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पदोन्नति में आरक्षण पर कर्मचारी संगठन ने कसी कमर, ST/SC वर्ग में नाराजगी

पदोन्नति में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाने के बाद जहां एक ओर सामान्य, ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों में खुशी की लहर है. वहीं, देश की संसद में कांग्रेस द्वारा ये मुद्दा उठाए जाने के बाद इस मामले को एक बार फिर हवा मिलती नजर आ रही है.

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पदोन्नति आरक्षण पर कर्मचारी संगठन ने कसी कमर
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Published : Feb 10, 2020, 6:56 PM IST

देहरादून: प्रदेश में लंबे समय से पदोन्नति में आरक्षण को लेकर खींचतान चलती आ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण पर रोक लगाने का फैसला शुक्रवार को दे दिया. इसके बाद सामान्य-ओबीसी और एसटी-एससी दो वर्गों में बंट गया है. सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद भी एससी-एसटी वर्ग इस बात को मानने को राजी नहीं है. साथ ही कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे पर बहस के बाद ये मामला प्रदेश में एक बार फिर गरमाता नजर आ रहा है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तराखंड सरकार जल्द ही पत्राचार को आगे बढ़ाएगी. इसके साथ ही प्रदेश में लंबे समय से रुके तकरीबन 7000 पदोन्नति के पदों पर फिर से प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसमें आरक्षण लागू नहीं होगा.

पदोन्नति आरक्षण पर कर्मचारी संगठन ने कसी कमर

ये भी पढ़ें: देहरादून: 90 दिनों बाद दून रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू

वहीं, इस फैसले के बाद भी एससी-एसटी वर्ग के कर्मचारी बात मानने के लिए राजी नहीं है. जानकारी के अनुसार, एससी-एसटी वर्ग के कर्मचारी लगातार राजनीतिक दलों के संपर्क में है, जिसका असर आज देश की संसद में भी देखने को मिला. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस विषय को संसद में उठाया तो वहीं ट्वीट कर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी बीजेपी पर आरक्षण को लेकर तंज कसा. कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के इस मामले में कूदने के बाद उत्तराखंड में आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है.

वहीं, उत्तराखंड में सामान्य, ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों का इस मामले पर कहना है कि अगर राजनीतिक दल इस मामले में दखलअंदाजी करेंगे तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

देहरादून: प्रदेश में लंबे समय से पदोन्नति में आरक्षण को लेकर खींचतान चलती आ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण पर रोक लगाने का फैसला शुक्रवार को दे दिया. इसके बाद सामान्य-ओबीसी और एसटी-एससी दो वर्गों में बंट गया है. सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद भी एससी-एसटी वर्ग इस बात को मानने को राजी नहीं है. साथ ही कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे पर बहस के बाद ये मामला प्रदेश में एक बार फिर गरमाता नजर आ रहा है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तराखंड सरकार जल्द ही पत्राचार को आगे बढ़ाएगी. इसके साथ ही प्रदेश में लंबे समय से रुके तकरीबन 7000 पदोन्नति के पदों पर फिर से प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसमें आरक्षण लागू नहीं होगा.

पदोन्नति आरक्षण पर कर्मचारी संगठन ने कसी कमर

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वहीं, इस फैसले के बाद भी एससी-एसटी वर्ग के कर्मचारी बात मानने के लिए राजी नहीं है. जानकारी के अनुसार, एससी-एसटी वर्ग के कर्मचारी लगातार राजनीतिक दलों के संपर्क में है, जिसका असर आज देश की संसद में भी देखने को मिला. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस विषय को संसद में उठाया तो वहीं ट्वीट कर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी बीजेपी पर आरक्षण को लेकर तंज कसा. कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के इस मामले में कूदने के बाद उत्तराखंड में आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है.

वहीं, उत्तराखंड में सामान्य, ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों का इस मामले पर कहना है कि अगर राजनीतिक दल इस मामले में दखलअंदाजी करेंगे तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

Intro:एंकर- पदोन्नति पर आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद जहां एक तरफ सामान्य, ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों में खुशी की लहर थी तो वही देश की संसद में कांग्रेस के नेताओं द्वारा इस मामले को उठाए जाने के बाद एक बार फिर इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।


Body:वीओ- उत्तराखंड में पिछले लंबे समय से पदोन्नति में आरक्षण को लेकर चलती आ रही खींचतान के बाद आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण पर रोक लगाने का फैसला शुक्रवार को दिया था। जिसके बाद सामान्य, ओबीसी और एसटी, एससी दो धड़ों में बटे कर्मचारियों में से सामान्य, ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों को इस फैसले के बाद इसका फायदा मिलने जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद उत्तराखंड सरकार द्वारा जल्द ही पत्राचार को आगे बढ़ाया जा रहा है और प्रदेश में लंबे समय से तकरीबन 7000 रुके हुए पदोन्नति के पदों पर एक बार फिर से प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी जिसमें आरक्षण को लागू नहीं होगा।

तो इस फैसले के बाद दूसरा पक्ष एससी-एसटी वर्ग के कर्मचारी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी हार मानने के लिए राजी नहीं है। मिली जानकारी के अनुसार एससी-एसटी वर्ग के कर्मचारी लगातार राजनीतिक दलों के संपर्क में है। जिसका असर आज देश की संसद में देखने को मिला। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस विषय को संसद में उठाया तो वही ट्वीट कर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी बीजेपी पर आरक्षण को लेकर तंज कसा। कोंग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा इस मामले में कूदने के बाद उत्तराखंड में आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है। तो वही उत्तराखंड में सामान्य ओबीसी वर्ग के कर्मचारोयों का इस मामले पर कहना के अगर राजनीतिक दल इस मामले में दखलंदाजी करेंगे तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

बाइट- दीपक जोशी, अध्यक्ष कर्मचारी समानता मंच




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