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अब जरूरी नहीं होगा आयुष्मान कार्ड, पति के CGHS से पत्नी को मिलेगा इलाज

प्रदेश में वर्ड हेल्थ स्कीम के अंदर आने वाले कर्मचारियों को भी आयुष्मान योजना के तहत अनिवार्य किया गया था. जिसके बाद कर्मचारियों के वेतन और पेंशन से अंशदान काटा जा रहा था. हालांकि, शासन के फैसले के बाद अब हजारों कर्मचारियों को राहत मिलेगी.

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पति के CGHS से पत्नि को मिलेगा इलाज
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Published : Jan 5, 2021, 6:16 PM IST

देहरादून: प्रदेश में राजकीय कर्मचारी को हेल्थ स्कीम का लाभ उठाने को लेकर मुख्य सचिव ने आदेश जारी किया है. जिसके बाद परिवार में पति और पत्नी केंद्र या फिर राज्य से मिलने वाली हेल्थ स्कीम में से एक ही स्कीम का लाभ उठा पाएंगे. यदि कोई पहले से किसी हेल्थ स्कीम का लाभ उठा रहे हैं तो वह अपनी विभाग के आहरण वितरण अधिकारी को इसकी जानकारी देना होगा.

अपर स्वास्थ्य सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान के अनुसार प्रदेश में अब तक 30 फीसदी आयुष्मान भारत योजना के तहत कर्मचारियों को कवर किया जा चुका है. वहीं, बीते समय में यह देखने को आया था कि पहले से वर्ड हेल्थ स्कीम के अंदर आने वाले कर्मचारियों को भी आयुष्मान योजना के तहत अनिवार्य किया गया था. जिसके बाद कर्मचारियों के वेतन और पेंशन से अंशदान काटा जा रहा था.

लेकिन अब मुख्य सचिव ने आदेश जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि जो व्यक्ति पहले से केंद्रीय या राज्य सरकार की किसी हेल्थ स्कीम के तहत आते हैं. उन्हें आयुष्मान योजना के तहत हेल्थ कार्ड बनाने की आवश्यकता नहीं है. इसकी जानकारी उसे अपने विभागीय आरण वितरण अधिकारी को देनी होगी.

ये भी पढ़ें : PWD में हर सप्ताह होगा क्वालिटी चेक, लिए जाएंगे रैंडम सड़कों के सैंपल

वहीं, शासन के इस फैसले के बाद हजारों कर्मचारियों के वेतन और पेंशन से अंशदान कटौती रुक जाएगी. जो अतिरिक्त कटौती के रूप में पहले 2-2 हेल्थ स्कीम के तहत की जा रही थी. लेकिन अब उम्मीद है कि यह कटौती रुक जाएगी.

देहरादून: प्रदेश में राजकीय कर्मचारी को हेल्थ स्कीम का लाभ उठाने को लेकर मुख्य सचिव ने आदेश जारी किया है. जिसके बाद परिवार में पति और पत्नी केंद्र या फिर राज्य से मिलने वाली हेल्थ स्कीम में से एक ही स्कीम का लाभ उठा पाएंगे. यदि कोई पहले से किसी हेल्थ स्कीम का लाभ उठा रहे हैं तो वह अपनी विभाग के आहरण वितरण अधिकारी को इसकी जानकारी देना होगा.

अपर स्वास्थ्य सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान के अनुसार प्रदेश में अब तक 30 फीसदी आयुष्मान भारत योजना के तहत कर्मचारियों को कवर किया जा चुका है. वहीं, बीते समय में यह देखने को आया था कि पहले से वर्ड हेल्थ स्कीम के अंदर आने वाले कर्मचारियों को भी आयुष्मान योजना के तहत अनिवार्य किया गया था. जिसके बाद कर्मचारियों के वेतन और पेंशन से अंशदान काटा जा रहा था.

लेकिन अब मुख्य सचिव ने आदेश जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि जो व्यक्ति पहले से केंद्रीय या राज्य सरकार की किसी हेल्थ स्कीम के तहत आते हैं. उन्हें आयुष्मान योजना के तहत हेल्थ कार्ड बनाने की आवश्यकता नहीं है. इसकी जानकारी उसे अपने विभागीय आरण वितरण अधिकारी को देनी होगी.

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वहीं, शासन के इस फैसले के बाद हजारों कर्मचारियों के वेतन और पेंशन से अंशदान कटौती रुक जाएगी. जो अतिरिक्त कटौती के रूप में पहले 2-2 हेल्थ स्कीम के तहत की जा रही थी. लेकिन अब उम्मीद है कि यह कटौती रुक जाएगी.

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