देहरादून: उत्तराखंड में धारा 27 के नाम पर बेहिसाब शिक्षकों के तबादले न शिक्षक संगठनों को समझ आ रहे हैं और न ही विपक्ष को रास आ रहे हैं. लिहाजा विपक्षी दल कांग्रेस से लेकर शिक्षक संगठन भी राज्य निर्वाचन आयोग से आचार संहिता के दौरान सामने आई तमाम तबादले की सूचियों पर अपनी आपत्ति दर्ज करवा चुके हैं. यही कारण है कि अब निर्वाचन आयोग को भी मुख्य सचिव को इसके संबंध में कार्रवाई के लिए लिखना पड़ा है.
उत्तराखंड में आचार संहिता के दौरान एकाएक शिक्षकों के तबादले को लेकर धारा 27 के तहत जो सूचियां सामने आई वह चौंकाने वाली थी. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले 5 सालों में भी अचानक इतनी ज्यादा शिक्षकों की धारा 27 के तहत सूची सामने नहीं आई थी, लेकिन आचार संहिता के दौरान आसपास की तारीखों में ही बड़ी संख्या में शिक्षकों के तबादले होने से शिक्षक संगठन हैरान है. विपक्षी दल इसे आचार संहिता का खुला उल्लंघन मान रहे हैं.
पढ़ें- हरीश रावत को राजेश शुक्ला की चुनौती, 'धामी को अपरिपक्व बताने वाले मेरे सामने आकर लड़ें'
बड़ी बात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से लेकर कांग्रेस के तमाम नेता इस बारे में आपत्ति दर्ज करा चुके हैं. साथ ही कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल आयोग में भी इसके लिए शिकायत कर चुका है. बड़ी बात यह है कि शिक्षक संगठन भी चुनाव आयोग में इसके लिए आपत्ति दर्ज करवा चुके हैं. यही कारण है कि चुनाव आयोग ने अब मुख्य सचिव को इस संदर्भ में शिकायत की जानकारी देते हुए उचित कार्रवाई के लिए कहा है.
आचार संहिता के दौरान सामने आई कई तबादले की सूचियां: प्रदेश में कोविड-19 के चलते 0 सत्र किया गया है. यानी किसी भी शिक्षक का तबादला इस दौरान नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद धारा 27 के तहत कई तबादले किए गए हैं. एक आकलन के अनुसार करीब 200 से ज्यादा शिक्षकों के एकाएक तबादले किए गए हैं.
पढ़ें- लैंसडाउन से चुनाव लड़ेंगी हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति, बोली- किसी भी पार्टी से नहीं गुरेज
बता दें कि धारा 27 के तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तमाम शिक्षकों के तबादलों को लेकर आवेदनों पर विचार किया जाता है. उसके बाद उचित पाए जाने पर इस पर कार्यवाही की जाती है. धारा 27 के तहत उन शिक्षकों को तबादले में शिथिलता दी जाती है जिन्हें गंभीर बीमारी हो या जिनके पति या पत्नी या बच्चे गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो. इसके अलावा दांपत्य के आधार पर भी तबादले को प्राथमिकता दी जाती है. यानी यदि किसी शिक्षक के पति या पत्नी दूसरे जिले में हो तो उन्हें एक ही जिले में लाने के लिए तबादला किया जाता है. साथ ही सेना में भर्ती पति या पत्नी वाले शिक्षक को भी इसका लाभ दिया जाता है.