नारे लगवा रहे हैं कि 'पहाड़ का मोदी कैसा हो धन सिंह रावत जैसा हो' तो वहीं, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत यहां तक कह चुके हैं कि अब मोदी मैजिक खत्म हो गया है. लिहाजा, विधायकों को अपने क्षेत्र में जाकर काम करना होगा. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर जितना वोट देना था जनता दे चुकी है. अब मोदी के नाम पर वोट की उगाही नहीं हो सकती.
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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि आगामी चुनाव मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा. पार्टी में लोकतांत्रिक व्यवस्था है, ऐसे में चुनाव होने के बाद ही नेता का चयन किया जाता है. मदन कौशिक ने कहा कि मोदी हमारा गौरव है, भारत के प्रधानमंत्री हैं, भारत के शक्तिशाली नेता है और दुनिया में भारत का गौरव एवं मान सम्मान बढ़ाने वाले नेता है. यही नहीं, आने वाले विधानसभा चुनाव में युवा मुख्यमंत्री के साथ तमाम विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच जाएंगे.
तो वहीं, आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल का कहना है कि उन्हें इसका आईडिया नहीं है कि साल 2022 विधानसभा चुनाव ने युवा चेहरा और मोदी फैक्टर कितना कारागार साबित होगा, लेकिन आम आदमी पार्टी का कंपटीशन ही बीजेपी से है, क्योंकि वर्तमान समय में बीजेपी सत्ता में काबिज है.