देहरादून: उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को बीते लंबे समय से मुफ्त मिल रही असीमित बिजली पर रोक लग सकती है. उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद ऊर्जा विभाग बिजली के इस्तेमाल पर कैपिंग लगाने पर विचार कर रहा है .
गौरतलब है कि देहरादून आरटीआई क्लब ने कर्मचारियों को मिल रही अनलिमिटेड बिजली को लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को मुफ्त के भाव मिल रही बिजली को बंद कर कैपिंग निर्धारित कर कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी किया था .
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ऊर्जा कर्मचारियों को मुफ्त के भाव दी जा रही असीमित बिजली के विषय में यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेशों के तहत मीटर में कैपिंग लगाने पर सभी ऊर्जा कर्मचारियों से वार्ता की जा रही है. वहीं, आगामी 13 जनवरी को ऊर्जा सचिव राधिका झा भी कैपिंग के संबंध में कर्मचारियों से वार्ता करने जा रही हैं. ऐसे में सभी की सहमति के बाद जल्द ही कैपिंग प्लान तैयार कर उच्च न्यायालय में पेश किया जाएगा.
वहीं, कैपिंग प्लान का विद्युत कर्मचारी पूरी तरह विरोध कर रहे हैं. दरअसल, कैपिंग प्लान के तहत सालाना 5000 से 9000 यूनिट बिजली खर्च होने की स्थिति में कर्मचारियों से अतिरिक्त चार्ज लगाया जाएगा. इसके अलावा नए कैपिंग प्लान के तहत हर साल विद्युत टैरिफ में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी. वहीं, साल 2020 के बाद आने वाले विभाग के नए कर्मचारियों को यह सुविधाएं नहीं दी जाएगी .