देहरादून: प्रदेश में लंबे समय से पदोन्नति में आरक्षण को लेकर खींचतान चलती आ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण पर रोक लगाने का फैसला शुक्रवार को दे दिया. इसके बाद सामान्य-ओबीसी और एसटी-एससी दो वर्गों में बंट गया है. सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद भी एससी-एसटी वर्ग इस बात को मानने को राजी नहीं है. साथ ही कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे पर बहस के बाद ये मामला प्रदेश में एक बार फिर गरमाता नजर आ रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तराखंड सरकार जल्द ही पत्राचार को आगे बढ़ाएगी. इसके साथ ही प्रदेश में लंबे समय से रुके तकरीबन 7000 पदोन्नति के पदों पर फिर से प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसमें आरक्षण लागू नहीं होगा.
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वहीं, इस फैसले के बाद भी एससी-एसटी वर्ग के कर्मचारी बात मानने के लिए राजी नहीं है. जानकारी के अनुसार, एससी-एसटी वर्ग के कर्मचारी लगातार राजनीतिक दलों के संपर्क में है, जिसका असर आज देश की संसद में भी देखने को मिला. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस विषय को संसद में उठाया तो वहीं ट्वीट कर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी बीजेपी पर आरक्षण को लेकर तंज कसा. कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के इस मामले में कूदने के बाद उत्तराखंड में आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है.
वहीं, उत्तराखंड में सामान्य, ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों का इस मामले पर कहना है कि अगर राजनीतिक दल इस मामले में दखलअंदाजी करेंगे तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.