देहरादून: चकराता तहसील के अंर्तगत 120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना (Vyasi Hydroelectric Project) में आज (मंगलवार) से बिजली उत्पादन शुरू (start power generation) हो गया है. यूजेवीएनएल के अधिकारियों के अनुसार आज से व्यासी जल विद्युत परियोजना से नदी में पानी की उपलब्धता को देखते हुए 60 मेगावाट बिजली उत्पादन प्रदेश को मिलेगा. जहां प्रदेश को यूजेवीएनएल पीक आवर्स में 900 मेगावाट बिजली का उत्पादन देता था तो अब प्रदेश को 960 मेगावाट बिजली का उत्पादन मिलेगा.
यूजेवीएनएल रविवार और सोमवार को भी ट्रायल के तौर पर इस परियोजना से बिजली का उत्पादन कर रही थी. वहीं आज से विधिवत रूप से व्यासी जल विद्युत परियोजना से प्रदेश को 60 मेगावाट बिजली उत्पादन मिलना शुरू हो गया है. उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (Uttarakhand Jal Vidyut Nigam Limited) के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने बताया कि आज से व्यासी जल विद्युत परियोजना में पीक आवर्स में प्रदेश को 60 मेगावाट बिजली का उत्पादन मिलना शुरू हो गया है.
इस परियोजना के तहत 353 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन (Generation of 353 million units of electricity) होना है, जो परियोजना में नदी के जल उपलब्धता के साथ बढ़ाया जाएगा. बता दें कि इस परियोजना के तहत लोहारी गांव ने जलसमाधि ली (Lohari village took jal samadhi) थी और करीब 65 से अधिक परिवारों को विस्थापित किया गया है. व्यासी जल विद्युत परियोजना से देश के 5 राज्यों को बिजली (Electricity to 5 states of the country) और सिंचाई का लाभ मिलेगा. विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने इसे देश को समर्पित किया था.
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बता दें कि 1972 में 120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना की नींव रखी गई थी. पहले इसके निर्माण का जिम्मा जेपी हाइड्रो प्रोजेक्ट (Jaypee Hydro Project) को दिया गया था. 1990 में एक पुल हादसे के बाद इसका निर्माण अधर में लटक गया था. इसके बाद एनटीपीसी को निर्माण का जिम्मा (NTPC has the responsibility of construction) दिया गया, लेकिन वह भी पूरा नहीं हो सका. उसके बाद यूजेवीएनएल को इसके निर्माण का जिम्मा दिया गया और अब निगम ने इस पर उत्पादन शुरू कर दिया है. इस परियोजना के निर्माण में करीब 1777.30 करोड़ की लागत आई है.
यूजेवीएनएल के एमडी संदीप सिंघल ने बताया कि प्रदेश की 17 जल विद्युत परियोजनाओं में लक्ष्य से अधिक बिजली का उत्पादन किया जा रहा है. प्रतिदिन जहां 11.7 मिलियन यूनिट उत्पादन का लक्ष्य है, वहीं प्रतिदिन 13 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है. वहीं, बीते वर्ष 4837 मिलियन यूनिट के सापेक्ष 5157 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया, जो कि अब तक का सबसे अधिक उत्पादन का प्रदेश का रिकॉर्ड है. साथ ही इस वर्ष भी लक्ष्य से अधिक प्रतिदिन 12 से 13 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है. साथ ही प्रदेश को पीक आवर्स में 960 मेगावाट बिजली उत्पादन प्रदेश को दी जा रही है.